पीएम मोदी – ओबामा की दोस्ती का असरः एनएसजी से पाकिस्तान बाहर और भारत को मिलेगी एंट्री!
नई दिल्ली – अमेरिका स्थित हथियारों के नियंत्रण संबंधी संगठन आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन (एसीए) ने इस बात की जानकारी दी है कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में नए देशों की सदस्यता को लेकर एक मसौदा तैयार किए गए नए मसौदे में एक ओर भारत को एनएसजी में शामिल करने की बात कही गई है, वहीं दुसरी ओर पाकिस्तान को इससे बाहर रखने की बात भी कही गई है। India NSG membership.
भारत को NSG का सदस्य बनवाने, अमेरिका ने चला दांव –
पिछले हफ्ते अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया था कि एनएसजी के पूर्व चेयरमैन राफेल मेरियानो ग्रासी ने दो पन्नों का एक मसौदा तैयार किया है। लोकिन यह दस्तावेज एनएसजी के वर्तमान अध्यक्ष दक्षिण कोरिया के सांग यंग वान की सलाह पर तैयार किया है। ग्रासी के प्रस्ताव में कहा गया है कि एनएसजी समूह में शामिल होने के लिए आवेदन करने वाले गैर परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) वाले देश एक दूसरे की सदस्यता को लेकर आपत्ति नहीं उठा सकते। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के सदस्य देशों के बीच इस महीने की शुरुआत में बांटे गए नए मसौदा प्रस्ताव से भारत के इस विशिष्ठ समूह का सदस्य बनने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है, लेकिन अगले महीने ओबामा प्रशासन का कार्यकाल पूरा होने तक ऐसा होने की संभावना नहीं है।
एनएसजी में भारत की सदस्यता पर पाक-चीन को ऐतराज –
चीन और पाकिस्तान दोनों कि शुरु से भारत कि सदस्यता को लेकर ऐतराज करते रहे हैं। पाकिस्तान की विदेश मामलों की अतिरिक्त सचिव तसनीम असलम ने आरोप लगाया कि भारत परमाणु पनडुब्बी का निर्माण कर रहा है। परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाने में भारत की कोशिश लगातार जारी है। भारत और जापान के बीच ऐतिहासिक परमाणु करार और एनएसजी पर मिले अतिरिक्त समर्थन पर तसनीम असलम ने कहा कि इससे क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को खतरा उत्पन्न होगा। पाकिस्तान के अलावा एनएसजी में भारत को सदस्यता मिलने पर चीन की तरफ से लगातार अड़चने पैदा की जाती रही है। सियोल में एनएसजी के पूर्णकालिक सदस्यों की बैठक में तकनीकी आधार पर चीन ने वीटो लगा दिया था।