दुल्हन ने दूल्हे को मंडप पर करवाया खूब इंतजार,जिसके बाद दूल्हे ने दुल्हन के साथ किया ये व्यवहार
एक दूल्हे और उसके रिश्तेदारों को उसकी होने वाली पत्नी ने कई समय तक शादी के मंडप पर इंतजार करवाया। वहीं जब ये दुल्हन मंडप पर देरी से आई तो दूल्हे और उसके परिवार वालों ने दुल्हन को कुछ कहने की जगह उसका स्वागत धूमधाम से किया। शादी के दौरान हुई ये अनोखी घटना महाराष्ट्र के औरंगाबाद की है। बताया जा रहा है कि जिस दिन दुल्हन रेणुका पवार की शादी थी उसी दिन उसका पेपर भी था। जिसके चलते रेणुका पवार अपनी शादी के समारोह में देरी से पहुंची थी। वहीं दुल्हन के देरी से आने पर उसको कुछ कहने की जगह उसका स्वागत शादी में आए लोगों ने तालियों के साथ किया।
शादी वाले दिन थी परीक्षा
रेणुका पवार 12 वीं क्लास की छात्रा है और 20 साल की रेणुका की शादी शंकर नाम के लड़के से तय कर दी गई थी। इन दोनों की शादी की तारीख मार्च महीने की निकली थी। रेणुका को पता था कि उसके बोर्ड के पेपर इसी महीने में आ सकते हैं। इसलिए रेणुका ने शादी की तारीख तय करते समय अपने और लड़के के घरवालों से ये साफ कह दिया था कि अगर उसकी शादी वाले दिन उसका बोर्ड का एग्जान आया, तो वो पहले अपने पेपर को प्राथमिकता देगी।
शादी वाले दिन था इकोनॉमिक्स का पेपर
रेणुका की शादी वाले दिन ही उसका इकोनॉमिक्स का एग्जाम पड़ गया। जिसके चलते रेणुका ने पहले अपने इकोनॉमिक्स के पेपर को दिया और फिर शादी के मंडप पर आकर शंकर के संग साथ फेरे लिए। रेणुका पवार के मुताबिक उसने शादी की डेट तय होने से पहले ही सबको ये बोल दिया था कि उसकी शादी की तारीख इस तरह से रखी जाए कि वो उसकी परीक्षा के दिन ना आए। मगर ऐसा नहीं हो सका और रेणुका की शादी वाले दिन ही उसका इकोनॉमिक्स का एग्जाम पड़ गया। जिसके चलते रेणुका ने सुबह जाकर पहले अपना ये पेपर दिया और फिर दोपहर को करीब 2:15 बजे अपने शादी के समारोह में पहुंच कर शादी की।
शंकर के परिवार वालों ने दिया रेणुका का साथ
लड़कियों की पढ़ाई को लेकर आजकल उनके खुद के माता पिता ज्यादा रुचि नहीं दिखाते हैं। लेकिन शंकर के घर वालों ने अपनी होने वाली बहू को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया और उसे पेपर देने से नहीं रोका। वहीं जब वो पेपर देकर अपनी शादी में पहुंची तो उसका अच्छे से स्वागत भी किया गया। बताया जा रहा है कि रेणुका की शादी जिस जगह पर थी उसी जगह पर तीन और शादियां भी थी और इन तीनों शादियों में आए सभी महमानों ने तालियों के साथ उसका स्वागत किया।
बेहद गरीब परिवार से आती हैं रेणुका
हरसुल गांव में रहने वाली रेणुका एक बेहद ही गरीब परिवार से आती हैं और रेणुका के पिता की मौत के बाद से उसके परिवार वालों को पैसों की काफी तंगी का सामना करना पड़ रहा है। रेणुका के मुताबिक शिक्षा उसके लिए बुहत जरूरी है और वो किस भी हालात में अपनी पढ़ाई से समझौता नहीं करने वाली है।