इन दो गांव के बच्चों की आपस में नहीं करवाई जाती है शादी, कारण पढ़कर हैरान हो जाएंगे आप
राधा जी और कृष्ण जी का एक दूसरे के लिए प्रेम कितना गहरा था ये हर कोई जनता है। राधा जी और कृष्ण जी के प्रेम के रंग आज भी इन दोनों के गांव में देखने को मिलते हैं। कृष्ण जी के गांव नंदगांव में अगर आप आज भी जाते हैं तो आपको इस गांव की मिट्टी में कृष्ण जी के बचपन की और उनके प्रेम की खुशबू का एहसास होगा। इसी तरह से राधा के गांव बरसाना में भी आपको इन दोनों की प्रेम कहानी आज भी अमर नजर आएगी। कहा जाता है कि कृष्ण जी राधा से मिलने के लिए उनके गांव जाया करते थे और वहां पर जाकर राधा और गोपियों के संग खूब होली खेला करते थे। इसी तरह से राधा जी भी कृष्ण जी से मिलने के लिए नंदगांव आया करती थी और ये दोनों एक साथ समय बिताया करते थे।
मानते हैं कृष्ण जी को अपना दामाद
बरसाना के निवासी कृष्ण जी को अपने गांव का दामाद मानते हैं और इस गांव के लोगों का कहना है कि इनके गांव का नंदगांव से एक ही दामाद है और वो केवल कृष्ण जी हैं। बरसाना के लोग कृष्ण जी के गांव से किसी और व्यक्ति को अपने गांव का दामाद नहीं बनाना चाहते हैं और इसी कारण के चलते बरसाना के लोग अपने गांव की किसी भी लड़की का रिश्ता नंदगांव में नहीं करते हैं। ठीक इसी तरह से कृष्ण जी के गांव वाले राधा को अपनी बहु मानते हैं और राधा के गांव की किसी भी अन्य लड़की को उनका स्थान नहीं देना चाहते हैं।
इन दोनों गांव वालों के अनुसार ये परंपरा कई सालों से चली आ रही है और कभी भी इन दोनों गांव ने एक दूसरे गांव के लड़के और लड़की की शादी नहीं करवाई है। इन गांव वालों का कहना है कि बरसाना का सिर्फ एक ही दामाद हमेशा रहेगा और वो श्रीकृष्ण जी है और इसी तरह से नंदगाव की केवल एक ही बहू होगी जो कि राधा हैं। इन लोगों ने इस अनोखे तरह से आज भी अपने गांव में राधा और कृष्ण जी के प्यार को अमर रखा है।
नहीं पीते हैं नंदगांव का पानी
नंदगांव से बरसाना आठ किलोमीटर की दूरी पर है। बरसाना के निवासी कृष्ण जी को अपना दामाद मानते हैं,जिसके चलते ये लोग कभी भी नंदगांव का पानी नहीं पीते हैं। इसी तरह से अगर कोई नंदगांव का व्यक्ति इनके गांव आए तो उसकी खूब सेवा की जाती है और उसको शगुन देकर भेजा जाता है।
इन दोनों गांवों के बीच संबंध काफी अच्छे हैं और हर साल इन दोनों गांवों के बीच लट्ठमार होली खेली जाती है। इस होली के दौरान नंदगांव के आदमी बरसाना आते हैं और बरसाना की औरते उनको लाठियों से पीटती हैं। वहीं नंदगांव के लड़के खुद को बचाने की कोशिश करते हैं। आपको बात दें कि बरसाना की औरत केवल नंदगांव के ही आदमियों को लाठी मारती हैं और बरसाना के आदमी इस नजारे का आनंद लेते हैं। जिस तरह से कृष्ण जी राधा के गांव आकर होली खेलते थे उस परंपरा का आज भी यहां जिंदा रखा गया है।