जानें क्या है आचार संहिता? क्यों चुनाव से पहले करते है इसे लागू औऱ क्या है इसके नियम?
साल 2019 चुनाव के लिहाज से बहुत खास है क्योंकि इस साल एक बार फिर हमें पता चलेगा कि किसकी सरकार बनने वाली है। चुनाव के तारीखों का भी एलान हो चुका है और इसके साथ ही पूरे देश में अब आचार संहिता भी लागू हो चुकी है। आपके मन में अक्सर सवाल आता होगा की ये आचार संहिता क्या होती है औऱ ये चुनाव के समय लागू क्यो होती है। आपको बताते है कि आचार संहिता क्या है, कब तक लागू रहती है, क्यों लागू होती है और इसका उल्लंघन करने वाले को क्या दंड मिलता है?
क्या है आचार संहिता के नियम
- आचार संहिता लागू होने के बाद भी कई नियम लागू होते हैं जिन्हें सभी नेताओं और राजनीतिक दलों को मानना होता है। साथ ही कोई भी इसकी अवहेलना नहीं कर सकता है।
- आचार संहिता लागू होने के बाद सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी ऐसे कार्य में नहीं किया जाएगा जिससे किसी विशेष राजनीतिक दल या किसी भी राजनेता को कोई फायदा पहुंचे।
- सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान, या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं होगा
- किसी भी तरह की सरकारी घोषणाएं, लोकार्पण या शिलान्यास भी नहीं किया जाएगा
- किसी भी राजनेता, प्रत्याशी, समर्थक, राजनीतिक पार्टी को कोई रैली करनी तो पहले पुलिस से इजाजत लेनी होगी। साथ ही किसी भी रैली में कभी भी धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे।
कब से लागू हुई है आचार संहिता
आचार संहिचा हमेशा चुनाव की तारीख के साथ ही लागू हो जाती है। इस लिहाज से रविवार को चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई और इसके साथ ही देशभर में आचर संहिता लागू कर दी गई।
कब तक लागू रहेगी
आचार संहिता चुनाव प्रकिया संपन्न होने तक लागू रहती है।ये वोटों की गिनती होने और मतगणना होने तक जारी रहती है। इस बार लोकसभा चुनाव की काउंटिंग 23 मई 2019 को है तो इस लिहाज से 10 मार्च से शुरु हुई आचार संहिता 23 मई 2019 तक जारी रहेगी जब तक परिणाम सामने नहीं आ जाते औऱ सरकार नहीं बन जाती।
ये आचार संहिता का नियम राजनेता, पार्टी, दल किसी के लिए भी सोशल मीडिया पर भी लागू किया जा रहा है। दरअसल युवाओं और दूसरे लोगों के बीच सोशल मीडिय का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है ऐसे में अग उस पर आचार संहिता नहीं लागू की गई तो चुनाव पर काफी असर पड़ सकता है।
जानें सोशल मीडिया पर किस तरह से लगेगी आचार संहिता
- सभी राजनीतिक पार्टियों को नामांकन दाखिल करते समय सभी उम्मीदवारों को अपन सोशल मीडिया अकाउंट जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम , ट्वीटर और यूट्यूब की पूरी जानकारी देनी होगी।
- अगर कोई भी राजनीतिक पार्टी किसी भी सोशल मीडिया पर किसी भी तरह का विज्ञापन कर रही है तो उसके लिए सर्टिफिकेट लेना होगा।
- बिना वेरिफिकेशन वाले कोई भी विज्ञापन गूगल, फेसबुक, ट्विटर या यूट्यूब पर पोस्ट नहीं किए जाएंगे।
- सभी राजनीतिक पार्टियो को कुल चुनावी खर्चे में सोशल मीडिया पर खर्च होने वाले पैसे को भी शामिल करना होगा और इसकी जानकारी देनी होगी।
- कोई भी पार्टी या दल या राजनेता किसी भी सेना की तस्वीर का इस्तेमाल पार्टी के चुनाव प्रचार प्रसार के लिए नहीं कर सकती। साथ ही किसी भी तरह की फर्जी खबरें भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नहीं शेयर करना होगा।
आचार संहिता का उल्लंघन
आचार सहिता का उल्लंघन करने वाले किसी भी राजनेता, दल, पार्टी के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी।
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