इन तीन चीजों का अपमान करने से खत्म हो जाते हैं सारे किए हुए पुण्य कर्म
हमारे शास्त्रों में तीन ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है जिनका अपमान करने से सारे पुण्य कर्म एकदम खत्म हो जाते हैं और आपको पाप चढ़ जाता है। इन तीन चीजों का किया गया अपमान आप लाख अच्छे काम करके भी उतार नहीं सकते हैं।
भूलकर भी इन चीजों को ना करें अपमानित
गाय का अपमान
शास्त्रों में गाय को काफी पवित्र माना गया है और यही वजह है कि लोग गाय की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि गाय के अंदर देवी देवताओं का वास है और गाय की सेवा करने से पुण्य मिलता है। इतना ही नहीं गाय को पंचभूत की मां भी कहा जाता है। हमारे पुराणों में कहा गया है कि जो भी इंसान गाय का अपमान करता है उसे पाप चढ़ता है और गाय का अपमान करने पर चढ़ा पाप तीर्थ स्थानों के दर्शन और पवित्र नदियों का स्नान करने से भी नहीं उतरता है। इसलिए आप कभी भी भूलकर गाय का अपमान ना करें और गाय की सेवा करें। क्योंकि गाय की सेवा करने से कई पापों को खत्म किया जा सकता है।
गाय की सेवा कैसे करें
हर शहर में आजकल गाऊ शाला जरूर होती है और आप इन गाऊ शाला में जाकर गाय की सेवा कर सकते हैं। आप गाऊ शाला में मौजूद गायों को खाने के लिए रोटी डाल सकते हैं या फिर उनकी साफ सफाई करके भी पुण्य कमा सकते हैं।
कैसे होता है गाय का अपमान
अगर आप किसी गाय को भूखा देखकर भी उसको खाने के लिए कुछ भी नहीं देते हैं तो ऐसा करने से गाय का अपमान हो जाता है। इसी तरह से गाय को अगर आप मारते हैं तो आप पर पाप चढ़ जाता है।
तुलसी का पौधा
तुलसी का पौधा एक पवित्र पौधा होता है और इस पौधे की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति है। हालांकि अगर इस पौधे का अपमान किया जाए तो आप पाप के भागीदारी बन जाते हैं। विष्णुपुराण में तुलसी के पौधे को लेकर उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इस पौधा का अपमान करने पर भगवान नाराज हो जाते हैं. इसलिए अपने जीवन में कभी भी इस पौधे का अपमान ना करें।
कितना पवित्र है ये पौधा
ये पौधा कितना पवित्र है इस बात का अंदाज आप इसी चीज से लगा सकते हैं कि इस पौधे के घर में होने से जीवन में नकारात्मक ऊर्जा नहीं आ पाती है। भगवान विष्णु को इस पौधे की पत्तियां अर्पित करना काफी शुभ माना जाता है. साथ में जो लोग इस पौधे की रोज पूजा करते हैं उनको पुण्य प्राप्त होता है.
कैसे होता है अपमान
तुसली के पौधे को अपने घर में लगाने के बाद उसकी पूजा ना करने से आपको पाप चढ़ता है. इसके साथ ही रात के समय इस पौधे के पत्ते तोड़ना भी सही नहीं माना जाता है. इस पौधे के आसपास सफाई रखना जरूरी होता है और इस पौधे के पास चप्पल पहनकर जाने से इस पौधे का अपमान होता है. आप तुसली के पत्तों का इस्तेमाल गणेश जी और भगवान शिव की पूजन के दौरान कभी ना करें।
गंगा का अपमान
गंगा नदी हमारे देश की पवित्र नदियों में से एक है और इस नदी के बारे में शिवपुराण में लिखा गया है कि, जो लोग इस नदी के पानी से स्नान करते हैं उनके पाप खत्म हो जाता हैे. वहीं इस नदी के अपमान करने से व्यक्ति को ऐसा पाप चढ़ता है जो कि कभी भी नहीं उतर पाता है. इसलिए गंगा जल का इस्तेमाल सही तरह से ही करना चाहिए।
कैसे होता है गंगा जल का अपमान
आप अपने घर में कभी भी गंगाजल को उस स्थान पर ना रखें जहां पर मदिरा जैसी चीजे रखी जाती हैं. इस जल को कभी भी अपवित्र हाथों से ना छुएं. पूजा के समय इस जल का इस्तेमाल करते समय इस जेल की बोतल को सीधे तौर पर जमीन पर ना रखें.