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लड़कों के लिए ये गलत धारणाएं बना लेती है लड़कियां, जाने क्या है सच्चाई

भगवान ने नर औऱ नारी दोनों बनाएं, लेकिन माना गया कि सारी जटिलताएं महिलाओं के हिस्से मढ़ दी गईं। लड़कियां ज्यादा भावुक होती है, उन्हें ज्यादा रोना आता है, वो खुलकर हंस देती है, उनसे सदमा बर्दाश्त नहीं होता जैसी बातें लड़कियों के लिए कही जाती है। वहीं लड़कों के जिम्मे सख्ती और साहस लिख दिया गया। लड़कियां खुद इस बात को सच मान लेती है जो गलत हैं। लड़के भी इंसान हैं और उनमें भी भाव होते हैं, लेकिन वो जल्दी जताते हैं। आपको बताते हैं लड़को के बारे में वो बातें जिन्हें महिलाएं गलत तरीके से सोचती हैं।

लड़के रोते नहीं

पहले तो ये जान लें कि पुरुष को भी भगवान ने बनाया है और उन्हें भी वहीं भाव मिला हैं। यहां तक की कहा जाता है कि लड़के लड़कियों से ज्यादा भावुक होते हैं, लेकिन उन्हें छिपाना ज्यादा बेहतर तरीके से आता है। लड़कियां जल्दी रोने लगती हैं औऱ लड़के सामने नहीं रोते तो उन्हें लगता है कि लड़को को रोना आता ही नहीं है। असल में लड़के अपने आसुओं को जल्दी जाहिर नहीं होने देते क्योंकि वो अपनी सख्ती से कई बार दूसरों को सहारा देते हैं।

अलग होने का गम नहीं

लड़कियों को लगता है कि जब उनका ब्वॉयफ्रेंड उनसे ब्रेकअप करता है या फिर पति उन्हें छोड़ कर जाता है तो वो खुश हो जाता है। ऐसी गलतफहमी को दूर कर लें। लड़के भी ब्रेकअप होने से टूट जाते हैं। भावनात्मक रुप से वो कमजोर होते हैं। लड़कियां तो फिर भी दिल की बात कहकर अपना बोझ हल्का कर लेती हैं, लेकिन लड़कों के लिए कई बार वो सहन कर पाना भी मुश्किल होता है इसलिए कई बार उन्हें नशे का सहारा लेना पड़ता है।

परिवार से कटे रहते हैं

लड़कियां मानती है कि वो परिवार से ज्यादा घूलमिल कर रहती हैं जबकि लड़के कटे कटे घूमते हैं। लड़के अपने सम्मान को लेकर बहुत गंभीर होते हैं। उन्हें परिवार से सम्मान और प्यार मिलता है तो वो जुड़ाव महसूस करते है, लेकिन बहुत जताते नहीं है। अगर उन्हें परिवार से हमेशा ताने मिलते रहते हैं तो वो खुद को दूर रखना चाहते हैं।

लोगों का व्यवहार


सिर्फ महिलाएं ही सहनशील नहीं होती बल्कि पुरुष भी सहनशील होते हैं। उनकी भावानएं भी बिल्कुल वैसे ही आहत होती हैं जैसी आपकी। जब उन्हें किसी से धोखा मिलता है तो वो भी टूट जाते हैं और फिर किसी पर विश्वास करने के लायक नहीं रह जाते हैं। वो हंसी मजाक आराम से बर्दाश्त कर लेते हैं, लेकिन अगर कभी कोई बात बहुत ज्यादा बूरी लग गई तो वो बात को जल्दी भूला नहीं पाते हैं।

जिम्मेदारी से भागना

लड़कियों को लगता है कि लड़के अक्सर जिम्मेदारी से भागते हैं जबकि ऐसा नहीं है। कुछ लोगों के नेचर पर निर्भर करता है कि वो कैसे हैं, लेकिन आम तौर पर लड़को में जिम्मेदारी का एहसास होता है। वो बचपन से ऐसे माहौल में पले होते हैं जहां उन्हें पता रहता है कि घर का खर्च और लोगों की जिम्मेदारी उन्हें ही उठानी है। इस वजह से वो कई बार गंभीर भी रहते हैं, लेकिन जिम्मादारी का एहसास उन्हे भी रहता है।

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