महिला दिवस : बिहार की इस बेटी ने मिग-21 उड़ाकर रच दिया इतिहास, ये हैं नये भारत की महिलाएं
आज के समय में महिलाएं पुरुषों के कदम से कदम मिलाकर हर क्षेत्र में अपना अस्तित्व बना रही हैं. 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी महिलाओं को बधाई देते हैं लेकिन बाद में वो ही लोग उन्हें गाली या फिर बुरी नजर से प्रताड़ित करते हैं. महिलाओं ने अपने दम पर पूरी दुनिया पर फतेह हासिल करके पुरुषों को भी पीछे कर रही हैं. महिलाओं के बिना ये पूरी दुनिया अधूरी है क्योंकि हर किसी को एक मां, एक बहन, एक पत्नी और एक बेटी की जरूरत होती है क्योंकि उनके बिना कोई भी पुरुष अधूरा ही होता है. आज हम आपको ऐसी लड़की के बारे में बताएंगे जिसने मिग-21 को उड़ाया. बिहार की इस बेटी ने मिग-21 उड़ाकर रच दिया इतिहास, इन्हें पूरे भारत का शीष झुकाकर सलाम.
बिहार की इस बेटी ने मिग-21 उड़ाकर रच दिया इतिहास
भारतीय वायुसेना की फ्लाइंड ऑफिसर भावना कंठ ने एक नया इतिहास रचा है. उन्होने वायुसेना का मिग-21 लड़ाकू विमान अकेले उड़ाया और ऐसा करने वाली भावना दूसरी महिला फाइटर पायलट बन गई हैं. इससे पहले फ्लाइंग अवनी चतुर्वेदी ने मिग-21 लड़ाकू विमान को अकेले ही उड़ाकर अलग इतिहास रच दिया था. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, अवनी चतुर्वेदी और अब भावना कंठ, ये हैं नये भारत की नई युवा महिलाएं जिन्हें अपना नाम बनाने के लिए किसी का सहारा नहीं लेना पड़ा. भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग ऑफिसर भावना सेठ ने अपने इस मौके को बिना गवाए इतिहास रच दिया गै. वायुसेना में महिलाएं साल 1991 से ही हेलिकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ाती हैं लेकिन लड़ाकू विमान का मौका अब इन्हें मिलने लगा है. पिछले दिनों भावना कंठ ने अंबाला एयरपोर्ट स्टेशन से मिग-21 लड़ाकू विमान उड़ाया और अपने विमान के साथ वो लगभग 30 मिनट तक हवा में रहीं.
बिहार की बेटी भावना कंठ दरभंगा जिले के घनश्यामपुर प्रखंड के बाउर गांव की रहने वाली हैं. उनकी स्कूली शिक्षा बेगुसराय के बरौनी रिफाइनरी के डीएवी स्कूल से हुई और दसवीं के बाद भावना ने कोट के विद्दा मंदिर में एडमिशन किया. इसके साथ ही इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा के लिए तैयारी शुरु की और आपको बता दें कि बैंगलुरू के बीएमसी कॉलेज से बी.टेक करने के बाद भावना का सिलेक्सन भारतीय वायुसेना में हुआ. बचपन से ही भावना का लक्ष्य उड़ान भरने में था.
26 साल की उम्र में रच दिया इतिहास
1 दिसंबर, 1992 को बिहार में जन्मी भावना कंठ पेशे से पायलट हैं. बचपन से भी भावना हवा में उड़ना चाहती थीं और उन्होंने अपने पिता के साथ से अपना सपना साकार किया. भावना कंठ ने मोहना सिंह और अवनी चतुर्वेदी के साथ मार्च, 2016 में लड़ाकू उड़ाने की योग्यता हासिल की है. पिछले दो साल में इन्हें लड़ाकू विमान उड़ने की गहरी शिक्षा दी गई. लड़ाकू विमान अकेले उड़ाने का गौरव सबसे पहले अवनी चतुर्वेदी को मिला और अब भावना कंठ का नाम भी इसी में शामिल हो गया.