गलत लोगों के साथ रहने पर अच्छे व्यक्ति को भी सजा भुगतनी पड़ती है, साथ के चुनाव के लिए समझदारी जरुरी
बचपन से ही हमें अक्सर अपने दोस्तों के बारे में अपने माता पिता से सुनते आए थे कि ये दोस्त अच्छा है इसके साथ रहो या ये अच्छे नहीं है इससे दूर रहा करो। हम बचपन से ऐसी बातें सुनते आए हैं औऱ बड़े हो गए। हम हमेशा ये ही सोचते रहे के दोस्त बूरे कैसे हो सकते हैं, और अगर वो कोई ऐसी हरकत करते हैं तो उससे हमें क्या, लेकिन हम ये नहीं जानते की गलत लोगों की संगति में रहने से अक्सर हमें उन गलतियों की सजा भुगतना पड़ता है जो हमने किया ही नहीं। इस बात को हम आपको एक कहानी के रुप में समझाते हैं।
रास्ते में थक कर सो गया राजा
बहुत पहले एक राजा अकेले ही भ्रमण पर निकला था। दूसरे राज्य में जाते जाते उसे थकान हो गई तो वो वहीं थक के बैठ गई। रास्ते में थक गया तो एक पेड़ के नीचे आराम करने लगा। राजा अकेले था तो धनुष- बाण सब अपने बगल में रखकर सोने लगा।रास्ते की थकान थी तो उसे जल्दी ही नींद आ गई। नींद धीरे धीरे काफी गहरी हो हई। कुछ देर में एक कौआ कर उस पेड़ के नीचे बैठ गया और राजा के ओढ़ी हुई चादर गंदी कर दी।
राजा गहरी नींद में था तो उसने अपनी गंदी चादर नहीं देखी। कौआ भी उड़ कर चला गया। कुछ देर बाद उसी जगह पर हंस आ गया और वहीं बैठ गया जहां कौआ बैठा था। राजा की अचानक से नींद खुली। राजा ने देखा की जो चादर ओढ़कर वो सोया था उसपर किसी पक्षीं की बीट है। राजा ने देखा तो उसे हंस दिखाई दिया। राजा को गुस्सा आ गया और बिना कुछ सोचते समझे हंस को मार दिया। हंस को बाण लगा और वो मरकर नीचे गिर गया।
हंस को मिली कोए की गलती की सजा
एक संत दूर बैठे ये सब होते देख रहा था। उसने राजा को कहा कि आपने एक निर्दोष जीव की हत्या कर दी। जिसने आपकी चादर गंदी की वो एक कौआ था कोई हंस नहीं। हंस ने सिर्फ इतनी गलती कर दी की वो कौए की जगह आकर बैठ गया था। जो गलत काम कौए ने किया था उसकी सजा हंस को मिली। राजा को सुनकर बहुत दूख हो गया और उसने इस घटना से सीख ली।
कई बार कौए जैसे लोगों के साथ हंस जैसे लोग घूमते हैं औऱ उनकी गलती की सजा उन्हें भुगतनी पड़ती है। जो गलती करता है उसे सजा मिलती है, लेकिन उसे उसके कर्मों की सजा मिलती है, लेकिन जो इनकी बूरी संगत में रहता है ऐसे लोगों को भी बिना किसी गलती की सजा भुगतनी पड़ती है। गलत लोगों की संगत में रहन से बचें। दुष्ट लोग आपको अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश करते हैं, लेकिन इनसे दूर रहना ही बेहतर है।
हम हमेशा अपने फैसलों को ही सही मानते है, लेकिन कई बार सामने वाला कितना सही है औऱ कितना नहीं हम नहीं समझ पाते। ऐसे में हमें बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। खुद को ऐसे लोगों से दूर रखें औऱ सिर्फ अपने कर्म पर ध्यान दें और आपके साथ कुछ गलत नहीं होगा।
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