पिता के शव के साथ बैठकर लड़की ने की रातभर पढ़ाई, सुबह जाकर दिया दसवीं बोर्ड का एग्जाम
शिक्षा हासिल करने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते. असली शिक्षा एसी में बैठकर और सारे सुख सुविधाओं के साथ नहीं प्राप्त की जा सकती. असली शिक्षा वहीं लोग प्राप्त करते हैं जिनके अंदर शिक्षा ग्रहण करने की जिद्द होती है. आपने देखा होगा की यूपीएससी और एसएससी एग्जाम को क्लियर करने वाले छात्र अक्सर गरीब घर से आते हैं. आपने वह कहानी भी पढ़ी होगी कि किस तरह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री शिक्षा ग्रहण करने के लिए स्ट्रीट लाइट के नीचे बैठकर पढ़ाई किया करते थे. लेकिन क्या आप कभी सोच सकते हैं कि शिक्षा के प्रति किसी की इतनी लगन हो सकती है कि वह रातभर एक लाश के साथ बैठकर पढ़ाई करे. जी हां, कुछ लोगों के लिए शिक्षा ग्रहण करना इतना ज्यादा महत्वपूर्ण होता है कि वह ऐसा करने से भी नहीं घबराते. आज के इस पोस्ट में हम आपके लिए एक ऐसी घटना लेकर आये हैं जिसके बारे में जानकर आपकी रूह कांप जायेगी. ये घटना महाराष्ट्र के भंडारा जिले की है. महाराष्ट्र की एक लड़की ने एक ऐसा उदाहरण पेश किया है कि आप भी कुछ देर के लिए सोच में पड़ जाएंगे.
कैंसर से हुई पिता की मौत
भंडारा जिले के खैरी की निवासी प्रणति खेमराज मेश्राम ने रातभर अपने पिता के शव के पास बैठकर पढ़ाई की. प्रणति ने न सिर्फ पढ़ाई की बल्कि सुबह उठकर अपना हाईस्कूल का पेपर भी देने गयी. बता दें, प्रणति भंडारा के डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर विद्यालय लखूंदर में 10वीं की छात्रा हैं. प्रणति के पिता की मौत बीते 4 मार्च को कैंसर की वजह से हो गयी थी.
बता दें, प्रणति के पिता महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम में कार्यरत थे. प्रणति ने कहा कि उसे आज भी अपने पिता की बात याद है. अपने पिता की बात को याद करते हुए प्रणति ने बताया कि पापा कहा करते थे कि शिक्षा ही किसी के भाग्य और भविष्य को अच्छे में बदल सकती है. प्रणति के परिवार में पिता के अलावा उसकी मां और एक भाई है. पिता के जाने के बाद सारी जिम्मेदारी उसी पर आ गयी है.
अध्यापकों ने घर आकर बढ़ाया हौसला
जैसे ही स्कूल में पता चला कि प्रणति के पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे, विद्यालय के प्रधानाचार्य एस के खोबरागड़े, पर्यवेक्षक आरएम मुले, शिक्षक संजय प्रधान और एसडब्ल्यू दीवाते उसके घर पहुंचे. अध्यापकों ने इस संकट की घड़ी में संवेदना प्रकट करते हुए प्रणति के जज्बे को सलाम किया. उन्होंने प्रणति का हौसला बढ़ाते हुए पिता के सपने को पूरा करने के लिए कहा. इसके बाद वह रातभर अपने पिता के शव के पास बैठकर पढ़ाई करती रही और सुबह जाकर एग्जाम दिया. बता दें, अगली सुबह प्रणति का 10वीं का बोर्ड का एग्जाम था. उसे अंग्रेजी का पेपर देने जाना था. रातभर शव के साथ पढ़ाई करने के बाद वह स्कूल गयी और अपनी परीक्षा दी और बाद में घर आकर पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुई.
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