कुछ पाने की तलाश में क्यों हम प्यार को अनदेखा कर देते हैं, जबकि सबसे बड़ी दौलत तो प्यार है
प्यार की परिभाषा ना तो तय की जा सकती है और ना ही उसकी कोई सीमा होती है। प्यार वही नही है जिसमें एक लड़की और लड़के के एहसास हों, प्यार तो हर रिश्ते में मौजूद होता है। कई बार हमें प्यार मिलता रहता है, लेकिन हम जान ही नहीं पाते। जिस दिन वो प्यार मिलना बंद हो जाता है, जीवन में अंधेरा छा जाता है औऱ हमें एहसास होता है कि हम अपने जीवन में क्या खो चुके है। इस बात का उदाहरण आपको एक कहानी के रुप में देते हैं।
सफल क्रिकेटर बनना चाहता था गौरव
गौरव स्कूल में पढ़ने में तो अच्छा था ही साथ ही क्रिकेट का भी शौक रखता था। उसके माता पिता उसके इस हुनर की कद्र करते थे और उसका उत्साह देखकर हमेशा उसे बढ़ावा दिया करते थे। गौरव ने पिता ने बचपन से ही उसे क्रिकेट कोचिंग में डाल दिया था जिससे वो बचपन से ही अपने हुनर को और औऱ निखारे और आगे चलकर एक सफल क्रिकेटर और व्यक्ति बन सके।
गौरव अपने माता पिता की एकलौती संतान था, इसलिए उसे जीवन में हर सुख सुविधा बिना कुछ कहे ही मिली थी। उसके हर शौख पूरे होते। माता पिता दिन भर सिर्फ अपने बच्चे की खुशी में लगे रहते। अच्छा भोजन, कपड़े, गेम्स सबकुछ मिलता था उसे। धीरे धीरे खेल खेलते खेलते गौरव बड़ा हो गया। पढ़ाई मे तो अच्छा था ही, क्रिकेट में भी उसने काफी तरक्की कर ली थी
रोज कॉलेज जाता, थका हारा घर आता फिर क्रिकेट प्रेक्टिस फिर दोस्तों के साथ मटरगश्ती ये ही उसका डेली रुटिन था। उसके पास समय ही नहीं रहता था कि वो अपने माता पिता के साथ ज्यादा वक्त बिता सके। उसकी मां हमेशा सुबह उठकर उसका फेवरेट खाना बनाती औऱ पीछे पीछे लगी रहतीं, जब तक वो कॉलेज नहीं चला जाता। अब वो कॉलेज वाला लड़का था, माता पिता का हमेशा प्यार जताते रहना उसको खीज महसूस करवाता था।
जब अचानक घर लौटा गौरव
गौरव अब घर देर से ही लौटता और बिना माता पिता से कोई बात कहे सो जाता औऱ सुबह भाग जाता। एक दिन उसकी मां ने उसका फेवरेट हलवा बनाया, लेकिन गौरव बिना वो हलवा खाए घर से बाहर चला गया। धीरे धीरे वो अपनी प्रैक्टिस में इतना रम गया कि उसे किसी चीज का होश ही नहीं रहा। उसे अपने माता पिता से भी बात किए भी काफी समय बित गया था।
एक दिन वो प्रैक्टिस कर रहा था, तभी बीच प्रैक्टिस में गौरव के कोच ने गेम रुकवा दिया औऱ उसे घर जाने को कहा। गौरव को बहुत ही हैरानी हुई की सर को एक दिन की भी छुट्टी नहीं देते हैं आज घर जाने को क्यों कह रहे। इसके बाद वो घर की ओर बढ़ा तो देखा कि उसके घर पहले से बहुत भीड़ लगी थी और लोग हैरान-परेशान हैं, कुछ रो भी रहे थे। उसने देखा की उसके माता पिता दोनों का देहांत हो गया था। एक कार एक्सीडेंट में दोनों खत्म हो गए थे। वो नजारा देखकर गौरव के होश उड़ गए। आजतक जिन्हें वो अब तक नजरअंदाज करता आया था वो आज उसके साथ नहीं थे। अब जाकर गौरव को समझ आया था कि जो उसे अब तक मिल रहा था वो माता पिता का प्यार था और आज वो उससे छिन गया था।
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