
आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद सामने आ रहा है पाक सेना और पाक सरकार के बीच मतभेद
न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने फैसला लिया था कि अब वो पाकिस्तान से बातचीत ना कर के उनको मुंहतोड़ जवाब देंगे। जिसके बाद भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालकोट में एयर स्ट्राइक कर के आतंकी संगठन जैश के ठिकानों को नस्तोनाबूद कर दिया था। इस हमलें में करीब 300 आतंकियों के मारे जाने की खबर सामने आई थी।
जिसके बाद 27 फरवरी को पाकिस्तान ने भारत में घुसपैठ कर हमला करने की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय वायुसेना ने उनकों खदेड़ भगाया था। बता दें कि इस हमले के बाद ना सिर्फ भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान पर आतंकी संगठनों को खत्म करने का दबाव बनाना शुरू किया गया था। पाकिस्तान के ऊपर बन रहे इस दबाव के बाद अब पाकिस्तानी सरकार ने आतंक के खिलाफ कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। जिसके बाद ऐसी खबरें सुनने में आ रही हैं कि सरकार और सेना के बीच मतभेद होना शुरू हो गए है।
बता दें कि पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने मंगलवार को आतंकवादियों और उनके संगठनों पर बड़ी कार्रवाई की, जिसके बाद पाकिस्तान की सेना का एक बयान सामने आया है। सेना के इस बयान से सरकार और सेना में मतभेद के संकेत मिल रहे हैं। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने इस मिशन के बाद एक बयान जारी किया है जिसमें वो रह रहे हैं कि ये कार्रवाइयां किसी बाहरी दबाव में नहीं की गयी हैं, बल्कि ये कार्रवाइयां नेशनल एक्शन प्लान का हिस्सा हैं। पाकिस्तान के इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन आइएसपीआर के डीजी मेजर जनरल असीफ गफूर ने कहा है कि यह कदम प्रतिबंधित संगठनों व व्यक्तियों के खिलाफ नेशनल एक्शन प्लान के तहत उठाया गया है।
उन्होंने बताया कि आतंकियों के खात्में को लेकर के सभी पार्टियां एकमत थी जिसके बाद ये फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि ऐसे कदम 2014 से ही उठाये जाते रहे हैं, जब पुलवामा मामला नहीं था। उन्होंने कहा कि जमात उद दावा और फलाह-ए-इंसानियत पर प्रतिबंध लगाने का फैसला जनवरी में ही लिया गया था। बता दें कि मंगलवार को पाकिस्तान सरकार ने जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई मुफ्ती अब्दुल रउफ व बेटे हमाज अजहर सहित 44 आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया था।
पाकिस्तान के गृहमंत्री शहरयार खां ने भी इस संबंध में एक प्रेस कान्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने बताया कि,उन्होंने राज्य सरकारों को भी ऐसे संगठनों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने का निर्देश दिया था। वहीं 21 फरवरी को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नेशनल सिक्यूरिटी कमेटी की बैठक में नेशनल एक्शन प्लान पर निर्णय लिया था। बता दें कि पुलवामा हमले के बाद से ही पाकिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र संघ सहित दुनिया के सभी देशों का दबाव बन रहा था जिसके चलते पाक ने ये कदम उठाया।