नहीं सुधरेंगे सिद्धू, एक बार फिर नवजोत सिंह सिद्धू ने मोदी सरकार पर उठाए सवाल, कही ये बड़ी बात
न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे मतभेद और तनाव के बीच भारत के ऐसे कई नेता हैं जिन्होंने पाकिस्तान का पक्ष रखा है। जहां एक तरह पाकिस्तान को उसके किए का सबक सिखाने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने सरकार का साथ देने की बात कही है वही देश के कुछ नेता हैं जो पाकिस्तान से अभी भी बातचीत करने को कह रहे हैं। जैसा की सब जानते हैं कि पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कई ऐसे विवादित बयान दिए हैं जिसके बाद उनको काफी विरोधों का सामना करना पड़ा, यहां तक की उनको कपिल के शो से भी बाहर कर दिया गया।
लेकिन नवजोत सिंह अपनी हरकतों से बाज नहीं आने वाले हैं और उन्होंने एक बार फिर से नवजोत सिंह सिद्धू ने सेना और नरेंद्र मोदी को लेकर बड़ा बयान दिया है। नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी सरकार सेना का इस्तेमाल कर राजनीतिकरण कर रही है। सिद्धू इससे पहले भी सरकार पर सेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक को लेकर सवाल उठा चुके हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट कर कहा, ”सेना राज्य के समान पवित्र है! राजनीतिक उद्देश्यों के लिए शीर्ष संस्थानों का राजनीतिकरण करना बंद करें। सीबीआई को कठपुतली बनाया, आरबीआई को घुमाया, रॉ के गुप्त कार्यों को उजागर किया और न्यायपालिका की फटकार सुनी। भगवान के लिए लड़ाई लड़ने के लिए सेना छोड़ दें … चुनाव नहीं!
Army is as sacred as the state!
Stop politicising the top institutions for political motives.
Made a puppet of CBI, arm-twisted the RBI, covert operations of RAW exposed and the judiciary’s reprimand.For God sake leave the army to fight battles… not elections! pic.twitter.com/bzKjrYAR3v
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) March 5, 2019
Army is as sacred as the state!
आरबीआई, सीबीआई और रॉ का सियासी करन कर के,
अब पवित्र फ़ौज़ के कंधों से सियासी तीर मत चलाओ प्रचार मंत्री जी|
जवानों की शहादत का बदला आतंकवादियों से लेना था, पेड़ों और पहाड़ों से नहीं|Press Conference of the judicary’s resentment was unprecedented. pic.twitter.com/Hn18oNPIyx
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) March 5, 2019
सिद्धू यहीं नहीं रूके उन्होंने एक और ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि, ‘आरबीआई, सीबीआई और रॉ का सियासी करन कर के, अब पवित्र फ़ौज़ के कंधों से सियासी तीर मत चलाओ प्रचार मंत्री जी, जवानों की शहादत का बदला आतंकवादियों से लेना था, पेड़ों और पहाड़ों से नहीं।’
पाकिस्तान के साथ बातचीत पर दिया जोर
पुलवामा में हुए हमले के बाद जब भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात कही थी और पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक किया था तब भी सिद्धू ने दीर्घकालिक समाधान खोजने के लिए बातचीत और कूटनीतिक दबाव अहम होने की बात कही थी।
सिद्धू ने ‘वी हैव ए च्वाइस’ (हमारे पास विकल्प है) शीर्षक के दो पेज के बयान में कहा था, ”मैं अपने इस विश्वास के साथ खड़ा हूं कि सीमा के अंदर और इसके पार से संचालित आतंकी संगठनों की उपस्थिति और गतिविधियों का दीर्घकालिक समाधान खोजने में बातचीत और कूटनीति दबाव अहम भूमिका निभाएगा।”
उन्होंने कहा, ”आतंक का समाधान शांति, विकास और प्रगति है, बेरोजगारी, घृणा और भय नहीं।”
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को पाकिस्तान के एक आतंकी संगठन के आत्मघाती हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने की घटना की कड़ी निंदा करते हुए सिद्धू ने कहा था कि कि क्या कुछ लोगों की गतिविधियों के लिए पूरे देश को जिम्मेदार ठहराया जा सकता। सिद्धू के इस बयान के बाद पूरा देश उन पर भड़क गया था।
पाकिस्तान के साथ बातचीत का माहौल नहीं, सिद्धू की राय व्यक्तिगत: कांग्रेस
एक तरफ कांग्रेस सरकार ने भाजपा सरकार को पूरा समर्थन देने की बात कही थी लेकिन सिद्धू के बयान पर और पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की पैरवी को लेकर कांग्रेस सरकार ने उसे नवजोत सिंह सिद्धू के बयान को ‘व्यक्तिगत’ बयान करार दिया था। कांग्रेस ने कहा था, इस्लामाबाद के साथ वार्ता करने के अनुकूल माहौल नहीं है।
वहीं पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा था कि पाकिस्तान पिछले कई दशकों से भारत के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और अब बातचीत करने से पहले हमें आतंकवाद पर पूरी तरह विराम लगना चाहिए।
पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा था, कुछ बातें बिल्कुल साफ हैं। पिछले चार दशकों से पाकिस्तान, भारत के खिलाफ आतंकवाद प्रोत्साहित करता रहा है। उसका पहला भुक्त भोगी पंजाब था। 1980 से लेकर 1995 तक पंजाब ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को अपने जिस्म पर झेला था, हजारों बेगुनाह लोग उस आतंकवाद में मारे गए।”
उन्होंने कहा, ”एक समय होता है बातचीत करने का, एक माहौल होता है बातचीत करने का, आज वो माहौल नहीं है। अगर सरदार नवजोत सिंह सिद्धू जी की कोई और राय है तो यह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है, वो कांग्रेस पार्टी की राय नहीं है।”