पहनावे से ना करें किसी व्यक्ति की पहचान, कैसे एक व्यक्ति से इस पहनावे के चक्कर में हुई गलती,
हम अच्छे कपड़े पहनते हैं, अच्छा मेकअप करते हैं और वो सारी कोशिश करते हैं जिससे हम सुंदर दिख सकें। आप जितने भी बढ़िय़ा कपड़े औऱ मेकअप का इस्तेमाल करें आप अगर अंदर से खूबसूरत नहीं है तो आपके अच्छे पहनावे का भी कोई मतलब नही हैं। हालांकि इसमें कसूर आपका भी नही हैं। हमार दुनिया में लोग मन की बात और व्यक्तित्व तो देखते ही नहीं बल्कि पहनावे से ही सामने वाले के लिए मन में धारणा बना लेते हैं। इस बात को समझाने के लिए हम आपको एक कहानी सुनाते हैं।
जब होटल में आया एक साधारण इंसान
महेश नाम का एक व्यक्ति होटल में काम करता था। उसके काम से उसके मैनेजर बहुत खुश रहते थे क्योंकि उसकी कभी किसी ने शिकायत नहीं की थी। वो मेहमानों का अच्छे से सवागत करता था औऱ उन्हें कभी किसी भी प्रकार की दुख या तकलीफ नहीं होने देता था। एक दिन महेश के मैनेजर ने उसे अपने पास बुलाया और बताया कि उसके ऊपर आज एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। दुनिया के तीन सबसे अमीर शख्स में से एक व्यक्ति हमारे होटल में आने वाला है। अच्छी सी तैयारी रखना औऱ किसी भी किस्म की शिकायत ना आए।
महेश के सामने अच्छा अवसर था। वो अगर ये जिम्मेदारी अच्छे से संभालता तो उसकी सैलरी बढ़ जाती। महेश ने पूरे होटल को खूबसूरत तरीके से सजाया औऱ हर टेबल पर सुंदर खुशबूदार फूल रखवाए औऱ सारी तैयारी कर ली। कुछ ही देर में रमन देखता है कि सफेद शर्ट और काली पैंट पहने एक शख्स उसके होटल में आता है। वो ऊपर से नीचे तक उस शख्स को देखकर कहता है कि पता नहीं कौन सा साधारण आदमी आज होटल का खाना खाने आ गया। खैर, होटल में आए व्यक्ति को वो एक किनारे की टेबल पर बैठा देता है।
सूट बूट वाले शख्स की हुई खातिरदारी
जैसे ही वो टेबल से हटता है देखता है कि सूट बूट पहने एक शख्स उसके होटल में प्रवेश कर रहा है। वो समझ जाता है कि जरुर वो सबसे रईस व्यक्ति ही है। वो अपनी पूरी टीम के साथ खिदमत में लग जाता है। पहले उस व्यक्ति के आते ही उससे सबसे शानदार टेबल पर बैठाया जाता है। इसके बाद उसके लिए शेफ स्पेशल डिश बनाता है। उसके लिए स्पेशल चाय आती है बढ़िया खाना खाकर वो व्यक्ति जाने से पहले बिल मांगता है। बिल में बहुत ज्यादा रकम लिखी रहती है।
वो व्यक्ति हड़बड़ा के कहता है कि मेरे पास इतने पैसे तो है ही नहीं, वो तो आज मैं इस होटल में खाने आ गया और आप सबकुछ बिना कुछ पूछे ही मुझे खाना परोसने लगे। मैं इतना पैसा नहीं दे पाऊँगा, इसके बाद वो कुछ पैसे देकर वहां से चला जाता है। तभी शर्ट पैंट वाला व्यक्ति महेश को पैसे देता है और कहता है कि खाना और सर्विस बहुत अच्छी थी। महेश पैसे लेकर उसे अनेदेखा करके आगे वापस अपनी जगह चला जाता है। तभी मैनेजर आता है और कहता है कि अभी जो सफेद शर्ट और पैटं में व्यक्ति आया था उनकी खातिरदारी में कई कमी तो नहीं हुई क्योंकि वो विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति हैं। तब महेश को समझ आता है कि उसने पहनावे के आधार पर अपने विचार बना लिए औऱ सही व्यक्ति की पहचान नहीं कर पाया।
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