अध्यात्म

जानिए कैसे कृष्ण जी और हनुमान ने तोड़ा था रानी सत्यभामा, सुदर्शन और गरूड़ का घमंड

एक बार श्रीकृष्ण भगवान की पत्नी सत्यभामा को अपनी सुंदरता पर काफी अहंकार हो गया और उनको लगने लगा की इस संसार में उनसे अधिक सुंदर कोई भी नारी नहीं है। सत्यभामा एक बार जब श्रीकृष्ण भगवान के साथ द्वारका राजभवन में बैठी थी तो उन्होंने अपने मन की ये बात कृष्ण जी से करते हुए कहा कि आप ने त्रेतायुग में राम के तौर पर जन्म लिया था और उस समय आपकी पत्नी सीता थी। तो क्या सीता मेरे से ज्यादा सुंदर थी? कृष्ण ने जैसे ही अपनी पत्नी की ये बात सुनी तो उनको समझ आ गया कि उनकी पत्नी को अपने रूप पर अभिमान हो गया है और इस अभिनाम के कारण वो ये प्रश्न कर रही हैं। सत्यभामा ने जिस वक्त कृष्ण से ये सवाल किया उस समय उनके दरबार में गरूड़ और सुदर्शन चक्र भी मौजूद थे और सत्यभामा का ये प्रश्न सुनने के बाद उन्होंने भी कृष्ण से एक एक प्रश्न पूछा। गरूड़ ने कृष्ण जी से पूछा कि हे प्रभु क्या इस संसार में कोई मुझसे तेज उड़ सकता है? जबकि सुदर्शन चक्र ने पूछा कि क्या इस दुनिया में मेरे अधिक शक्तिशाली कोई और है?

कैसे तोड़ा कृष्ण जी ने इनका घमंड

इन तीनों का सवाल सुनने के बाद कृष्ण जी को एहसास हो गया कि इन तीनों का ये घमड़ तोड़ने जरूरी है। कृष्ण जी ने हंसते हुए कहा कि गरूड़ तुम अभी जाओ और हनुमान जी से कहो कि यहां पर उनका इंतजार राम और सीता कर रहे हैं और वो उनसे मिलना चाहते हैं। कृष्ण जी का ये आदेश सुनते ही गरूड़ हनुमान को लाने के लिए चले गए. वहीं कृष्ण जी ने सुदर्शन को आदेश दिया की वो  उनके दरबार में किसी को भी उनकी आज्ञा के बिना नहीं आने दें। इन दोनों को आदेश देने के बाद कृष्ण जी सत्यभामा के साथ राम और सीता का रूप धारण करने चले गए।

कृष्ण भगवान का आदेश लेकर गरूड़ जी हनुमान के पास गए। हनुमान के पास जाकर गरूड़ ने उनको कहा कि भगवान राम और सीता मां उनका इंतजार कर रहे हैं और उनसे मिलना चाहते हैं। ये आदेश पाकर हनुमान ने कहा ठीक हैं आप चलिए, मैं आता हूं। हनुमान की बात सुन गरूड़ ने उनसे कहा कि आप मेरे साथ चलिए में आपको अपने ऊपर बैठा कर ले जाता हूं। लेकिन हनुमान ने उनके साथ चलने से मना कर दिया। हनुमान के मना करने के बाद गरूड़ ने सोचा की ये बूढ़ा वानर ना जाने कब पहुंचेगा? महल में गरूड़ जब पहुंचा तो उसने वहां पर हनुमान को पाया। हनुमान को देख वो एकदम हैरान रहे गए और गरूड़ को समझ आ गया कि उनसे भी तेज गति में कोई है जो उड़ सकता है।

वहीं अपने महल पर हनुमान को देख कृष्ण जी ने कहा कि आप यहां कैसे आ गए आपको क्या दरबारी सुदर्शन ने रोकना नहीं। ये सुनने के बाद हनुमान ने अपना मुंह खोला और अपने मुंह से सुदर्शन चक्र निकालकर कृष्ण जी के सामने रख दिया। हनुमान ने कहा है भगवान मेरे को आपसे मिलना था और ये मुझे रोक रहा था। इसलिए मैंने इसे अपने मुंह में रख लिया। हनुमान का बल देख सुदर्शन को समझ आ गया कि उनसे बलवान भी कोई व्यक्ति है। हनुमान ने कृष्ण जी को देखकर कहा कि हे भगवान आपने माता सीता की जगह ये किस दासी को बैठा दिया है। हनुमान की ये बात सुन सत्यभामा का अहंकार एकदम खत्म हो गया। इस तरह से कृष्ण जी और हनुमान ने रानी सत्यभामा, सुदर्शन चक्र और गरूड़ जी का घमंड एकदम तोड़ दिया।

Back to top button
?>
https://ndi.fda.moph.go.th/
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet https://104.219.251.144/ https://www.incolur.cl/ galaxy77bet galaxy77bet https://galaxy77bet-jaya.com/ https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/
https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/thai/ https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/xgacor/ https://www.mscba.org/hitam/ https://www.priboi.news/wp-includes/thailand/ https://www.tecnocontrol.cl/ https://www.quiporte.it/ https://www.mariscosgontelo.com/ https://presensi.upstegal.ac.id/ https://perpus.stik-sintcarolus.ac.id/ http://rengo921.lionfree.net/ https://www.desmaakvanitalie.nl/thailand/ https://b-happyrealisatie.com/ https://b-smartfundering.com/ http://context2.ai/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor