अभिनंदन को पाकिस्तान से भारत वापस लाने के लिए किया जाएगा इस पूरी प्रकिया को फौलो
न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: इस वक्त पूरे देश को इंतजार है तो बस जाबाज एयर फोर्स के विंग कमांडर अभिनंदन की वापसी का। बार्डर पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए हैं। जब ये खबर आई थी की भारत सेना का एक पायलट पाकिस्तान सेना के कब्जे में हैं तो सभी काफी परेशान हो गए थे, लेकिन एक शांति संदेश देते हुए गुरूवार को इमरान खान ये कहते हुए अभिनंदन को वापस भारत भेजने का फैसला लिया। लेकिन क्या आपको पता है कि जब भारत के किसी नागरिक को पाकिस्तान में बंदी बनाया जाता है तो उसकी रिहाई के लिए क्या-क्या करना होता हैं। किस तरह से भारतीय नागरिक की रिहाई होती है, अगर नहीं जानतें तो आज हम आपको बताते हैं कि पाकिस्तान से किसी को भारत लाने की पूरी प्रक्रिया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरूवार को एलान किया था कि वो शुक्रवार के दिन अभिनंदन के भारत वापस भेज देंगे। अभिनंदन को इस्लामाबाद में भारतीय ग्रुप कैप्टन जेडी कुरियन अभिनंदन को लेकर आएंगे। पहले कहा जा रहा था कि सुबह 10 बजे अभिनंदन को भारत ले आया जाएगा लेकिन अब उनके वापस आने के समय को बदल दिया गया है। ताजा जानकारी की मानें तो अब अभिनंदन को 5 बजे से 6 बजे के बीच भारत लाया जाएगा।
बता दें कि सबसे पहले अभिनंदन को पाकिस्तानी फौज इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रॉस को सौंपेगी जिसके बाद वो भारत के लिए रवाना होंगे। बता दें कि ऐसा माना जा रहा है कि अभिनंदन वाघा बॉर्डर से भारत में एंट्री कर सकते हैं। एसओपी के नियमों के अनुसार, भारतीय पायलट सेना की ओर से वाघा बॉर्डर लाए जाएंगे। उसके बाद उन्हें वाघा बॉर्डर पर नागरिक अधिकारियों और भारतीय उच्चायोग के प्रतिनिधि को सौंप दिया जाएगा। जिसके बाद भारतीय उच्चायोग के लोग उनको भारतीय सीमा सुरक्षा (BSF) को सौंप दिया जाएगा।
क्या है जिनेवा संधि
आईसीआरसी 1949 जेनेवा संधि और इसके अतिरिक्त प्रोटोकॉल, अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट मूवमेंट आदि के कानून के अधीन काम करता है। इन नियमों के अनुसार, युद्धबंदियों को बिना कोई देर किए उनके वतन भेजना होता है।
अतंरराष्ट्रीय जिनेवा संधि मे युद्धबंदियो को लेकर नियम बनाए गए हैं। इसके तहत अगर कोई किसी को युद्धबंदी बनाता है तो उसे डराने-धमकाने का काम या फिर उसे अपमानित नहीं किया जा सकता। युद्धबंदी को लेकर जनता में किसी भी तरह की उत्सुकता पैदा करना मना है। जिनेवा संधि के अनुसार, युद्धबंदी पर या तो मुकदमा चलाय जाएगाय फिर अगर .युद्ध होता है तो उसके बाद उन्हें लौटा जाएगा। पकड़े जाने पर युद्धिबंदियों को अपना नाम, सैन्य पद और नंबर बताने का भी प्रावधान भी किया गया है।
बता दें कि ये पहली बार नहीं हैं जब कोई भारतीय सैनिक पाकिस्तान में फंस गया था। इससे पहले भी कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय पायलट नचिकेता का फाइटर प्लेन पाकिस्तान के इलाके में जा गिरा था। जिसके बाद पाकिस्तानी आर्मी ने उन्हें कैद कर लिया था। उसके बाद भारत सरकार के प्रयासों के बाद नचिकेता को रेड क्रॉस को सौंप दिया गया, 8 दिन बाद उन्हें (नचिकेता) वापस भारत लाया गया। नचिकेचा को भी अटारी बॉर्डर के रास्ते भारत वापस लाया गया था।