पैरों में बिछिया पहनने वाली औरतें कभी ना करें ये गलतियां, वरना पति पर आ सकती है विपत्ति
न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: हिंदू धर्म में सुहागन स्त्री के सोलह श्रंगार करने की प्रथा होती है। शादी के बाद कुछ ऐसे श्रंगार होते हैं जो हर स्त्री को करने होते हैं। जिस तरह से मांग में सिंदूर और मंगलसूत्र सुहागन स्त्री की पहचान होती है। उसी तरह से पैरों में बिछिया को भी सुहागिनों की निशानी माना जाता है। शादी के बाद पैरों में बिछिया पहनना जरूरी होता है और उसे पहनने का एक विशेष महत्व होता है। क्योंकि मंगलसूत्र और सिंदूर की तरह बिछिया भी शादी शुदा होने की सूचक होती है।
भारतीय रिति-रिवाजों के अनुसार ये श्रंगार पति कि लंबी उम्र के लिए किया जाता है, जो भारत की संस्कृति की झलक देता है। हिंदू धर्म में शादी शुदा होने के बाद ये सभी श्रंगार सुहागिन स्त्री की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं। बड़े-बूढ़ों की मानें तो पुराने समय में किसी भी स्त्री को इसमें से किसी भी श्रंगार को ना करना अपशगुन माना जाता था, और ऐसा ना करने पर उनको डांट भी पड़ती थी। लेकिन आज के समय की बात करें तो अब स्त्रियां इस साज-श्रंगार को ज्यादा नहीं करती हैं, जिस वजह से वो कुछ ऐसी गलतियां कर बैठती हैं जो उनके पति की लंबी उम्र के लिए काफी नुकसानदायक होता है, इतना ही नहीं इन स्त्रियों को इस वजह से काफी परेशानियां भी उठानी पड़ती है। आज उन्हीं श्रंगारों में से आज हम आपको पैर में पहनने वाली बिछिया के महत्व के बारे में बताएंगे। बता दें कि पैरों में पहनने जाने वाली बिछिया पति की आर्थिक स्थिति को काफी प्रभावित करती हैं, इसके साथ ही ये पति को दरिद्र भी कर सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब दो व्यक्ति शादी के बंधन में बंधते हैं तो उन पर सदैव सूर्य और चंद्रमा की कृपा बनी रहती है। तो आज हम आपको पैरो में बिछिया पहनने के कुछ ऐसे नियम बताएंगे जिनको जानना बहुत ही जरूरी होता है। कुछ लोग पैरों में सोने की पायल और बिछिया पहनते हैं लेकिन हिंदू शास्त्रों के अनुसार पैरों में सोना पहनना अपशगुन माना जाता है। इसलिए भूलकर भी कभी पैरों में सोना ना पहनें। इसी के साथ आपको कभी उंगली में ढीली बिछिया भी नहीं पहननी चाहिए। साथ ही कभी लोगों को अपने पैरों की बिछिया को किसी से बदलना नहीं चाहिए, और ना किसी को देनी चाहिए। यदि आप ऐसा करती हैं तो आप अपने पति के लिए परेशानियां पैदा कर सकती हैं।
वहीं पैरों में बिछिया पहनने का एक वैज्ञानिक महत्व भी होता है, विज्ञान की मानें तो पैरों में बिछिया पहनने से स्त्री की मासिक धर्म भी रेगुलर और सही तरीके से आता है। इसी के साथ क्योंकि चांदी एक सुचालक है, यह पृथ्वी ध्रुवीय ऊर्जा को ठीक करके शरीर तक पहुंचती है। जिस वजह से हमारा शरीर हर वक्त तरोताजा बना रहता है। इसी के साथ माना जाता है कि जो स्त्रियां पैरों में बिछिया पहनती हैं उनको गर्भ धारण करने में भी आसानी होती है क्योंकि पैरों के अंगूठे के पास दूसरी उंगली में एक विशेष प्रकार की नस होती है, जो सीधे जाकर गर्भाशय से जुड़ी होती है, जो गर्भाशय को नियंत्रित करने का कार्य करती है और रक्तचाप को भी नियंत्रित रहती है।