देश के लिए कुर्बान हुए पायलट दीपक पांडे, शहादत से कुछ घंटे पहले फ़ोन पर पिता से की थी ये बातें
श्रीनगर के बडगाम में पाकिस्तान के खिलाफ वायुसेना की कार्रवाई के दौरान पायलट दीपक पांडे शहीद हो गए. श्रीनगर के बडगाम में क्रेश हुए MI-17 में कानपुर के पायलट दीपक पांडे मौजूद थे. जब उनके घरवालों को शहादत की बात पता चली तो घर में मातम का माहौल छा गया. शहादत की खबर सुनते ही दोस्त और परिवारवाले फूट-फूट कर रोने लगे. दीपक के दोस्तों को उनका आखिरी फेसबुक पोस्ट याद आने लगा जिसमें उन्होंने लिखा था कि, “जिंदगी से कोई शिकवा नहीं है”. इसी पोस्ट को याद करके उनकी दोस्तों की आंखों में बार-बार आंसू आ रहे हैं. शहीद दीपक की इस पोस्ट ने सबको झकझोर कर रख दिया है.
घर में चल रही थी रिश्ते की बात
शहीद दीपक ने इस बार जाते वक़्त मां से वादा किया था कि वह अगली बार जब भी आयेंगे मां की पसंद की लड़की देखकर शादी कर लेंगे. लेकिन बुधवार दोपहर को आये एक फ़ोन कॉल ने मां-बाप की जिंदगी उजाड़ कर रख दी. बेटे की शहादत की खबर सुनकर घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है. अपने शहीद बेटे के लिए रोती-बिलखती मां को देखकर आस-पास के लोग भी रो पड़े. वहीं, बूढ़े पिता का भी रो रोकर कुछ ऐसा ही हाल है. उम्र के इस पड़ाव में जहां दीपक अपने मां-बाप का सहारा बनने वाले थे अब उन्हीं मां-बाप को दीपक की अर्थी उठानी पड़ेगी. शहीद की मां रोते-रोते बस एक बात ही दोहराए जा रही है. वह बार-बार बस यही कह रही है कि मुझसे वादा करके गया था कि अगली बार आकर आपकी पसंद की लड़की देखकर शादी कर लूंगा. अब मेरा लाल कब आयेगा. बता दें, दीपक की उम्र केवल 27 साल थी. उन्होंने साल 2013 में एयरफोर्स जॉइन किया था. वह एक हफ्ते पहले ही छुट्टी मनाकर वापस ड्यूटी पर लौटे थे.
पिता शादी के लिए बनवा रहे थे घर
पिता ने रोते-रोते बताया कि दीपक उनका इकलौता बेटा था और वह वह बेटे की शादी के लिए घर ठीक करवा रहे थे. पिता ने आगे बताया कि जाते वक्त दीपक ने कहा था कि, “पापा मैं जा रहा हूं, मां का ख्याल रखना. मैं जल्दी ही वापस आऊंगा”. लेकिन दीपक के जाते ही उनके शहादत की खबर आ गयी जिसे सुनकर मां-बाप का कलेजा फट गया. पिता ने ये भी बताया कि मंगलवार की रात को करीब 8 बजे उनकी दीपक से बात हुई थी. उन्होंने दीपक से पूछा था कि क्या उन्होंने खाना खा लिया है जिस पर उन्होंने कहा था- नहीं, अभी खाने जा रहा हूं. पिता ने जब दीपक से वहां के हालातों के बारे में पूछा तो उन्होंने कुछ नहीं बताया और बात टाल दी.
फेसबुक पर किया करते थे ‘मन की बात’
शहीद दीपक का फेसबुक अकाउंट खंगालने पर पता चला कि वह बेहद ही सरल और सौम्य स्वभाव के थे. वह दोस्तों के लिए दिलदार थे. वह अपने मन की बातों को खूबसूरत तरीके से फेसबुक अकाउंट पर व्यक्त करते थे. उन्हें बातों को शब्दों में पिरोकर पोस्ट करने की आदत थी. जिन बातों को वह कह नहीं पाते थे, उसे सोशल मीडिया के जरिये रखते थे. यही वजह है कि उनके दोस्त उनसे बहुत प्यार करते थे और शायद इसलिए उनकी शहादत पर फूट-फूट कर रो रहे हैं. बता दें, दीपक का आखिरी पोस्ट फेसबुक पर 19 नवंबर का है. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि, “जिंदगी से कोई शिकवा नहीं है”. इससे पहले भी उन्होंने एक पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने लिखा था कि, “बेच दूं क्या तुम्हारी यादों को, मौत है कि अच्छा दाम दे रही है”.
दीपक के दोस्त आदित्य और आकाश ने बताया कि दीपक जब 28 जनवरी को छुट्टी पर आये थे तब हम सब ने मिलकर खूब मस्ती की थी. वह एक जिंदादिल इंसान था. उसके पास हर एक समस्या का समाधान हुआ करता था. वह कभी भी किसी बात को लेकर परेशान नहीं रहता था. वह जिंदगी खुलकर जीने में यकीन करता था. हम लोग बचपन में साथ क्रिकेट खेला करते थे. इतना ही नहीं, घर से इजाजत नहीं मिलने पर हम छिपकर अक्षय कुमार की फिल्में देखने जाते थे. लेकिन हमने कभी सोचा भी नहीं था कि वह हमें इस तरह से छोड़कर चला जाएगा. ये बात कहते ही दीपक के दोस्त रो पड़े.