जानें इस साल की महाशिवरात्री में क्या है खास? सालों बाद बना है ऐसा संयोग
न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: भारत देश में हर वर्ष छोटे-बड़े कई तरह के त्यौहार मनाए जाते हैं। यहां की संस्कृति और सभ्यता को लोग बाहर देश में काफी पसंद करते हैं। बता दें कि आने वाली 4 मार्च को महाशिवरात्री का पर्व आने वाला हैं। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है और इसका विशेष महत्व होता है। इस दिन भक्त भगवान शिव को खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। शिव मंदिरों को बड़ी ही धूम-धाम से सजाया जाता है, कई जगहों पर इस दिन मेले का आयोजन भी होता है। लेकिन इस बार की महाशिवरात्रि कुछ खास है। जिस वजह से इस बार लोगों में इसको लेकर खासा उत्साह है।
क्यों है इस बार की शिवरात्री का खास महत्व
जैसा की सब जानते हैं कि सप्ताह में हर दिन किसी एक भगवान के लिए खास होता है। ऐसे में सोमवार को भगवान शिव का दिन माना गया है। और इस साल 4 मार्च को पड़ने वाली महाशिवरात्रि सोमवार के दिन पड़ रही है। जिस वजह से यह और खास मानी जा रही हैं। इसके साथ ही इसी दिन प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले का आखिरी शाही स्नान भी हैं।
हिंदू ग्रथों की मानें तो शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और पार्वती माता का विवाह हुआ था। इसी वजह से देश के कई कोनों में इस दिन भगवान शिव और पार्वती माता के विवाह की तैयारियां भी शुरू हो जाती हैं। सड़कों पर लोग झांकी निकालते हैं और साथ ही मेलों और भंडारों का आयोजन भी किया जाता है।
महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
4 मार्च को पड़ने वाली इस महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त-
शुभ मुहूर्त शुरू – शाम 04:28, 4 मार्च 2019
शुभ मुहूर्त समाप्त – 07:07, 5 मार्च 2019
शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में फर्क?
बता दें कि हर महीने की कृष्णपक्ष चतुदर्शी को मास शिवरात्रि होती है, लेकिन फाल्गुन कृष्ण चतुदर्शी को पड़ने वाली शिवरात्रि को महशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था।
महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजन विधि
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन शिव भगवान पर गाय के घी में कपूर मिला कर महामृत्युंजय मंत्र की 108 आहुति देनी चाहिए। इसके साथ ही क्योंकि भगवान शिव रुद्राक्ष की माला धारण करते हैं इसलिए इस दिन रूद्राक्ष की माला धारण करना भी अच्छा माना जाता है। सुबह नित्य क्रियाओं के बाद स्नान करके शिवलिंग पर कच्चे दूध में गंगा जल मिला कर उनका अभिषेक करें साथ ही चन्दन, पुष्प, धूप, दीप आदि से उनकी पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव पर बेल पत्री और धतूरा भी चढ़ाएं उससे भी भगवान शिव प्रसनन् होते हैं।