मन्नतों से जिस औलाद को भगवान से मांगा था उसी का घोंट दिया गला, कारण जानकर पुलिस भी हैरान
इस दुनिया में लोगों के पास बहुत गम है लेकिन हर गम का अंत मौत नहीं होती. इस बात को उन लोगों को समझना चाहिए जो बुरे समय में सुसाइड के बारे में सोचते है. बेरोजगारी और गरीबी इंसान को मजबूर करती है लेकिन इस हद तो जो एक पिता ने अपने बेटे के साथ किया. ऐसा तो वो बुज्दिल लोग करते हैं जिसे अपने कायरता पर पूरा यकीन हो कि वो कुछ नहीं कर सकते हैं. एक ऐसी ही घटना दिल्ली से सामने आई जब गरीबी से हारकर एक पिता ने अपने ही बेटे की जान ले ली. मन्नतों से जिस औलाद को भगवान से मांगा था उसी का घोंट दिया गला, हरकत को अंजाम देकर खुद ही मकानमालिक को बताया.
मन्नतों से जिस औलाद को भगवान से मांगा था उसी का घोंट दिया गला
दिल्ली के विजय विहार इलाके के बुधविहार फेस एक के ए ब्लॉक में रहने वाला विनोद (46) वो अपने 6 साल के बेटे पुनीत के साथ एक किराए के मकान में रहता था. शादी के कई सालों तक विनोद को कोई संतान नहीं हुई फिर वो कई पंडित, मजार और कई धर्मस्थलों में जाकर मन्नतें मांगता था. फिर 7 साल पहले भगवान ने उसकी और उसकी पत्नी की सुन ली और पुनीत के रूप में इन्हें एक बेटा हुआ. जांच होने पर पता चला कि दो साल पहले विनोद की पत्नी की कैंसर की वजह से मौत हो गई थी इसके बाद से ही विनोद का मन काम में नहीं लगता था और उसे निकाल दिया जाता था लेकिन फिर जब उसने काम करना चाहा तो कोई नौकरी मिली नहीं. बेटे की पढ़ाई का खर्च और उसके पालन-पोषण को वो पूरा नहीं कर पाता था. पुनीत के घर के पास ही एक सरकारी स्कूल था जिसमें वो पहली कक्षा में पढ़ता था. विनोद मूल रूप से पंजाबी है लेकिन नौकरी करने की चाहत में पूरे परिवार के साथ दिल्ली में आकर रहने लगा था.
इस घटना को शुक्रवार की रात अंजाम दिया गया लेकिन पुलिस को शनिवार की सुबह बताया गया मौके वारदात पर पुलिस और अधिकारी भी पहुंचे, फिर जब पुलिस मकान की दूसरी मंजिल पर पहुंचे तब कमरे में बेड पर बच्चे की ला बरामद हुई और विनोद वहीं पर खड़ा था. पूछताछ में पता चला कि विनोद पटेल नगर में डेरी प्रोडक्ट्स के डिस्ट्रीब्यूटर के यहां पर सेल्समैन की नौकरी करता था, जहां उसे 11 हजार रुपये मिलते थे. अभी तीन-चार महीने पहले कंपनी बंद हो गई और इसके बाद वो बेरोजगार हो गया. विनोद ने ही बताया कि साल 2017 में उसकी पत्नी की कैंसर की वजह से मौत हो गई.
शादी के कई सालों के बाद हुआ था पुनीत
पुलिस ने जब छानबीन की तब पता चला कि विनोद की शादी साल 1997 में हुई थी और कई सालों तक औलाद का सुख ना मिलने पर पति-पत्नी ने वैष्णों देवी जाकर मन्नत मांगी थी. इतना ही नहीं अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में भी इन्होंने माथा टेका था और भी कई मंदिरों के चक्कर काटते-काटते कई साल बीच गए. फिर बहुत मिन्नतों के बाद इनके घर में किलकारी गूंजी थी. पत्नी की तबियत बिगड़ने पर जांच करवाया तो पता चला कि उसे कैंसर है और उस समय विनोद बहुत टूट गया था. उसने पत्नी के इलाज में कोई कमी नहीं छोड़ी लेकिन वो बच नहीं पाई. बेटे की हत्या के बाद भी उसके चेहरे पर कोई पछतावा नहीं है. उसने बताया कि आर्थिक तंगी की वजह से वह बेटे को पाल नहीं पा रहा था और उसने उसे मार डाला.