अध्यात्म

भगवान शिव की पूजा में भूलकर भी ना करें इस फूल का इस्तेमाल, क्रोधित होते हैं महादेव

महाशिवरात्री का पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस बार ये पर्व 4 मार्च को पड़ रहा है। हर विषम परिस्थितियों से हमें बचाने वाले शिव ने समुद्र मंथन के दौरान विष को अपने गले में रोक लिया था औऱ नीलकंठ कहलाए थे। उनकी ज्वाला को शांत करने के लिए रात भर देवी देवताओं ने उनका गुनगान किया था और इस रात्री को ही महाशिवरात्री कहा गया। महाशिवरात्री के दिन शिव की अराधना से समस्त दोष और ग्रह दूर हो जाते हैं। महाशिवरात्री के दिन अगर भगवान शिव को प्रसन्न करना हो तो हमें इस बात का ध्यान देना होगाकि उन्हें क्या क्या चढ़ाना चाहिए, लेकिन क्या नहीं चढ़ाना चाहिए ये जानना भी जरुरी है। एक ऐसा फूल है जो भगवान शिव को अप्रिय है इसलिए भूलकर भी ये शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए।

केतकी है शिव को अप्रिय

इस सृष्टि मे सबकुछ भगवान का बनाया हुआ है, मनुष्य, जानवर , पेड़-पौधे, लेकिन इनमें से एक ऐसी चीज है जो भगवान शिव को अप्रिय है और उन्हें गलती से भी ना चढ़ाएं वरना महादेव क्रोधित हो जाएंगे। भगवान शिव की पूजा में केतकी का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए क्योंकि महादेव ने इस फूल को अपनी पूजा से त्याग दिया था। इसके पीछे एक कहानी है कि महादेव क्यों केतकी को पसंद नहीं करते।

एक कथा के अनुसार सृष्टि के रचियता ब्रह्मा औऱ उसे चलाने वाले विष्णु में इस बात की बहस होने लगी की दोनों में से बड़ा कौन है। इस पर शिव ने शिवलिंग रुप धारण किया और पता लगाने के लिए कहा कि उनका अंत कहा है और शुरुआत कहां है। ब्रह्मा-विष्णु दोनों शिवलिंग के ऊपर नीचे गए, लेकिन कोई ओर छोर ही नहीं दिख रहा था। ब्रह्मा जी नीचे से शिवलिंग के बारे में पता लगा रहे थे। उन्हें कुछ मालूम नहीं चल रहा था तभी उनकी नजर केतकी पुष्प पर पड़ गई जो उनके साथ चला आ रहा था।

पूजा में निषेध हैं केतकी और ये सामान

उन्होंने केतकी पुष्प को कहा कि वो झूठ कह देगा कि मैंने पता लगा लिया है कि शिवलिंग का आदी अंत कहा हैं। इसके बाद ब्रह्मा ने शिव से कहा कि उन्हें पता चल गया है औऱ केतकी से झूठ बुलवा दिया। त्रिकालदर्शी शिव ने ब्रह्मा औऱ केतकी के पुष्प का झूठ जान लिया। उन्होंने क्रोधित होकर ब्रह्मा के उस सिर को काट दिया जिसने झूठ बोला था और केतकी से कहा कि आज के बाद कभी भी उनकी पूजा में इस फूल का प्रयोग नहीं होगा। इसके बाद से ही केतकी पुष्प को भूलकर भी चढ़ाया जाता है।

महाशिवरात्री की पूजा के समय औऱ बातों का भी ध्यान रखना बहुत जरुरी है। जैसे इस दिन भूलकर भी काले कपड़े पहन कर शिव जी की पूजा ना करें। ऐसा माना जाता है कि शिव जी को काला कपड़ा औऱ काला रंग बिल्कुल पसंद नही है। साथ ही शिव की पूजा में शंख से जल और तुलसी भी नहीं चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव का दूध से अभिषेक होता है, लेकिन नारियल के पानी से उनका अभिषेक ना करें। साथ ही महिलाओं को शिवलिंग को हाथ नहीं लगाना चाहिए। इन बातों का ध्यान जरुर रखें वर्ना अगर शिव क्रोधित हो गए तो उनके क्रोध से कोई नहीं बचा पाएगा।

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