बूंद-बूंद पानी का मोहताज होगा पाकिस्तान, पाकिस्तान जाने वाले भारत के हिस्से के पानी पर लगेगी रोक
पाकिस्तान जो कायरतापूर्ण हरकत कर रहा था औऱ अपने नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा था उसे अब भारत से जवाब मिलने लगा है। एक तरफ हमारे देश के वीर जवान पाकिस्तानी की आतंकवादी सेना को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं तो वहीं भारत सरकार ने भी अब पाकिस्तान पर सख्ती बरतनी शुरु कर दी है। बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारत के अधिकार वाले तीनों नदियों के पानी को पाकिस्तान की बजाय यमुना में लाने की बात कही है। अब भारत की तरफ से पाकिस्तानी को पानी के लिए भी तरसाया जाएगा और 3 नदियों के पानी का रुख बदल दिया जाएगा।
पाकिस्तान नहीं पहुंचेगा भारत का पानी
बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बागपत में यमुना के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास करने पहुंचे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जाने वाली तीन नदियों के पानी को यमुना में लाया जाएगा। इसके लिए तीन प्रोजक्ट तैयार किए जा चुके हैं। नितिन गडकरी ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने लिखा की माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने फैसला किया है कि हमारे हिस्से का पानी जो पाकिस्तान में बहा करता था उसे अब रोक दिया जाएगा। हम पूर्वी नदी से पानी की राह को बदलेंगे और जम्मू-कश्मीर और पंजाब के लोगों को पानी देंगे।
Under the leadership of Hon’ble PM Sri @narendramodi ji, Our Govt. has decided to stop our share of water which used to flow to Pakistan. We will divert water from Eastern rivers and supply it to our people in Jammu and Kashmir and Punjab.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) February 21, 2019
भारत के इस फैसले से अब पाकिस्तान को चौरतरफा मार पड़ी है। प्रोजक्ट के बारे में बात करते हुए गडकरी ने कहा कि दिल्ल-आगरा इटावा तक जलमार्ग की डीपीआर तैयार हो चुका है। इस प्रोजक्ट के तहत बागपत में रिवर पोर्ट बनाया जाएगा। इससे किसानों को होने वाली पानी की समस्या दूर होगी और कई किस्म की फसलें किसान तैयार कर सकेंगे। गन्ने की खेती और चीनी मिलों को भी इसका फायदा होगा।
क्या है प्रोजक्ट
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम जलमार्ग पर भी कर रहे है। पानी की कमी ना रहे इसलिए भारत के अधिकार वाली तीनों नदियों का पानी जो पाकिस्तान जाता है उसे मोड़कर यमुना में लाया जाएगा। इससे हरियाणा औऱ पश्चिम उत्तर प्रदेश के लोग दिल्ली से आगरा जलमार्ग से जा सकेंगे। अब पाकिस्तान को भारत की तरफ से पानी पानी का भी मोहताज बनाया जाएगा। हालांकि पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोकने के लिए सिंधु जल समझौता बाधा बन सकता है क्योंकि भारत के अधिकार में आने वाली तीन नदियों का पानी सिंधु जल समझौते के तहत नहीं रोका जा सकता।
क्या हैं सिंधु जल समझौता
सिंधु जल संधि पानी के वितरण के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच हुई एक संधि है। इस संधि में विश्व बैंक ने मध्यस्ता की और इस संधि पर कराची में 19 सिंतबर को 1960 में भारत के पीएम जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपित अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के अनुसार ब्यास, रावी और सतलुज का नियंत्रण भारत को और तीन पश्चिमी नदियों सिंधू चेनाब और झेलम का निंयत्रण पाकिस्तान को दिया गया था। हालांकि पाकिस्तान को मिलने वाला पानी भारत के हिस्से होकर आता था और भारत ने शांति बनाए रखने के लिए पानी का हिस्सा पाकिस्तान को दिया था।
इस पानी से ही पाकिस्तान मे खेती होती है औऱ जरुरी चीजें को लिए पानी काम आता है। अब सिंधु, चेनाब और झेलम नदियों का रुख भारत मोड़कर अपने लोगों को देगा। इस पर पाकिस्तान पर काफी बुरा असर पड़ने वाला है। भारत के किसानों ने पहले ही कह दिया है कि वह अपनी सब्जी पाकिस्तान में नहीं भेजेंगे और चाय पत्ती भी पाकिस्तान में नहीं जाएगी। अब पाकिस्तान पानी के लिए भी तरसने वाला है।
यह भी पढ़ें