महाशिवरात्रि 2019 : सुखी जीवन के लिए शिवजी से सीखिए ये 4 चीजें, खुशियां हमेशा रहेगी साथ
4 मार्च के दिन देशभर में महाशिवरात्री का पर्व मनाया जाएगा और ये दिन शिवजी को खुश करने के लिए उत्तम माना जाता है. भवगान शिव को गृहस्थ का देवता माना जाता है और सभी लड़कियां अच्छे वर को पाने के लिए भगवान शिव की पूजा करती हैं. कुछ महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए भी भगवान शिव की अराधना करती हैं. देश के बड़े-छोटे भगवान शिव के मंदिरों में महाशिवरात्री के दिन भव्य आयोजन होता है और सभी इस दिन व्रत रखते हुए अपनी मनोकामनाएं शिवजी से मांगते हैं. हर कोई अपने जीवन में सुखी रहना चाहता है और आपको भी सुखी जीवन के लिए शिवजी से सीखिए ये 4 चीजें, इन्हें सीखने के बाद आपको भी जीवन जीने की कुछ तरीके आसानी से आ जाएंगे.
सुखी जीवन के लिए शिवजी से सीखिए ये 4 चीजें
महाशिवरात्री के दिन ही शिवजी ने माता पार्वती के साथ विवाह किया था और इस दिन को बहुत से लोग खास मानते हैं. बहुत से लोग इसी दिन शादी करते हैं जिससे उनका वैवाहिक जीवन सफल हो सके. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों पर शिवजी की विशेष कृपा होती है. अगर शादीशुदा जोड़े को हमेशा खुशहाल जीवन जीना है तो उन्हें शिवजी की इन 5 बातों को याद रखना चाहिए.
दोनो को हो समान अधिकार
भगवान शिव ही एकमात्र ऐसे देवता है जिन्होंने पत्नी को अर्धांगिनी का दर्जा दिया तभी तो उन्हें अर्धनारीश्वर भी कहा जाता है. अर्धनारीश्वर शब्द का मतलब होता है कि शंकर की आधी प्रतिमा पुरुष की और आधी स्त्री की है. अपने इस स्वरूप से वे शादीशुदा लोगों के लिए ये संदेश देते हैं कि पति-पत्नी भले ही शरीर से अलग हो लेकिन मन से दोनों एक होते हैं. आपने अक्सर देखा होगा कि पति-पत्नी के बीच कई झगड़े तो सिर्फ खुद को बड़ा दिखाने की वजह से होते हैं.
प्यार
भगवान शिव और माता पार्वती की जोड़ी उन सभी लोगों के लिए एक उदाहरण है जो शादी के समय बैंक बैलेंस और खूबसूरती को पहले अहमियत देते हैं. माता पार्वती ने भस्मधारी, गले में सर्प की माला वाले शिव को पसंद करके ऐसे लोगों को बताया कि एक अच्छे गृहस्थ जीवन के लिए दोनों के बीच प्यार और समर्पण जरूरी है, पैसा और खूबसूरती तो बस विकार है.
ईमानदार
हर लड़की चाहती है कि उसे उसका जीवनसाथी, प्यार करने वाला, केयर करने वाला और उसके साथ ईमानदारी रखने वाला हो. उसे अपना जीवनसाथी भोले नाथ सीधा और प्यार करने वाला मिले. जो उसकी किसी बात को अनसुना ना करे और उसे खुश रखे. भगवान शिव माता पार्वती से बहुत प्यार करते थे और इसी बात का पता चलता है कि जब माता पार्वती भगवान शिव के हुए अपमान से दुखी होकर सती हो गई थीं तो भगवान ने रौद्र रूप धारण करके दुनिया का विनाश करने का प्रारंभ कर दिया था, हालांकि बाद में वो देवताओं के समझाने पर वे शांत हुए.
एक अच्छा मुखिया
जिस तरह परिवार का मुखिया अलग-अलग विचार होने के बाद भी अपने पूरे परिवार को साथ लेकर चलता है उसी तरह शिवजी भी अपने परिवार को साथ लेकर चलते थे. उदाहरण के लिए भगवान के गले में सांप की माला है जो कि उनके पुत्र गणेश के वाहन चूहे का शत्रु माना जाता है. बावजूद इसके दोनों में कभी कोई बैर नहीं देखा गया. ठीक उसी तरह मां गौरी का वाहन का शेर और भगवान शिव का वाहन बैल है और दोनों एक-दूसरे के शत्रु माने जाते हैं फिर भी दोनों मिलकर रहते हैं.