तो इस तरह से हुआ था संसार में भोले नाथ का जन्म
हमारे 18 पुराण हैं और इन पुराणों से हमें भगवान विष्णु, महेश और ब्रह्मा जी से जुड़ी जानकारी मिलती है. हमारे इन 18 पुराणों में इन तीनों भगवान यानी त्रिदेव का उल्लेख किया गया है. इन पुराणों में ही इन भगवानों के जन्म के बारे में भी लिखा गया है. हालांकि इन पुराणों में विष्पु और शिव जी के जन्म से जुड़ी अलग अलग कथाएं लिखी गई हैं. इन पुराणों में लिखी कई कथाओं के अनुसार इस धरती पर विष्णु और ब्रह्मा पहले आए और बाद में शिव जी का जन्म हुआ. वहीं शिवजी का जन्म किसी तरह से हुआ इसको लेकर अलग अलग कहानियां हैं जो कि इस प्रकार हैं.
शिव और विष्णु पुराण में लिखी कथाएं
शिव पुराण में शिव जी के जन्म से जुड़ी कथा के अनुसार शिव स्वयंभू यानी खुद से पैदा हुए हैं. इस पुराण में कहा गया है कि एक बार जब शिवजी अपने टखने पर अमृत लगा रहे थे तो उससे इस संसार में विष्णु जी का जन्म हुआ. वहीं विष्णु पुराण में लिखा गया है कि शिव जी का जन्म विष्णु जी के माथे के तेज से हुए है.
विष्णु पुराण में शिव जी के जन्म के बारे में लिखी एक और कथा के अनुसार एक बार ब्रह्मा को एक बच्चा चाहिए था और बच्चा हासिल करने के लिए उन्होंने तप करना शुरू कर दिया था. ब्रह्मा जी के तप करते समय उनकी गोद में शिव जी भगवान एक बच्चे के रूप में प्रकट हो गए और रोने लगे. शिव जी के बाल रूप को रोता हुए देख ब्रह्मा जी ने उनसे उनका रोने का कारण पूछा. जिसपर शिवजी ने रोते हुए कहा कि उनका नाम ‘ब्रह्मा’ नहीं है इसलिए वो रो रहे हैं. शिवजी का ये जवाब सुन ब्रह्मा जी हंसने लगे और उन्होंने शिवजी को ‘रूद्र’ नाम दिया. मगर ये नाम मिलने के बाद भी शिव जी ने रोना बंद नहीं किया. जिसके बाद ब्रह्मा ने उन्हें और नाम दिए मगर उनमें से शिव जी को कोई नाम पसंद नहीं आया और आखिर में जैसे ब्रह्मा ने शिव नाम दिया तो बच्चा चुप हो गया. इस दौरान ब्रह्मा जी ने शिवजी को आठ नाम बताए थे जो कि रूद्र, शर्व, भाव, उग्र, भीम, पशुपति, ईशान और महादेव थे .
एक अन्य पुराण के अनुसार एक बार ऋषि और मुनियों ने जब शिव जी से पूछा की उनके पिता का नाम क्या है तो इसके उत्तर में शिवजी ने कहा कि उनके पिता का नाम ब्रह्मा हैं और वो मेरे जन्मदाता. शिवजी का ये जवाब सुनने के कुछ दिनों बाद ऋषियों ने भगवान शंकर से पूछा की ब्रह्मा अगर आपके पिता हैं तो आपका दादा कौन हैं. इस सवाल का जवाब देते हुए शिव जी ने कहा कि विष्णु उनके दादा है. शिव जी का ये जवाब सुनने के बाद ऋषियों ने फिर उनसे एक और प्रश्न किया और पूछा की तो फिर आपके परदादा कौन हैं, तब शिव ने जवाब देते हुए कहा कि ‘भगवान शिव’.
श्रीमद् भागवत में लिखी कथा
श्रीमद् भागवत में शिव के जन्म से जुड़ी हुई जो कहानी लिखी हुई है उसके अनुसार इनका जन्म उस समय हुए था जब भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी के बीच खुद को श्रेष्ठ बताते हुए लड़ हो रही थी. श्रीमद् भागवत में लिखा गया है कि जब ये दोनों भगवान लड़ रहे थे तभी एक जलते हुए खंभे से भगवान शिव जी प्रकट हुए और उनका जन्म हुआ.