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शहीद की अंतिम यात्रा देख दूल्हे ने छोड़ दी शादी की रस्में और किया ऐसा काम की हर किसी को हो रहा गर्व

पुलवामा हमले के बाद से देशभर में मार्मिक तस्वीरे और वीडियो सामने आ रहे हैं जिन्हें देखकर हर किसी के आंसू छलक जा रहे हैं। इस घटना में आंतकियो से बदला लेते हुए अजय कुमार भी शहीद हो गए। उनके पार्थिव शरीर को घर पर लाया गया औऱ उनकी अंतिम यात्रा में आम जन से लेकर नेता तक शामिल हुए औऱ अपना दुख प्रकट किया। एक तरफ जहां शहीद की अर्थी निकल रही थी तो वहीं किसी की बारात की शहनाई बज रही थी। जब दूल्हे को इस बात का पता चला तो उसने फौरन अपनी शादी रोक दी और ऐसा काम किया जिससे हर जगह उसकी तारीफ हो रही है।

शादी छोड़ अंतिम यात्रा में पहुंचा दूल्हा

बता दें कि शहीद अजय कुमार का पार्थिव शरीर जब उनके पैतृक गांव बासा टीकरी पहुंचा तो उनकी अंतिम यात्रा के लिए भीड़ उमड़ आई। वहीं दूसरी तरफ पास में ही सोनी चौधरी नाम का एक शख्स अपनी शादी की रस्में निभा रहा था। वह घोड़ी चढ़ने के लिए तैयार था तभी उसे खबर मिली की शहीद की अंतिम यात्रा निकल रही है। इस खबर के पता चलते ही उसने बैंड बाजे सब कुछ बंद करवा दिए। सिर्फ इतना ही नहीं वह तुरंत रस्मों को छोड़कर उस शहीद की यात्रा में जा पहुंचा औऱ उन्हें सैल्यूट भी किया।दूल्हे की बहन औऱ दूसरे कुछ रिश्तेदार भी इसमें शामिल हुए औऱ शहीद अजय को अंतिम विदाई सैल्यूट करके दी। पुलवामा में आंतकियों की जवाबी कार्रवाई में अजय शहीद हो गए औऱ अपने पीछे अपना परिवार छोड़ गए।  उनका एक ढाई साल का बेटा है जिसने अपने पिता को मुखाग्नी दी। वो बच्चा जिसे  कुछ भी समझ नहीं आ रहा था और जिसे ये भी नहीं पता था कि वह अपने पिता को अब कभी नहीं देख पाएगा। उसके हाथों ऐसा संस्कार होते देख हर किसी की आंखे भर आईं।

पाकिस्तान को मिलेगा करारा जवाब

बता दें की रास्ते भर में मेरठ के लोगों ने फूलों की वर्षा की औऱ पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए और पूरे शहर में पाकिस्तान के मुर्दाबाद होने की आवाज गुंज उठी। मेरठ के इस लाल की अंतिम यात्रा में लगभग चार किलोमीटर लंबा काफिला चला। इस मौके पर सेना, पुलिस, प्रशासन के उच्चाधिकारी, प्रदेश सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह भी मौजूद रहे।

बता दें कि पुलवामा हमले में करीब 40 सीआरपीएफ जवानों को शहादत मिली और कई जवान ऐसे थे घायल हो गए। शहीद जवानों के पीछे उनका परिवार छूट गया जिनसे वो वादा करके आए थे की वो जल्दी लौटंगे। जब वो लौटे तो अपने पैरों पर नहीं बल्कि चार कंधों पर और हमेशा के लिए अपना परिवार छोड़ दिया, लेकिन देश के दिलों में ये जवान हमेशा जिंदा रहेंगे। मिट्टी के ये लाल हमेशा के लिए ही मिट्टी में दफ्न हो गए। उनकी शहादत को भारत हमेशा याद रखेगा।

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