6.61 लाख रुपये दान करके मिसाल बनी भीख मांगने वाली ये महिला, शहीदों के नाम की जीवनभर की पूंजी
‘तेरा तुझ को अर्पण क्या लागे मेरा’ ये कहावत तो आप सबने सुनी ही होगी और इस कहावत को सच कर दिखाया गया है अजमेर में बजरंग गढ़ मंदिर के सामने भीख मांगने वाली एक महिला ने. बता दें, इस महिला का नाम देवकी शर्मा है जिसने शहीदों के परिजनों को 6.61 लाख रुपये की मदद की है. देवकी ने कभी नहीं सोचा होगा कि दुनिया छोड़ने के बाद वह इतना बड़ा पुण्य कर जायेगी. शायद ये पुण्य करना उसके भाग्य में ही लिखा था. बता दें, देवकी शर्मा पिछले 10 सालों से मंदिर के बाहर बैठकर भीख मांगती थी और हाल ही में उसके मौत के बाद उसके द्वारा जोड़ी गयी यह राशि शहीद फंड में ट्रांसफर कर दी गयी है.
इस राशि का बैंक ड्राफ्ट बुधवार को अजमेर के जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा को सौंपा गया. जहां लोग जीवित रहते भी ये पुण्य का काम करने में सोच-विचार करते हैं वहीं ये महिला मौत के बाद 6.61 लाख रुपये दान करके दूसरों के लिए मिसाल बन गयी है. बता दें, ये राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष के जरिये शहीद सैनिक के परिवारों को भेजी जायेगी. देवकी बजरंग गढ़ स्थित अम्बे माता के मंदिर के आगे बैठकर पिछले 10 सालों से भीख मांगती थी. भीख से जो पैसे मिलते थे उसमें से अपना खर्चा निकालने के बाद बाकी बचे पैसों को जोड़ लिया करती थी. लेकिन एक दिन एक भीख मांगने वाला एक युवक उसके सारे पैसे लेकर भाग गया जिसके बाद वह रोती हुई मंदिर का संचालन करने वाली जय अम्बे नव युवक सेवा समिति के सचिव संदीप गौड़ और उनके साथी अंकुर अग्रवाल के पास पहुंची. उन्होंने देवकी की समस्या सुनी और इसका हल निकालने के लिए उसे जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय स्थित बैंक ऑफ़ बड़ोदा शाखा ले गए. यहां वह देवकी का खाता खुलवाना चाहते थे लेकिन आइडेंटिटी प्रूफ नहीं होने की वजह से खाता खुल नहीं पाया. बाद में देवकी ने संदीप से उनके नाम ही खाता खोलने की बात कही जिसके बाद संदीप और अंकुर के नाम पर संयुक्त खाता खुल गया.
देवकी चाहती थी कि अच्छे कार्यों में खर्च हो उसकी कमाई
देवकी भीख में मिलने वाली राशि को संयुक्त खाते में जमा करवाती रही. कुछ ही सालों में ये राशि 5 लाख रुपये हो गयी. संदीप गौड़ ने बताया कि कुछ टाइम पहले देवकी शर्मा की मौत हो गयी और जब उनके बिस्तर की जांच हुई तो वहां से डेढ़ लाख रुपये और मिले. इस राशि को भी उन्होंने बैंक में जमा करवा दिया. देवकी चाहती थी कि इस राशि को अच्छे काम में लगाया जाए ऐसे में वह सोच में पड़े थे कि इसका कहां उपयोग करें. इसी दौरान पुलवामा में आतंकी घटना घटी जिसमें 42 जवान शहीद हो गए. घटना के बाद सभी ने इस राशि को शहीद के घरवालों को दान करने पर सहमती जताई जिसके बाद बुधवार को 6.61 लाख रुपये का ड्राफ्ट बनाकर जिला कलेक्टर को शहीद परिवार के लिए सौंप दिया गया. जहां लोग जीते जी अच्छा काम नहीं कर पाते, वहीं देवकी मरने के बाद पुण्य का काम कर गयी.
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