अगर भारत-पाक के बीच युद्ध होता है तो हो सकता है ये अंजाम, जानकर दहल जाएंगे दोनों देशों के लोग
पुलवामा हमले के बाद से ही भारत-पाक के बीच पहले से चला आ रहा तनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है. सोशल मीडिया पर तो मानो जैसे पहले से ही युद्ध छिड़ा हुआ है. भारत का हर नागरिक 42 जवानों का बदला देने की बात कर रहा है. सभी का बस यही कहना है कि बस अब बहुत हुआ पाकिस्तान से अब आर-पार की लड़ाई चाहिए. ऐसे में बीते मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बयान देकर दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि पाकिस्तान भारत के हर हमले का जवाब देगा. ऐसे में रक्षा विशेषज्ञ भी ये मान रहे हैं कि यदि भारत पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान पर कोई सैनिक कार्यवाई करता है तो दोनों देशों के बीच युद्ध शुरु हो सकता है. यहां तक की परमाणु हथियारों का भी इस्तेमाल हो सकता है.
भारत-पाक के बीच परमाणु युद्ध का होगा बेहद खौफनाक अंजाम
अगर भारत और पाकिस्तान में परमाणु युद्ध हुआ तो उसके कुछ नतीजे हो सकते हैं क्योंकि भारत की नीति पहले परमाणु हथियारों का उपयोग ना करने की है लेकिन अगर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आएगा तो भारत को ऐसा करना पड़ेगा लेकिन इसका निशाना दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, मेरठ आगरा जैसी कोई सैन्य महत्व वाली जगह को रखा जाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के पास भारत से ज्यादा परमाणु आयुध हैं जिनमें डर्टी बम सबसे ज्यादा खतरनाक रेडीयोधर्मी पदार्थ और आवणिक प्रक्षेपास्त्र होता है. इसके प्रयोग से लगभग 12 करोड़ लोग तुरंत प्रभावित हो सकते हैं. इसके अलावा इस परमाणु बम से ये 5 प्रभाव हो सकते हैं.
पहला प्रभाव
जिस जगह आणविक/परमाणु विस्फोट होगा उस क्षेत्र में तीक्ष्ण चमक के साथ भयानक आग का गोला भी उठेगा जो कई मील तक बहुत कुछ जलाकर खत्म कर देगा. हालांकि यह परमाणु प्रक्षेपास्त्र की क्षमता पर निर्भर होगा लेकिन आणविक विस्फोट से उत्पन्न होने वाली चमक इतनी तेज होगी कि इससे लोग अंधे भी हो सकते हैं. इससे उठने वाला आग का गोला वातावरण की सारी हवा रो अपनी ओर खींचकर कई मीलों तक वातावरण को वायुशून्य कर देगा. इसके संपर्क में आने वाले इंसानों, प्राणियों की मृत्यु विदारक ढंग से होगी, वे जीवित ही अंदर से जल जाएंगे, भीषण तपिश से उनकी हड्डियां तक गल जाएंगीं. अगर परमाणु आयुध 6 मेगाटन से ज्यादा हुआ तो इसका परिणाम बहुत ही भयंकर होगा.
दूसरा प्रभाव
परमाणु विस्फोट से निकलने वाला कार्बन से बना बादल थोड़े ही समय में आघात क्षेत्रों के अलावा बहुत बड़े क्षेत्र में फैल सूर्यकिरणों को पृथ्वी पर आने से रोकेगा और इन काले बादलों से होने वाली अम्ल वर्षा से लाखों लोग मर सकते हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस बादल को छंटने में कई साल लग जाते हैं और इस प्रक्रिया में इससे ये वर्षा लगातार होती रहती है.
तीसरा प्रभाव
ऐसा माना जा रहा है कि परमाणु विस्फोट से ओजोन परत में भारी नुकसान होगा. कार्बन से बने बादल धरती की कुल 25-40 से लेकर 70 प्रतिशत ओजोन परत को नष्ट कर देंगे और इसके बाद अंतरिक्ष से आनी वाली पराबैंगनी किरणों से मानवजाति और वनस्पति के अस्तित्व पर भी गंभीर प्रभाव होंगे. इस परिवर्तन से दुनिया में अम्लीय वर्षा और धूलभरे तूफानों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि होगी. साल 1930 के दशक में अमेरिका के टैक्सास और एरिजोना में धूलभरे तूफानों ने इन प्रांतों की फसलों को तबाह कर दिया था और इसके बाद अमेरिका में बहुत ज्यादा आर्थिक तंगी आ गई थी.
चौथा प्रभाव
परमाणू युद्ध के बाद हुए व्यापक विध्वंस और जनहानि के बाद सरकार को फिर से आर्थिक, सामाजिक ढांचा खड़ा करना होगा जिसके लिए कई दशक लग जाएंगे. बेरोजगारी, गरीबी, भुखमरी से अपराध और जातीय संघर्ष बढ़ेंगे, जिससे आंतरिक सुरक्षा और कई समस्याएं खडी हो सकती हैं.
पांचवा प्रभाव
ऐसा माना जाता है कि आर्थिक हानि तो कोई एक बार सह सकता है और उसे आगे चलकर ठीक भी किया जा सकता है लेकिन इस युद्ध में जो अकल्पनीय जनहानि होगी उसका अनुमान लगाना बहुत ही मुश्किल है. न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, अगर भारत-पाक के बीच परमाणु युद्ध हुआ तो 1.5 करोड़ लोग तुरंत अपनी जान गंवाएंगे और अगले 20 सालों तक इसके जानलेवा परिणाम करोड़ों दूसरे लोगो की जान लेंगी. इसके अलावा एक और आशंका है कि भारत-पाक में परमाणू युद्ध हुआ तो मानवजाति के अस्तित्व पर भी संकट खड़ा हो सकता है.