भारत में आतंक फैलाने वाला मसूद अजहर कभी इंडियन आर्मी के एक थप्पड़ से हिल गया था
14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने 40 सीआरपीएफ जवानों पर हमला कराया था, इनमें से सभी जवानों ने शहादत हासिल की थी. इसके बाद पूरे देश में दुख, गुस्सा और बदले की भावना जाग गई और हर कोई पाकिस्तान से बदला लेना चाहता था. इस मामले में पीएम मोदी ने भी कह दिया है कि सेना को सारे अधिकार दे दिए गए हैं, हमलावरों को कब, कैसे और कहां मारना है ये भारतीय सेना डिसाइड करेगी. इस हमले की पूरी जिम्मेदारी जैश-ए-मुहम्मद ने ली है और जैश का प्रमुख अजहर मसूद पाकिस्तान में रहता है. वहां वो एक राजनीतिज्ञ की तरह है लेकिन एक समय था जब भारत में आतंक फैलाने वाला अजहर मसूद कभी इंडियन आर्मी के एक थप्पड़ से हिल गया था, लेकिन आतंकियों के गलत तरीकों से उसे भारत सरकार को छोड़ना पड़ा था.
मसूद अजहर कभी इंडियन आर्मी के एक थप्पड़ से हिल गया था
जैश का प्रमुख मसूद अजहर पाकिस्तान में रहकर बहुत से घटिया मंसूबों को अंजाम देता है लेकिन एक समय था जब उसे भारतीय सुरक्षा अधिकारियों ने अपनी गिरफ्त में ले लिया था. जैश का प्रमुख अजहर की जांच से जुड़े एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि मसूद अजहर से जानकारी निकलवाना बेहद आसान था और उसके लिए जरा भी मेहनत नहीं करनी पड़ी थी.
उन्होंने बताया कि जब उससे पूछताछ की जा रही थी तब वो आर्मी ऑफिसर के एक ही थप्पड़ में आतंकियों के कई राज खोल दिए थे. साल 1994 में मसूद अजहर की गिरफ्तारी के बाद भारत के एक आर्मी ने पूछताछ के दौरान उसे थप्पड़ मारा गया था. इसके बाद उसने पाकिस्तान से चलाई जा रही आतंकी कैपों के बारे में अहम बातें आर्मी को बताई थी. आतंकी कैंपों में रिक्रूटमेंट के प्रोसेस के बारे में भी बताया था. इसके अलावा उसने आतंकियों के कई संगठित कैंपों के खुलासे भी किए थे लेकिन ये सब खत्म हो गया जब आतंकियों ने ही अपनी गलत नीतियों से इस आतंकी को भारत सरकार को मजबूर करके छुड़वा लिया.
इस तरह पकड़ा गया था मसूद अजहर
अजहर पुर्तगाल के एक पासपोर्ट पर बांग्लादेश से भारत में प्रवेश किया और किसी तरह वो कश्मीर तक पहुंच गया. फिर फरवरी 1994 में उसे दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग से गिरफ्तार किया गया था और वह बार-बार बोलता था कि आईसआई के लिए वो बहुत खास आदमी है और उसे जल्दी ही भारत सरकार को छोड़ना पड़ेगा. सिक्किम के पूर्व डीजीपी और इंटेलिजेंस ब्यूरो में दो दशकों तक काम कर चुके अविनाश मोहनाने ने भी अजहर से खास पूछताछ की थी. उन्होने बताया कि अजहर को जांच के दौरान हैंडल करना बहुत आसान था.
साल 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC 814 को आतंकियों ने हाईजेक कर लिया था और उन्होंने पैसेंजर्स की जान के बदले उसके कुछ आतंकियों को छोड़ने की मांग की थी. इसी दौरान मसूद अजहर को भी भारत की जेल से रिहा कर दिया गया था. इसके बाद मसूद अजहर ने भारत पर कई आतंकी हमले कराए थे.