जानिए क्यों सबसे धनी होने के बाद भी देवताओं में सबसे गरीब हैं तिरुपति बालाजी
भगवान वेंकटेश्वर तिरुपति बालाजी पर करोड़ों लोगों की आस्था है और आन्ध्र प्रदेश में स्थित तिरुपति बालाजी के मंदिर में दूर दूर से लोग आते हैं.भगवान विष्णु के अवतार तिरुपति बालाजी के इस मंदिर में आकर लोग खूब पैसे भगवान को दान करते हैं. कहा जाता है कि ये मंदिर दुनिया का सबसे धनी मंदिर है और इस मंदिर के पास हजार करोड़ रुपए से अधिक संपत्ति है. जिसके चलते भगवान तिरुपति बालाजी जी का ये मंदिर सबसे अमीर मंदिर है. लेकिन क्या आपको पता है कि इतना धन होने के बाद भी तिरुपति बालाजी जी सबसे गरीब देवता हैं.
आखिर क्यों माने जाते हैं सबसे गरीब भगवान
कहा जाता है कि तिरुपति बालाजी कुबेर के कर्जदार हैं और ये कर्जा इनपर कलियुग के अंत तक रहने वाला है. जिसके चलते इतना अधिक पैसे इनको चढ़ाने के बाद भी ये सबसे गरीब देवता माने जाते हैं. हिन्दू शास्त्रों में लिखी गई एक कथा के मुताबिक एक बार भगवान विष्णु शेषशैय्या पर आराम कर रहे थे और उसी दौरान भृगु ऋषि वहां पर आ गए और उन्होंने भगवान विष्णु की छाती अपनी लात से जोरदार प्रहार किया. ये प्रहार होने के तुरंत बाद ही भगवान विष्णु जी ने भृगु ऋषि के चरण पकड़ लिए और उनसे कहा कि हे ऋषिवर आपके पैरों में कोई चोट तो नहीं आई. भगवान विष्णु के इस सवाल से भृगु ऋषि को अपनी गलती का एहसास हुआ. लेकिन भगवान विष्णु के भृगु ऋषि को उनकी गलती के लिए कोई भी सजा नहीं दिए जाने से देवी लक्ष्मी नाराज हो गई.
भगवान से नाराज होकर मां लक्ष्मी धरती पर आ गई और धरती पर आने के बाद मां लक्ष्मी ने पद्मावती नाम की लड़की के रुप में एक राजा के घर जन्म लिया. वहीं मां को ढूंढते हुए भगवान विष्णुजी भी धरती पर आ गए और उन्होंने वेंकटेश्वर का रुप धारण कर लिया. पद्मावती से मिलकर वेंकटेश्वर ने उनसे शादी करने की इच्छा उनके सामने रखी. जिसे पद्मावती ने स्वीकार कर लिया. मगर शादी करने के लिए वेंकटेश्वर के पास धन नहीं था. जिसके चलते विष्णुजी के वेंकटेश्वर अवतार ने ब्रह्मा और शिव जी को साक्षी मानते हुए कुबेर से शादी करने के लिए धन कर्ज के रूप में लिया. कहा जाता है कि वेंकटेश्वर भगवान ने काफी अधिक धन कुर्बर से कर्ज के रूप में लिया था और इस धन से एक विशाल समारोह का आयोजन कर पद्मावती से विवाह किया था.
विष्णु जी ने ये कर्ज कुबेर से लेते हुए ये वादा किया था और वो इस धन को कलियुग के आखिर तक ब्याज सहित पूरा चुका देंगे और विष्णुजी के इसी धन को चुकाने में उनकी मदद उनके भक्त करते हैं और वेंकटेश्वर तिरुपति बालाजी में आकर उन्हें धन चढ़ाते हैं. ताकि उनके ऊपर से जल्द से जल्द कुबेर जी का ये कर्ज खत्म हो जाए. इस वक्त वेंकटेश्वर तिरुपति बालाजी के मंदिर में भक्तों द्वारा किए गए दान के चलते लगभग 50 हजार करोड़ से अधिक का धन जमा हो चुका है. जिसके साथ ये वेंकटेश्वर तिरुपति बालाजी दुनिया का सबसे अमीर मंदिर है.