सभी पार्टियों ने संसद में मिलकर लिया फैसला, एक आवाज़ में कहा ‘हम सरकार के साथ खड़े हैं ‘
14 फरवरी की दोपहर करीब 3 बजकर 15 मिनट पर कई बसों में करीब 3000 CRPF जवानों का काफिला श्रीनगर कैंप में जा रहा था. उनमें से एक बस में करीब 50 लोग सवार थे और सभी अपनी छुट्टियां बिताकर ड्यूटी पर वापस जा रहे थे कि तभी एक कार ने उस बस को टक्कर मारी और करीब 44 जवान शहीद हुए. उस बस के परखच्चे उड़ गए कुछ जवान घायल भी हुए. मौक-ए-वारदात पर आतंकी भी मारे गए लेकिन वे मानव बम के रूप में जवानों को मारने आए थे और इस बात से पूरा देश गुस्से में है. शहादत प्राप्त करने वाले जवानों के परिवार वालों ने अपने घर का एक अहम हिस्सा खोया है. इसपर पीएम मोदी ने कड़ा एक्शन लेते हुए संसद में पीएम मोदी ने की सभी पार्टियों के साथ मीटिंग, इसमें तीन अहम फैसले लिए गए हैं.
संसद में पीएम मोदी ने की सभी पार्टियों के साथ मीटिंग
संसद में केंद्र सरकार की सर्वदलीय बैठक हई जो गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई. सर्वदलीय बैठक में नेताओं को पुलवामा हमले के बारे में पूरी जानकारी दी गई और इस मीटिंग में सभी विपक्ष दल के नेता शामिल हुए. मीटिंग के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम आजाद ने कहा, ”पूरा विपक्ष इस मामले में अपनी सेना और सरकार के साथ मजबूती के साथ खड़ा है और हम देश की एकता, अखंडता के लिए सरकार और सेना के साथ हैं.” आजाद ने आगे कहा, ”कश्मीर हो या देश का कोई भी हिस्सा कांग्रेस पार्टी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सरकार को पूरा समर्थन देगी.” इस मीटिंग में राजनाथ सिंह ने अपनी होने वाली कार्यवाहियों के बारे में भी बातचीत की. इस बैठक में दुश्मन देश को सबक कैसे सिखाना है इस बारे में भी खुलकर बात हुई.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में हई इस बैठक में 3 सूत्रीय प्रस्ताव भी पास किए गए हैं. विपक्ष ने पूरी तरह से साथ देने का आश्वासन दिया है. सभी ने एक स्वर में बोला हम आतंवाद के खिलाफ इस लड़ाई में एक साथ हैं. इसी में एक कांग्रेस नेता ने कहा, ” पूरा देश इस समय गुस्से में है और पीएम मोदी को सभी पार्टी चीफ से बात करनी चाहिए.”
बैठक में रखे गए ये तीन प्रस्ताव
एक सरकारी बयान के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई इस सर्वदलीय बैठक में सभी ने उनकी बात को बहुत ही गौर से सुना और इसी दौरान तीन प्रस्ताव भी रखे गए.
1. 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले की निंदा की गई, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत का दुख मनाया गया. प्रस्ताव में कहा गया, ”देशवासियों के साथ हम इस दुख की घड़ी में शहीदों के परिवार वालों के साथ हैं और उनकी हर संभव मदद की जाएगी.”
2. राजनाथ सिंह ने कहा, ”हम सीमा पार से समर्थन मिल रहे आतंकवाद हर स्वरूप की निंदा करते हैं. इस सभी ने सहमति दिखाते हुए एकमत होकर ‘हम सब एक हैं’ का नारा लगाया.
3. पिछले 3 दशकों से भारत सीमा पर आतंकवाद का सामना किया जा रहा है. भारत में फैले आतंकवाद को सीमा पार से प्रोत्साहन मिल रहा है इसे बंद किया जाना चाहिए. भारत इन चुनौतियों का मिलकर मुकाबला कर रहा है और इस लड़ाई में हर किसी को एक साथ खड़ा होना पड़ेगा. हम आतंकवाद से लड़ाई में अपने सुरक्षा बलों के साथ पूरी मजबूती से खड़े रहेंगे.