40 जवानों की शहादत का जिम्मेदार कौन? सुरक्षा एजेसिंयों ने दिया था अलर्ट फिर भी बरती लापरवाही
न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: 14 फरवरी की दोपहर को पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया जिसमें देश ने अपने 40 सपूतों को खो दिया। बता दें कि इस हमले को पाकिस्तान में बैठे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मसूद अजहर की शह पर पुलवामा में अंजाम दिया गया है। इस हमले के बाद उन्होंने इस हमले की जिम्मेदारी ली। पुलवामा में हुए इस हमले ने पूरे देश ही नहीं बल्कि दुनिया को दहला दिया है। जहां सभी लोग पाकिस्तान से बदला लेने की बात कर रहे हैं। और सरकार भी इसका मुंहतोड़ जवाब देने की बात कर रही हैं। लेकिन इसके पहले एक सवाल मन में उठता है कि अगर यह हमला इतना बड़ा और भयानक था तो इसकी जानकारी देश की सुरक्षा एजेंसियों को क्यों नहीं हुई? तो हम आपको बता देते हैं कि इस तरह के हमला होने का आशंका पहले ही सुरक्षा एजेंसियों ने दे दी थी। लेकिन इसके बावजूद भी आखिर कौन हैं वो जिसने खुफिया एजेंसियों के अलर्ट को दरकिनार किया। जिसकी वजह से इतना बड़ा आतंकी हमले को अंजाम दिया जा सका।
इस हमले के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह कश्मीर पहुंचे तो वहीं एनएसए अजित डोभाल ने भी इमरजेंसी बैठक बुलाई। लेकिन सवाल अभी भी वहीं हैं कि आखिर अपने जवानों को शहीद होने के बाद ही इस तरह की कोशिशें करने का क्या मतलब बनता हैं। कोई ऐसा कदम क्यों नहीं उठाया जाता है जिससे इस तरह की दुखद घटनाएं घटित ही ना हों। वहीं खुफिया जानकारी के मुताबिक इस तरह के हमले का अंदेशा खुफिया एजेंसियों को पहले से था। यहां तक की सुरक्षा एजेंसियों ने आठ फरवरी को ही ये अलर्ट जारी किया था कि जम्मू कश्मीर में आतंकवादी आईईडी हमला करा सकते हैं।
इस घटना के बाद हुई सुरक्षा एजेंसियों और सुरक्षाबलों की मीटिंग नें इस बात पर चर्चा भी गुई थी कि आतंकी सुरक्षाबलों के काफिले को निशाना बना सकते हैं। जिसके लिए पूरी सुरक्षा बरती जाए। काफिले को रात के अंधेरे में लेकर जाया जाए और किसी भी रास्ते में जाने से पहले उसकी पूरी तरह से जांच हों। इसके बावजूद भी बर्फबारी के कारण सात दिन से बंद हाइवे के खुलते ही सुरक्षाबलों को श्रीनगर ले जाने के लिए काफिले को रवाना कर दिया गया और सुरक्षा एजेंसियों के पास से आए अलर्ट को दरकिनार कर दिया गया। जिसका खामियाजा आज देश के 40 जवानों की शहादत देकर भुगतना पड़ रहा है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर सीआरपीएफ ने खुफिया रिपोर्ट को इग्नोर क्यों किया।
इस मामले में जब सीआरपीएफ के पूर्व आईजी आरके सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जब आतंकी हमले का अलर्ट था, तब जवानों को जम्मू से हेलीकॉप्टर के जरिए श्रीनगर क्यों नहीं भेजा गया? अगर उन्हें हेलीकॉप्टर के जरिए श्रीनगर भेजा जाता तो इतना बड़ा हमला नहीं हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से सुरक्षाबलों के लिए ऐसी सुविधाएं देने की बात कही, ताकि हमारे जवान ऐसे हमले का शिकार न हो।