पुलवामा हमले में शहीद हुए यूपी के 12 लाल, परिजन बोलें ‘हमारे बेटे शेर थे, पर कायरों ने पीछे से’
पुलवामा में हुए आंतकी हमले से पूरे देश में शोक का माहौल है। पुलवामा में शहीद हुए जवानों को लेकर जहां लोगों के आंखों में आंसू हैं, तो वहीं इस कायराने हमले को लेकर काफी ज्यादा गुस्से का माहौल है। देश भर में इस कायराने हमले की निंदा हो रही है। पीएम मोदी से लेकर आम नागरिक तक इस कायरने हमले से काफी गुस्से में है। पीएम मोदी ने इस दुखद हमले पर बयान जारी देते हुए कहा कि सेना को खुली छूट है और सेना अब एक एक को मुंहतोड़ जवाब देगी। बता दें कि इस हमले में यूपी के 12 लाल शहीद हुए है। तो चलिए जानते हैं कि यूपी के 12 लाल के परिजनों का क्या कहना है और कौन कौन है भारत के शहीद वीर सपूत?
पुलवामा आंतकी हमले में उत्तरप्रदेश के 12 लाल शहीद हुए हैं। इस दुखद समाचार पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गहरा दुख व्यक्त किया है। सीएम योगी ने कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इसके अलावा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शहीद परिवारों की मदद करने के लिए 25-25 लाख रुपये का मुआवजा का ऐलान किया है। साथ ही शहीद परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी दिलाने का भी भरोसा दिया है।
नम आंखों से सीएम योगी ने दिया बयान
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने नम आंखो से जवानों के बलिदान पर बयान दिया। सीएम योगी ने कहा कि जवानों के अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किए जाएंगे। इसके अलावा परिवार को आर्थिक मदद के तौर पर 25-25 लाख रुपये की राशि दी जाएगी, ताकि शहीदों के परिवार की थोड़ी बहुत मदद हो जाए। बता दें कि जब सीएम योगी मीडिया से इस मसले पर बात कर रहे थे, तब उनकी आंखें नम थी। इसके अलावा सीएम योगी ने दिलासा दिलाया कि जवानों के बलिदान व्यर्थ नहीं जाएंगे। हम बहुत ही जल्द मुंहतोड़ जवाब देंगे।
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पुलवामा हमले में शहीद हुए यूपी के 12 लाल
पुलवामा हमले में कुल 42 जवान शहीद हुए हैं, जिसमें से 12 यूपी के लाल थे। पुलवामा हमले में शहीद होने वाले यूपी के 12 वीर सूपतों के बारे में नीचे बताया गया है –
1. रमेश यादव, वाराणसी
वाराणसी के रमेश कुमार की शहादत की खबर देर रात मिलने से इनके परिवार वाले पूरी तरह से टूट गये। इनके बच्चे है, जिनसे इन्होंने मिलने का वादा किया था, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा।
2. अजीत कुमार आजाद, उन्नाव
उन्नाव कोतवाली के लोकनगर मोहल्ला निवासी प्यारेलाल का 35 वर्षीय बेटा अजीत कुमार आजाद 115वीं बटालियन में सीआई के पद पर तैनात थे। अजीत कुमार ने जल्दी घर आने का वादा किया था, लेकिन अब वे कभी भी घर नहीं जा सकेंगे।
3. कौशल कुमार रावत, आगरा
कौशल कुमार रावत आगरा के निवासी थी। चार दिन पहले ही उनकी कश्मीर में ज्वाइनिंग हुई थी। नौकरी मिलने से परिवार में खुशी की लहर थी, लेकिन अब सभी शौक में डूब गये हैं।
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4. महेश कुमार, प्रयागराज
प्रयागराज के महेश कुमार 118वीं बटालियन में तैनात थे। इनके दो बच्चे हैं, जोकि अभी पढ़ाई कर रहे हैं। पांच दिन पहले ही घर से लौटे थे और कहा था कि जल्दी आऊंगा।
5. प्रदीप कुमार, शामली
शामली के प्रदीप कुमार के शहीद होने की खबर सुनकर इनके बड़े भाई बोलें कि आतंकवादियों को घर में घूस कर मारेंगे। मेरा भाई अकेले सब पर भारी पड़ता, लेकिन अब वह नहीं रहा।
6. प्रदीप सिंह यादव, कन्नौज
कन्नौज के प्रदीप सिंह यादव 115वीं बटालियन में तैनात थे। देर रात शहादत की खबर सुनकर इनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। इनकी दो बेटियां है, जिनकी ज़िंदगी उजड़ गई।
7. राम वकील, मैनपुरी
मैनपुरी के राम वकील ने अपने परिजनों से वादा किया था कि वे जल्दी लौट कर आएंगे, क्योंकि उन्हें मकान बनवाना है, पर यह वादा अब टूट गया।
8. अवधेश यादव, मुगलसराय
अवधेश यादव मुगलसराय के रहने वाले थे। अवधेश की मां कैंसर की मरीज है। अवधेश उनका इलाज करवा रहे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। मां का रो रो कर बुरा हाल हुआ है।
9. पकंज त्रिपाठी, महाराजगंज
पकंज त्रिपाठी के परिवार वालों का बहुत बुरा हाल है। इनके परिवार वालों का कहना है कि उनका बेटा शेर था और आतंकवादियों ने छुपकर हमला किया, वरना उनकी खैर नहीं होती।
10. श्याम बाबू, कानपुर देहात
श्याम बाबू कानपुर देहात के निवासी है। श्याम बाबू पिछले 12 साल से आर्मी में है। इनके दो बच्चे हैं। ऐसे में श्याम बाबू के बच्चों और पत्नी की दुनिया उजड़ गई।
11. विजय मौर्य, देवरिया
देवरिया के विजय मौर्य सीआरपीएफ के 92वीं बटालियन में तैनात थे। देर रात शहादत की खबर सुनकर घरवालों पर दुखों का पहाड़ टूट गया।
12. अमित कुमार शामली
अमित कुमार शामली के रहने निवासी है। अमित कुमार घर में सबसे छोटे थे, जिसकी वजह से लोग उन्हें बहुत प्यार करते थे। अमित कुमार के शहीद होने से पूरा घर गमगीन है।
भावुक परिजनों ने कही ये बाते
पुलवामा हमले में शहीद हुए यूपी के 12 लाल के परिजनों का रो रो के बुरा हाल है। इसी बीच परिजनों ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमारे बेटे शेर थे, उन्होंने कायरो की तरह पीछे से हमला किया। अगर सामने से आते तो हमारे एक एक बेटे 15 15 पर भारी पड़ते। यह कहते हुए परिजन कैमरे के सामने ही फूट फूट कर रोने लगें। कन्नौज की छोटी छोटी बेटियां बोलीं कि मुझे पिता की शहादत पर गर्व है। अगर पिता वापस आएंगे तो मैं भी देश की सेवा करूंगी। शहीद हुए जवानों में से किसी ने घर बनवाने का वादा किया था, तो किसी ने जल्दी घर आने का वादा किया था, लेकिन अब ये लाल सदैव के लिए अमर हो गए।