एक सब-इंस्पेक्टर ने फर्ज लिए रोकी डिप्टी कलेक्टर की कार, कहा – ‘मैडम आप तो ऐसा ना करें’
सरकार जो नियम कानून बनाती है तो उसे सबसे पहले खुद को फॉलो करने की तरफ ध्यान देना चाहिए फिर जाकर दूसरों पर इस बात को अमल कराना चाहिए. पिछले 15 दिनों से आरटीओ अमले द्वारा ये अभियान चल रहा है कि अगर कोई अपने पदनाम, पार्टी या संस्था के झंडे को या उस रंग के स्टीकर को अपने कार में लगाता है तो उनका चालान काटा जाएगा और अब तक 100 से ज्यादा वाहनों का चालान पर कार्यवाही की जा चुकी है. फिर भी लोग इससे बाज नहीं आ रहे और अभी हाल ही में एक एक सब-इंस्पेक्टर ने फर्ज लिए रोकी डिप्टी कलेक्टर की कार, इसपर उस कलेक्टर का क्या रिएक्शन रहा है ये आप खुद ही जान लीजिए.
एक सब-इंस्पेक्टर ने फर्ज लिए रोकी डिप्टी कलेक्टर की कार
करीब 100 से ज्यादा वाहनों का चालान काटे जाने के बाद भी जब लोग नहीं माने तब RTO ने गांधीगिरी पर चलने का फैसला किया. चालान काटने वाले वाहनों को रोककर गुलाब देकर समझाया जा रहा है वरना अगली बार कार्यवाही की जाने की बात सब-इंस्पेक्टर को करनी पड़ रही है. इसी बीच कलेक्टोरेट जा रही डिप्टी कलेक्टर पुष्पा पुष्पाम की कार को एआरटीओ रिंकू शर्मा ने डिप्टी कलेक्टर को गुलाब दिया और बहुत ही प्यार से कहा, ”मैडम आज तो हम आपका चालान नहीं काट रहे लेकिन कार की नंबर प्लेट पर जो मप्र शासन लिखा है उसे जरूर हटवा लें. नहीं तो हमें चालान काटने की कार्यवाही करनी पड़ेगी.” सब इंस्पेक्टर रिंकू शर्मा की इस बात पर डिप्टी कलेक्टर मुस्कुरा दीं और फूल स्वीकार करते हुए कहा कि वो इस बात का ध्यान रखेंगी. इसी तरह शुक्रवार को 15 से ज्यादा वाहन चालकों को गुलाब देकर नियमों के तहत चालान काटने की हिदायत दी गई है. पिछले दिनों ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर ने भाजपा प्रमुख जयकरन सिंह कुशवाहा की कार भी रोक ली थी.
श्री कुशवाहा ने अपना परिचय देते हुए कहा कि वो ग्रामिण विस सीट से भाजपा विधायर भारत सिंह कुशवाहा के भाई हैं. इस पर टीएसआई ने गुलाब का फूल देते हुए कहा कि आज तो उनका चालान नहीं काटा जा रहा लेकिन अगली बार कार्यवाही होगी. वहीं कार की नंबर प्लेट पर राष्ट्रीय समता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लिखे होने पर भी रोक लगाई गई लेकिन उन्होंने सब इंस्पेक्टर से कहा कि उसके चाचा डॉ. राजकुमार सिंह कुशवाहा हैं और ये उनकी कार है. वहीं वे राष्ट्रीय समता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं तो इसपर टीएसआई ने कहा कि आज ही नंबर प्लेट से पदनाम हटवा लें फिर चाहे वो कोई भी हों.
ट्रैफिक अभियान में दो अफसर भिड़े
गांधीजी ने बिना अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग किए जिस तरह अपनी नीति से अंग्रेजों का सामना किया उसी तरह सरकार ने भी गांधीगिरी करके कानून को समझाने की जिम्मेदारी ली है. इसमें सरकारी अफसर भी वाहन के नंबर प्लेट में पदनाम नहीं लिख सकते. अगर नंबर प्लेट में मप्र शासन लिखा मिला तो कलेक्टर के निर्देश पर संबंधित अफसर का चालान काटने की कार्रवाई की जाएगी.