गांव के छोरे पर आया विदेशी मैम का दिल,भारत आकर ले लिए साथ फेरे
न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: कहते हैं कि जब दो लोग सच्ची मोहब्बत में होते हैं तो उनको कोई जुदा नहीं कर सकता। ना तो धर्म, ना मुल्क, ना मजहब क्योंकि प्यार इनमें से किसी भी चीज को नहीं मानता है और ऐसी ही एक घटना हुई है मंदसौर में जहां पर एक युवक को प्यार तो हुआ लेकिन एक श्रीलंका की लड़की के साथ। हालांकि इनके प्यार को इंटरनेट वाला लव कहना गलत नहीं होगा। सोशल मीडिया पर दोनों की दोस्ती हुई और फिर ये दोस्ती प्यार में बदल गई और प्यार भी पक्का कि उन्होंने अपने रिश्ते को अंजाम दिया शादी कर के। तो चलिए आपको बताते हैं क्या है पूरी कहानी।
इंटरनेट वाला लव
मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में एक छोटे से गांव कुचड़ोंद के रहने वाले गोविंद ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उनकी शादी देश के बाहर किसी लड़की से होगी। लेकिनन उनकी किस्मत कहें या उनका स्वभाव जिसकी वजह से आज वो एक फार्नर के पति बन गए हैं। गोविंद से जब इस बारे में पूछा गया कि उनके प्यार की शुरूआत कैसे हुई तो उन्होंने बताया कि, उनकी हंसिनी से पहली बार पहचान ट्विटर पर हुई थी, जिसके बाद दोनों की दोस्ती हुई और फिर दोनों स्काइप पर बात करने लगे। धीरे-धीरे इनकी दोस्ती प्यार में बदल गई और फिर इन दोनों ने शादी करने का फैसला किया।
वीडियो कॉल में हुआ प्यार
बता दें कि हंसिनी और गोविंद ने अपने प्यार को मुकाम तक पहुंचाने का फैसला कर लिया था। हालांकि ये काफी कठिन भी था क्योंकि भारत में जात-पात बहुत माना जाता है और बात जब गांव की आ जाती है तो वहां के लोग और ज्यादा रूढि़वादी विचारधारा के होते हैं। लेकिन शाहरूख खान की फिल्म “ओम शांति ओम” का डॉयलाग जो काफी फेमस हुआ कि “किसी को अगर दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलवाने में लग जाती है” । ऐसा ही कुछ हुआ गोविंद और हंसिका के साथ भी।
हंसिनी ने बताया कि जैसे ही हम दोनों ने अपने प्यार का इजहार किया उसके फौरन बाद ही मैं गोविंद और उनके परिवार वालों से मिलने भारत आ गई। गोविंद के परिवार वालों को मनाने के बाद मैने यहीं पर अपना फिजियो थेरेपिस्ट का कोर्स किया। जिस दौरान गोविन्द ने भी अपनी बीए की पढ़ाई पूरी कर ली। जिसके बाद दोनों ने ही अपने परिवार वालों को बताया कि वो अब शादी करना चाहते हैं।
घर वालों की रजामंदी से हुई शादी
बता दें कि हंसिनी के पिता श्रीलंका में सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं, जबकि उनकी मां प्रोफ़ेसर हैं। वो लोग भी हंसिनी के इस फैसले से काफी खुश हुए। क्योंकि हंसिनी के माता-पिता बौद्ध धर्म को मानने वाले हैं तो वो अपनी बेटी के लिए ऐसा घर चाहते थे जहां पर मांस आदि का सेवन ना किया जाता हो। और उनको बिल्कुल वैसा ही घर मिल भी गया। गोविंद के घर वाले पूरी तरह से शाकाहारी थे।
कुछ समय बाद हंसिनी के माता-पिता भी भारत आए और वो गोविंद के परिवार से मिलकर काफी खुश हुए, जिसके बाद उन्होंने खुशी-खुशी अपनी बेटी की शादी गोविंद का साथ करवाई। बता दें कि दोनों ने बसंत पंचमी के दिन ही शादी की है। और इस तरह से इस इंटरनेट वाले लव की हैप्पी एंडिंग हुई।