एक्सीडेंट के बाद तड़प रही लड़की की टैक्सी ड्राइवर ने की मदद, फिर लड़की ने ऐसे उतारा कर्ज
आज का समय बहुत खराब हो गया है जहां कोई किसी की मदद नहीं करना चाहता और सब अपने काम से काम रखना चाहते हैं. ये अच्छी बात है लेकिन जब किसी को आपकी मदद की जरूरत होती है तब आपको उनकी मदद जरूर करनी चाहिए क्योंकि आपकी एक पहल किसी की जिंदगी बना सकती है. इनमें रोड एक्सिडेंट्स होना आम बात है लेकिन अगर आप उनकी मदद कर दें उनकी जिंदगी बच सकती है. जिस तरह सड़क पर तड़पती लड़की का ड्राइवर ने टैक्सी बेचकर कराया इलाज, फिर क्या हुआ इसके बारे में हम आपको बताएंगे.
लड़की का ड्राइवर ने टैक्सी बेचकर कराया इलाज
महाराष्ट्र में रहने वाली असीमा हर दिन मीलों दूर अपने कॉलेज पढ़ने जाती थी लेकिन एक दिन उसका बुरी तरह एक्सीडेंट हो गया. खून से लतपत वो रोड पर पड़ी रही लेकिन उसकी मदद करने के लिए कोई आगे नहीं आना चाहता. ऐसा इसलिए क्योंकि कोई भी पुलिस के झंझट में नहीं पड़ना चाहता और यूहीं मरने के लिए छोड़ देते हैं मगर ऐसा नहीं करना चाहिए. उस लड़की की मदद के लिए कोई भी आगे नहीं आया और वो तड़पती रही कि तभी उसके ऊपर एक टैक्सी ड्राइवर की नजर पड़ी. वो उसके पास आया और उसे उठाकर हॉस्पिटलि ले गया. वहां ले जाकर डॉक्टर्स ने उसकी ट्रीटमेंट की.
ट्रीटमेंट के दौरान डॉक्टर्स ने राजबीर को ढाई लाख का खर्चा बताया कुछ ऑपरेशन करना था. इसके बाद उसे कुछ समझ नहीं आया और उसने अपनी टैक्सी बेच दी जबकि वही एकलौता जरिया था जिससे उसका घर चलता था. मगर बिना उसकी परवाह किए उसने टैक्सी बेची और उस लड़की का इलाज करवाया जो आज के समय में नामुमकिन बात है. इसके बाद वो लड़की ठीक हो गई और अपने घर चली गई. आसमा यूपी के सहारनपुर की रहने वाली थी और महाराष्ट्र में वो पढ़ने गई थी.
आसमां ने ड्राइवर के लिए किया ये सब
आसमां अपने घर गई और जब कुछ महीनों के बाद वो पूरी तरह ठीक हुई तब उसने सोचा कि उसे उस ड्राइवर से मिलना चाहिए. किसी तरह पूछते-पूछते वो उस टैक्सी ड्राइवर राजबीर के घर पहुंच गई और वहां पर उसकी बीवी बच्चे और मां से मिली. फिर आसमां ने राजबीर को एक बड़े भाई का दर्जा देकर उसका एहसान माना और कॉलेज में होने वाले फंक्शन के लिए उसे इनवाइट किया. दरअसल आसमा अपने कॉलेज की मेधावी छात्रा है और उसे राष्ट्रपति गोल्ड मेडल से सम्मानित करने वाले थे. राजबीर के घर की हालत खराब थी फिर भी वो उस फंक्शन में गया.
उस फंक्शन में पहुंचकर वो सबसे पीछे वाली सीट पर बैठ गया. इसके बाद सारा फंक्शन खत्म हुआ और मेडल डिस्ट्रिब्यूट करने का समय आया तो आसमा को स्टेज पर बुलाया गया लेकिन उसने अपना मेडल अपने मुंहबोले भाई राजबीर को डेडीकेट किया और उसने जो किया इसके बारे में सबको बताया. राष्ट्रपति ने उस ड्राइवर को सम्मान देते हुए ट्रैक्सी दिलवाने की बात कही और पूरे हॉल में उसके सम्मान में खूब तालियां बजीं जिससे वो भावुक हो गया. सच में ऐसा बहुत कम लोग ही कर पाते हैं लेकिन जो करते हैं उन्हें ऐसा सम्मान जरूर मिलना चाहिए.