स्वास्थ्य

नींद खुलने पर हिलने-डुलने में होती है परेशानी और नहीं निकलती आवाज,तो जान लें ऐसा क्यों होता है?

न्यूज़ट्रेंड हेल्थ डेस्क: आपने हॉरर फिल्मों में अक्सर देखा होगा कि जब भूत कमरे में आता है तो उसके सामने वाले शख्स के गले से ना कोई आवाज निकलती है और ना ही वो कोई मूवमेंट कर पाता है। तब आपको लगता होगा कि ऐसा फिल्मों में दिखाया जाता है। लेकिन जब आप बड़े होते हैं तो आपको पता लगता है कि ये सब सिर्फ एक्टिंग का एक पार्ट था। लेकिन आज हम आपको बताते हैं कि ऐसा असल जिंदगी में भी होता है।

आपके साथ भी शायद ऐसा कभी हुआ हो कि आप रात में अचानक नींद से जगे हो लेकिन खुद को मूव ना कर पा रहे हों, आपके हाथ-पैर काम ही ना कर रहे हों। ना ही आपके गले से आवाज निकल रही हो। आप सब देख सुन पा रहे हों लेकिन कुछ भी करने में असमर्थ हों।

ऐसा लगता है कि किसीने आपकी पूरी बॉडी पर कंट्रोल कर रखा है, जिस वजह से आप कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं।कई बार आपको अजीब सी चीजें दिखाई और सुनाई भी पड़ने लगती हैं। कुछ लोग इस भूत-प्रेत का चक्कर मानते हैं, लेकिन हम आपको बता दें कि असल में ऐसा कुछ भी नहीं होता है।

मेडिकल भाषा में इस तरह की अवस्था को ‘स्लीप पैरालिसिस’ कहा जाता है। और ऐसा तब होता है जब आपका दिमाग पूरी तरह से जगा नहीं होता, मतलब की आपके दिमाग का कुछ हिस्सा ही जगा हुआ होता है, औऱ आपके शरीर को नियंत्रित करने वाले कुछ हिस्से अभी भी सो रहे होते हैं।

बता दें कि ऐसा तब होता है जब आप आधी नींद में होते हैं और आधे जगे हुए। ऐसे में जब आप मूवमेंट करने की कोशिश करते हैं तो कई सेकेंड या मिनटों तक ऐसा करने में असमर्थ होते हैं। और आप नार्मल तभी हो पाते हैं जब आप खुद को पूरी तरह से जगा लेते हैं।

कब होता है स्लीप पैरालिसिस?

बता दें कि स्लीप पैरालिसिस दो तरह से ही हो सकता है। एक तो तब जब आप सोने की कोशिश कर रहे हों और दूसरा तब जब आप जगने वाले हों। यदि सोते वक्त आपके साथ ऐसा कुछ होता है तो इसे हिप्नैगोगिक स्लीप पैरालिसिस कहते हैं वहीं अगर जगने के दौरान आपके साथ ऐसा कुछ होता है तो उसे हिप्नोपॉम्पिक स्लीप पैरालिसिस कहा जाता है।

क्या होता है हिप्नैगोगिक स्लीप पैरालिसिस?

ऐसा तब होता है जब आप नींद में जा रहे होते हैं ऐर आपका पूरा शरीर बिल्कुल रिलेक्स होता है। वैसे तो नींद में आपको कुछ याद नहीं रहता हैं। लेकिन डॉक्टर्स की मानें तो जब व्यक्ति नींद में जा रहा होता है तब भी उसके हाथ-पैर काम करना बंद कर देते हैं लेकिन नींद में होने की वजह से आपको इस बात का अंदाजा नहीं होता।

क्या होता है हिप्नोपॉम्पिक स्लीप पैरालिसिस ?

बता दें कि जब आप नींद में होते हैं तो आपका शरीर की दो अवस्थाओं से गुजरता है- REM (रैपिड आई मूवमेंट) और NREM (नॉन रैपिड मूवमेंट)। बता दें कि नींद का हर एक सायकल करीब 90 मिनट का होता है। सबसे पहले NREM सायकल की नींद आती है जो आपके शरीर को 75 फीसदी तक सुला देती है और इसी दौरान आपका शरीर रिलैक्स होता है।

जिसके बाद आपका शरीर NREM से REM नींद वाले फेज में चला जाता हैं। जिसमें आप सपने देखते हैं। इस वक्त सिर्फ आपकी आंखों की गतिविधि होती है, इसके अलावा पूरा शरीर आराम कर रहा होता है। REM स्लीप के समय शरीर की मांसपेशियां निष्क्रिय हो जाती हैं। अगर REM सायकल खत्म होने से पहले ही आप किसी वजह से जग जाते हैं तो आप बोलने या हिलने-डुलने में असमर्थ होते हैं।

किसको होता है स्लीप पैरालिसिस?

बता दें कि ये किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं हैं बल्कि हर 10 में से 4 लोग इसे अनुभव करते हैं। इसके होने की वजह कुछ भी हो सकती है। एक तो आनुवांशिक होने के साथ-साथ नींद की कमी, अनियमित समय पर सोना, तनाव या बाइपोलर डिसऑर्डर, पीठ के बल सोना या नींद से जुड़ीं अन्य समस्याएं जैसे नार्कोलेप्सी आदि भी होती हैं।

स्लीप पैरालिसिस से बचने के लिए क्या करें-

  • नींद से जुड़ीं आदतों में सुधार लाएं जैसे 8 घंटे तक की पूरी नींद लें।
  • ज्यादा तनाव लेने से बचें।
  • अगर मानसिक सेहत से जुड़ी कोई परेशानी है तो उसका ट्रीटमेंट कराएं।
  • नींद से जुड़े डिसऑर्डर हों तो ट्रीटमेंट लें।

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