चाणक्य नीति: ऐसी महिलाओं के लिए उनका खुद का पति शत्रु की तरह दिखता है!
पति-पत्नी को एक दुसरे का पूरक माना जाता है, एक के बिना दूसरा अधुरा होता है। दोनों सुख-दुःख की घड़ी का मिलजुलकर सामना करते हैं और इससे निपटते हैं। अगर दोनों एक दुसरे को अच्छे से समझते हैं तो दोनों का जीवन अच्छे से कटता है, लेकिन जब पति-पत्नी के बीच अच्छा रिश्ता नहीं बन पाता है तो आये दिन टकराव होता रहता है। आचार्य चाणक्य ने स्त्रियों के बारे में बताया है कि कब किसी स्त्री के लिए उसका पति सबसे बड़ा दुश्मन बन जाता है।
इन परिस्थियों में स्त्री के लिए उसका पति होता है शत्रु:-
*- जिस स्त्री का चरित्र बुरा होता है एवं जिसका किसी अन्य पुरुष के साथ सम्बन्ध होता है, उसके लिए उसका पति सबसे बड़ा दुश्मन होता है। वह अपने पति को ही अपना दुश्मन मान बैठती हैं। क्योंकि उसका पति उनको ये सब काम करने से रोकता है और पत्नी को उसकी बात पसंद नहीं आती है।
*- अगर पति या पत्नी में से कोई भी गलत काम करता है तो उसका परिणाम एक दुसरे को झेलना पड़ता है। अगर पत्नी कोई गलत काम करती है तो उसका परिणाम पति को भुगतना पड़ता है और अगर पति कोई गलत काम करता है तो उसका परिणाम उसकी पत्नी को भुगतना पड़ता है।
*- जो व्यक्ति लालची होता है, उसे दुनियाँ में सबसे ज्यादा मोह धन से होता है। ऐसे लोगों को अपने जान की अपेक्षा धन से ज्यादा लगाव होता है। जब ऐसे लोगों के घर में कोई जरूरतमंद व्यक्ति आ जाता है और उनसे थोड़ा धन माँग लेता है तो ये लोग उसे अपना दुश्मन समझ बैठते हैं। ऐसे लोगों को दान-पुण्य करना बिलकुल भी पसंद नहीं होता है।
*- मुर्ख मनुष्य ज्ञानी मनुष्य को हमेशा अपना दुश्मन ही मानता है। जब कोई ज्ञानी व्यक्ति किसी मुर्ख व्यक्ति को कुछ ज्ञान देने की कोशिश करता है तो उसको पसंद नहीं आता है, और मुर्ख व्यक्ति ज्ञानी को अपना दुश्मन समझ बैठता है। क्योंकि मुर्ख व्यक्ति इतने ज्ञान की बात सुनने का आदि नहीं होता है और उसके लिए इन सब बातों का कोई महत्व नहीं होता है।