गुप्त नवरात्र : इन 9 दिनों में गुप्त सिद्धियां पाने के लिए की जाती है शिव और शक्ति की
हर वर्ष लोगों द्वारा दो प्रकार के नवरात्रों को धूमधाम से मनाया जाता है. इन नवरात्र के दौरान लोग माता का पूजन करते हैं और फिर कन्याओं को खाना खिलाते हैं. ये दोनों नवरात्र चैत्र और शारदीय नवरात्र के नाम से जाने जाते हैं. जिनमें से हर साल चैत्र नवरात्र मार्च के अंत या अप्रैल के महीने में प्रारंभ होते हैं और शारदीय नवरात्र सितंबर या अक्टूबर महीने में आते हैं. हालांकि काफी लोगों को ये नहीं पता होता है कि हर वर्ष में चार नवरात्र आतें हैं जिनमें से दो का जिक्र ऊपर किया गया है जबकि अन्य दो गुप्त नवरात्र के नाम से जाने जाते हैं और इन नवरात्र को गुप्त तरीके के मनाया जाता है. इतना ही इन्हीं ये नवरात्र गुप्त सिद्धियां हासिल करने से जुड़े हुए होते हैं.
गुप्त नवरात्र
हिंदू धर्म के अनुसार माघ और आषाढ़ मास में आने वाले नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा जाता है. वहीं इस वर्ष पांच फरवरी से गुप्त नवरात्र का आरंभ हो रहा है और ये नवरात्र भी नौ दिन के होते है. कहा जाता है कि गुप्त नवरात्र में पूजा करने से विशेष और चमत्कारिक शक्तियां हासिल की जा सकती हैं और इस नवरात्र में गुप्त तरीके से पूजन किया जाता है.
गुप्त नवरात्र में क्या किया जाता है
अन्य दो नवरात्र यानी शरद और चैत्र नवरात्र के जैसे इन नवरात्र (गुप्त) में माता रानी की पूजा गुप्त तरह से होता है. गुप्त नवरात्र में पूजा देर रात में आरंभ होती है और पूजा के दौरान जलाने वाले दीया केवल सरसों के तेल से ही जलाया जाता है.
प्राप्त होती हैं गुप्त सिद्धियां
कहा जाता है कि गुप्त सिद्धियां पाने के लिए गुप्त नवरात्र में विशेष पूजा की जाती है और सच्चे मन से गुप्त नवरात्र में पूजा करने से कोई भी व्यक्ति चमत्कारी शक्ति प्राप्त कर सकता है. हालांकि गुप्त सिद्धाय पाने के लिए इन नवरात्र में गुप्त तरह से ही मां की पूजा करनी होती है.
किन भगवानों की पूजा की जाती है
गुप्त नवरात्र में महाविद्याओं की पूजा की जाती हैं और 10 प्रकार की महाविद्याएं होती हैं. जो कि काली, त्रिपुर सुंदरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, तारा देवी, भुवनेश्वरी, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी हैं. ये 10 प्रकार की महाविद्या सती मां की हैं और इनकी पूजा रात के समय शुरू होती हैं. इन महाविद्याओं की पूजा के अलावा इन नवरात्र में कई लोगों द्वारा शिव जी की पूजा भी की जाती है.
गुप्त नवरात्रि में किस तरह से होती है पूजा
गुप्त नवरात्रि के दौरान की जाने वाली पूजा थोड़ी से कठिन होती है. रात के समय होने वाली इस पूजा में सबसे पहले मां की मूर्ति को स्थापित किया जाता है और फिर उस मूर्ति को लाल सिंदूर, फल, तिल के लडडू अर्पित किए जाते हैं. पूजा शुरू करने से पहले माता के सामने एक सरसों का दीया भी जलाया जाता है. वहीं इस दीपक को जलाने के साथ ही ॐ दुं दुर्गायै नमः का जाप करना शुरू कर दिया जाता है. आपको बता दें कि अधिक लोगों को ऐसा लगता है कि इन नवरात्रि में केवल तांत्रिक ही पूजा करते हैं, लेकिन ये एकदम गलत है कोई भी मां का भक्त इन नवरात्रि में पूजा कर सकता है और उनसे गुप्त सिद्धियां हासिल कर सकता है.