माल्या को ब्रिटेन से भारत लाने की आशा बढ़ी, ब्रिटेन सरकार से दी प्रत्यर्पण को मंजूरी
कारोबारी विजय माल्या को भारत लाने की राह साफ होती जा रही है और इनको भारत लाने से जुड़े आदेश पर ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जावेद ने हस्ताक्षर कर दिए हैं. कहा जा रहा है कि जावेद ने तीन फरवरी को विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने के आदेश को मंजूरी दे दी है. जिसके बाद इनको भारत जल्द लाया जा सकता है. हालांकि माल्या इस आदेश से खिलाफ फिर से कोर्ट में अपील करने वाले हैं. 9000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर भारत से भागने वाले माल्या के पास प्रत्यर्पण के खिलाफ अर्जी देने के लिए 14 दिनों का ही समय है और इन 14 दिनों में ही इन्हें अपील करनी होगी. वहीं अगर इनकी अपील को खारिज किया जाता है तो इनका भारत आना लगभग तय है.
भारत सरकार लंबे समय से ब्रिटेन में शरण लिए माल्या को वापस भारत लाने में लगी हुई थी और अब जाकर भारत सरकार को इस मामले में कामयाबी मिलती हुई नजर आ रही है. ब्रिटेन सरकार के द्वारा माल्या के प्रत्यर्पण को मंजूरी मिलने के बाद भारत विदेश मंत्रालय ने एक बयान भी जारी किया है और इस बयान में कहा है कि भारत ब्रिटिश सरकार के इस निर्णय का स्वागत करता हैं और माल्या के प्रत्यर्पण के लिए कानूनी प्रक्रिया जल्द पूरी होने का इंतजार हैं.
माल्या की और से भी आया ट्वीट
माल्या ने भी अपने प्रत्यर्पण को मंजूरी मिलने के बाद एक ट्वीट किया है और कहा है कि 10 दिसंबर, 2018 को वेस्टमिंस्टर कोर्ट के आए फैसले के बाद मैं अपील करना चाहता था. मगर होम सेक्रेटरी के फैसले से पहले अपील नहीं की जा सकती थी और अब फैसला आ गया है और मैंने अपील की प्रक्रिया शुरू करूंगा.
After the decision was handed down on December 10,2018 by the Westminster Magistrates Court, I stated my intention to appeal. I could not initiate the appeal process before a decision by the Home Secretary. Now I will initiate the appeal process.
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) 4 February 2019
63 वर्षीय माल्या का ये भी कहना है कि उनकी कंपनी की 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त हो चुकी है और ये कर्ज उन्होंने नहीं बल्कि किंगफिशर एयरलाइंस ने लिया था. उन्होंने केवल गारंटी दी थी और इसका मतलब ये नहीं है कि वो धोखेबाज हैं.
गौरतलब है कि दिसंबर महीने में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने धोखाधड़ी और मनी लॉन्डि्रंग के आरोपी माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था. जिसके बाद इस फैसले को गृह मंत्री के पास भेजा गया था. क्योंकि इस देश के प्रत्यर्पण संधि की प्रक्रियाओं के मुताबिक चीफ मजिस्ट्रेट द्वारा दिए गए फैसले पर गृह मंत्री की मंजूरी ली जाती है. गृह मंत्री के पास ही प्रत्यर्पण आदेश को जारी करने का अधिकार है और वहीं अब गृह मंत्री ने इस प्रत्यर्पण आदेश पर अपनी मंजूरी दे दी है.
मोदी सरकार के लिए है ये बड़ी जीत
माल्या के देश से भागने को लेकर विपक्ष द्वारा मोदी सरकार को जिम्मेदार बताया जा रहा था और इस मुद्दे को चुनावी रंग भी दिया जा रहा था. वहीं अब माल्या को भारत लाने के फैसले को मंजूरी मिलने के बाद विपक्ष के लिए ये काफी बड़ा झटका होगा. क्योंकि विपक्षों पार्टी द्वारा बार बार मोदी सरकार के सामने इस मुद्दे को उठाया जा रहा था.