नई दिल्ली – अंग्रेजो ने हमारे देश पर 200 से ज्यादा वर्षों तक राज किया लेकिन अब लगता है उनके बुरे और हमारे अच्छे दिन शुरु होने वाले हैं। अब राज करने कि बारी हमारी है। इस समय जब लोग खासकर विपक्ष विमुद्रीकरण के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी कि बात कर रहे हैं, भारत ने विश्व के आर्थिक इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। मोदी सरकार ने पिछले दो साल में जो किया है उससे देशवासियों का सीना गर्व से ऊँचा उठा है। ग्रेट ब्रिटेन सपनों में भी नहीं सोच सकता था कि जिस देश पर उसने 200 वर्षों तक शासन किया वह देश इकोनामी ग्रोथ में उन्हें पीछे छोड़ देगा। 100 साल के भारतीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। Indian economy growth.
भारत की GDP ब्रिटेन को देगी पछाड़ –
विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में शुमार भारत की जीडीपी जल्द ही ब्रिटेन को पीछे छोड़ सकती है। विश्व प्रसिद्ध बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स के अनुमान के अनुसार, अगले साल भारतीय अर्थव्यवस्था ब्रिटेन को पीछे छोड़ देगी। कभी दुनिया के सबसे बड़े भू-भाग पर राज करने वाले ब्रिटेन के पिछले 100 साल के इतिहास में यह पहली बार होगा, जब उसकी जीडीपी उसके अधिन रहे भारत से कम हो जाएगी। ऐसी उम्मीद थी कि भारत 2020 तक ब्रिटेन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर पहुँच जाएगा, लेकिन भारत कि तीव्र प्रगति के कारण यह 2016 में ही हासिल हो जाएगा।
ब्रिटेन को ब्रेग्जिट के कारण नुकसान –
मौजूदा विनिमय दरों (16 दिसंबर) में, 2016 में ग्रेट ब्रिटेन पाउंड (GBP) का सकल घरेलू उत्पाद 1.87 ट्रिलियन $2.29 ट्रिलियन हो गया है, जबकि भारत की जीडीपी 153 ट्रिलियन से बढ़कर 2.30 ट्रिलियन हो गई है। भारत के इस उपलब्धि तक पहुंचने के प्रमुख कारणों में से एक पिछले 12 महीनों में पाउंड में लगभग 20% की गिरावट है। फोर्ब्स में प्रकाशित लेख में बताया गया है कि मौजूदा करेंसी रेट के हिसाब से भारत की जीडीपी 2.25 लाख करोड़ डॉलर यानी करीब 153 लाख करोड़ रुपये है। वहीं वर्तमान में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था का आकार 2.31 लाख करोड़ डॉलर यानी 156 लाख करोड़ रुपये है।
ये संयोग की बात है कि जब भारत की अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ी उसी वक्त ब्रिटेन ईयू यानि यूरोपियन यूनियन से बाहर हो गया। ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था के लिए ये सबसे बड़ा झटका रहा कि ईयू से निकलने के बाद जीडीपी लगातार कम हुई। एक अनुमान के मुताबिक, भारतीय अर्थवस्था अगर 7% की दर से भी बढ़ती है, तो अगले साल के अंत तक जीडीपी 2.40 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगी।
भारत विश्व की 7वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था –
इस वक्त वर्ल्ड बैंक की रैंकिंग में ब्रिटेन दुनिया का 5वीं और भारत 7वीं सबसे बड़ा अर्थव्यवस्था है। भारत ने जहां एक ओर 1947 से लेकर वर्ष 1991 तक लगभग ब्रिटेन के समान दर से जीडीपी विकास दर्ज किया है। वहीं 1991 में वैश्वीकरण अपनाने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार ब्रिटेन के मुकाबले काफी तेज हो गयी है। आपको बता दें कि परचेजिंग पॉवर पैरिटी की आईएमएफ की रैंकिंग में भारत तीसरे स्थान पर है। इस रैंकिंग में चीन पहले और अमेरिका दूसरे नंबर पर हैं और ब्रिटेन नौवें स्थान पर है।