राजनीतिक दल भी नोटबंदी के दायरे में, नहीं ले सकते है 500 और 1000 रुपये के नोटों में चंदा!
नयी दिल्ली – कुछ दिन पहले सरकार द्वारा नोटबंदी के नियमों में नए बदलाव से राजनीतिक दलों को रियायत दिये जाने की खबरों को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खारिज किया है। जेटली ने कहा कि नोटबंदी के बाद कोई भी राजनीतिक दल 500 और 1000 रुपये के नोटों के रूप में चंदा नहीं ले सकता है। यदि कोई भी राजनीतिक दल ऐसा करता है, तो यह कानून का उल्लंघन होगा। Exemption for Political Parties.
राजनीतिक दलों को नोटबंदी के नियमों में छूट नहीं –
जेटली ने कहा है कि राजनीतिक दलों को नोटबंदी और 15 दिसंबर को लागू आयकर संशोधन अधिनियम 2016 के बाद कोई छूट हासिल नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि 15 दिसंबर, 2016 से लागू हुए संशोधित टैक्स अधिनियम के तहत भी ऐसी कोई छूट नहीं है। राजनीतिक दल पुराने 500 और 1000 के नोट स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि अब ये कानूनी करेंसी नहीं हैं। शनिवार को एक बयान में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आयकर अधिनियम 1961 की धारा 13 के तहत राजनीतिक दलों को अपने ऑडिट किए हुए बही-खातों, आय और व्यय ब्योरा और बैलेंस शीट पेश करना होता है।
पुराने नोटों के बदले नयी करेंसी नहीं होगी जारी –
सरकार ने स्पष्ट किया है कि 15.44 लाख करोड़ रुपये के पुराने अमान्य नोटों के स्थान पर इतनी ही राशि की नयी करेंसी जारी नहीं होगी। डिजिटल करेंसी द्वारा इस अंतर को पूरा किया जाएगा। वित्त मंत्री ने नोटबंदी को साहसिक कदम बताते हुए कहा कि देश में इतनी क्षमता है कि वह ऐसे कदम उठा सके। जेटली ने फिक्की की वार्षिक आम बैठक में कहा कि नोटों को अमान्य करने के कदम से देश कि अर्थव्यवस्था, चलन में अधिक नकदी की समस्या से बाहर निकलेगी। जेटली ने यह भी कहा कि नोटबंदी से यह प्रयास किया गया कि नकदी को चलन में कम रखा जाए। हमारा प्रयास है कि बाकी अंतर को डिजिटल करेंसी के जरिये ही पूरा किया जाये।
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