किसानों की भावनाओं का उड़ा मज़ाक, मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के कर्ज़ में से किए केवल 25 रुपए माफ़
मध्यप्रदेश: हाल ही में मध्य प्रदेश में हुए चुनावों में कांग्रेस सरकार ने सत्ता हासिल कर ली थी. बता दें कि सत्ता में आने से पहले ही कांग्रेस का यह वादा था कि वह कुर्सी पर बैठते ही सबसे पहले किस्सनों के ऋण माफ़ी के बारे में बड़ा फैसला लेगी. जिसके बाद जीतने पर कांग्रेस ने कुर्सी पर हाथ जमाते ही सबसे पहले किसानों के क़र्ज़ माफ़ी की फाइल पर हस्ताक्षर किए थे. जिसके बाद पूरे राज्य के किसानों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई थी. लेकिन पिछले दो महीने से किसान अपने करजों की माफ़ी का इंतज़ार कर रहे थे और जब उनके क़र्ज़ माफ़ी की सूची सामने आई तो उसे देख कर सबके पैरों तले से ज़मीन खिसक गई.
दरअसल सूची में लिखित अनुसार राज्य के बहुत सारे किसानों के ऋण में से केवल 25 रुपए से लेकर 300 रुपए ही माफ़ किए गए थे. सरकार द्वारा जारी की गई इस लिस्ट को देख कर नाराज किसानों का कहना है कि उनके कर्ज़ की राशि काफी अधिक है जबकि सरकार ने उनसे किए वादों को तोडा है. देखा जाए तो प्रशासन द्वारा किया गया यह हिसाब सबकी सोच से कौसों परे है. प्रशासन ने हाल ही में उन किसानों की सूची ज़ारी की जो कि 31 मार्च 2018 तक की ऋण अवधि में शामिल थे.
हालाँकि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में सभी किसानों को दो लाख रुपए तक माफ़ करने की घोषणा की थी लेकिन अब ऐसे में 25 रुपए जैसी माफ़ी देख कर हर कोई सरकार पर सवाल उठा रहा है. लोगों के अनुसार यह सरकार का एक भद्दा मजाक था जिसे कुर्सी पर बैठते ही भुला दिया गया. इस मामले में जय किसान ऋण मुक्ति योजना के तहत स्थानीय टाउन हॉल में कर्ज माफी की सूची बुधवार को ज़ारी की गई. इस ऋण माफ़ी की लिस्ट में जैतपुर के किसान प्रकाश का नाम था जिसमे सरकार ने उसके क़र्ज़ के केवल 25 रुपए ही माफ़ किए थे. प्रकाश के अनुसार उसका कुल कर्ज़ ढाई लाख रुपए से भी अधिक था ऐसे में उसे किस हिसाब से 25 रुपए दिए गए, यह उसकी समझ से बाहर की बात है.
इसके इलावा सिकंदरपुरा के एक किसान अमित का भी सूची में नाम था. लेकिन सरकार ने उसके 30 हज़ार रुपए के कर्ज़ में से केवल 300 रुपए ही कम किए थे. किसानों के अनुसार उन सब ने भविष्य में होने वाली असुवधियाओं से बचने के लिए अपने स्तर पर कर्ज़ राशि जुटाकर जमा करवाई और खाता शून्य करके एक बार फिर से कर्ज़ लिया जबकि सूची में इसका कोई उल्लेख नहीं था. ख़बरों के अनुसार जिले में दो लाख से अधिक ऋण कृषक हैं. इनमे से सहकारी बैंक के एक लाख 52 हज़ार और राष्ट्रीयकृत बैंकों के 20 हजार 600 कृषक शामिल हैं.
खरगोन के भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष श्याम सिंह पंवार के अनुसार घोषणा के बाद सरकार को सभी किसानों का ऋण माफ़ करना चाहिए. सूची में बाहुत से किसानों का कर्जा 25 रुपए ही माफ़ किया गया जबकि उनकी कर्ज़ राशि उस रकम से कईं गुना अधिक थी. ऐसे में सरकार को अपना वचन पूरा करना चाहिए.