भारत-अमेरिका के इस फैसले उड़ी चीन और पाकिस्तान की नींद!
नई दिल्ली – हिंद महासागर में अपना दबदबा दिखाने की कोशिश कर रहे चीन को सबक सिखाने के लिए भारत और अमेरिका रणनीतिक सहयोग बढ़ा रहे हैं। दोनों देश सालाना मालाबार नौसेना अभ्यास को विस्तार देने की योजना बना रहे हैं जिससे की ऐंटी-सबमरीन ऑपरेशन को नई ताकत मिल सके। गौरतलब है कि यह ऐसे वक्त हो रहा है जब हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों से भारतीय सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हैं। चीन के बढ़ते कदमों पर भारत लगातार अपनी निगाह बनाए हुए है। India us upgrade Malabar navy drill.
हिंद महासागर में बढ़ता जा रहा है चीन का दखल –
भारत हिंद महासागर में चीनी पनडुब्बियों की मौजूदगी से चिंतित है। भारतीय नौसेना ने चीन की करीब छह ऐसी पनडुब्बियों को अपने राडार पर देखा है। इसकी जानकारी देते हुए भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा और यूएस 7वीं फ्लीट के कमांडर वाइस एडमिरल जोसफ पी. ओकोयन ने कहा कि तीनों देशों के बीच होने वाली यह एक्सरसाइज अगले वर्ष हिंद महासागर क्षेत्र में होगी। आपको बता दें कि भारत पेट्रोलिंग के लिए अमेरिका के P-81 एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल करता है जोकि आधुनिक रडार सिस्टम, खतरनाक हार्पून ब्लॉक 2 मिसाइल्स और एमके-54 लाइटवेट टॉरपिडो से लैस है।
मालाबार ड्रिल वर्ष 2017 में होनी है –
मालाबार नेवी ड्रिल 2017 के दौरान नौसेना लंबी दूरी की मिसाइल से लैस सर्विलांस एयक्राफ्ट पी-8Iपोसायडन को शामिल करेगी। यूएस नेवी का पी-8A भी इस एक्सरसाइज का हिस्सा होगा। भारत और अमेरीका नेवी के यह एयरक्राफ्ट्स चीनी पनडुब्बियों के बारे में जानकारी शेयर करेंगे। आपको बता दें कि इंडियन नेवी का पी-8I अमेरिका की सबसे खतरनाक हारपून ब्लॉक-II से लैस हो चुका है जिसमें एडवांस्ड रडार सिस्टस, एमके-54 लाइटवेट टारपिडो और रॉकेट भी मौजूद हैं। शुक्रवार को अमेरिका के सातवें बेड़े के वाइस ऐडमिरल जोसेफ पी. एकॉइन ने इंडियन नेवी चीफ ऐडमिरल सुनील लांबा और बड़े अधिकारियों से दिल्ली में मुलाकात की है।
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