बॉलीवुड

शोले के क्लाइमेक्स में जिंदा होता जय, जानें कैसे बदल दिया गया था शोले का अंतिम सीन

बॉलीवुड में तो फिल्में हर शुक्रवार को रिलीज होती हैं और अच्छी खासी कमाई करके पर्दे के साथ साथ लोगों के दिलों दिमाग से भी उतर जाती हैं। उन्हीं में से कुछ फिल्में ऐसी भी बनीं जो पर्दे से उतरी , लेकिन लोगों के जेहन में इस कदर बस गईं की सालों बाद भी उसकी यादें धुंधली नहीं हुईं। ऐसी ही रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी फिल्म थी शोले जिसके एक एक किरदार आज भी लोगों के दिलों दिमाग में बसते हैं। इस फिल्म के हर एक सीन से लेकर डॉयलाग तक लोगों को याद हैं। रमेश सिप्पी जिनका जन्म 23 जनवरी को होता है वह इस फिल्म के निर्देशक थे और उन्होंने फिल्म का क्लाईमेक्स कुछ और सोच रखा था।

कुछ और होता फिल्म का क्लाइमेक्स

शोले बॉलीवुड की उन फिल्मों में से एक है जिसे हम ऑईकॉनिक या फिल्म ऑफ द मिलेनियम कहते हैं। इस फिल्म में वह सबकुछ था जो दर्शकों को पसंद आया चाहे वह जय वीरु की दोस्ती, वीरु बसंती का रोमांस, जय की मौत, मौसी को शादी के लिए मनाना या फिर चचा का इतना सन्नाटा क्यों हैं भाई कहना। हर एक सीन में दर्द, खुशी, हंसी, ड्रामा सबकुछ था। इस फिल्म के वैसे तो हर सीन को पसंद किया हगया, लेकिन फिलम का क्लाईमेक्स सीन बहुत ही शानदार रहा और दर्शकों ने थिएटर में तालियां भी पिटी थी, लेकिन रमेश सिप्पी इस फिल्म का क्लाइमेक्स कुछ और दिखाना चाहते थे और दिखा कुछ और था।

फिल्म के आखिरी सीन में दिखाया गया की ठाकुर कील वाले जूते पहन कर आता है और गब्बर को आकर मारता है, लेकिन जैसे ही वह उसकी जान लेने वाला होता है पुलिस आकर उन्हें रोक देती है। फिल्म का यह अंतिम सीन इस तरह नहीं था। फिल्म का अंत जो सोचा गया था वह इससे काफी अलग था और फिल्म में जय भी जिंदा होता।

गब्बर की हो जाती मौत

फिल्म का असल क्लाइमेक्स ये था कि ठाकुर गब्बर को मारते हुए उसी जगह ले जाता हैं जहां गब्बर ने उसका हाथ काटा था और फिर वह उसे मार डालता है। इसके बाद जय औऱ वीरु आकर ठाकुर को शॉल ओढ़ा देते हैं और दोनों को गले से लगा देते हैं। हालांकि यह सीन हो नहीं पाया और सेंसर बोर्ड की वजह से रमेश सिप्पी को फिल्म का सीन बदलना पड़ा था।

दरअसल इस सीन को बदलने के पीछे मजबूरी थी इमरजेमसी। फिल्म जिस वक्त रिलीज हुई वह इमरजेंसी का दौर था। सेंसरबोर्ड को इस बात से आपत्ति थी की फिल् में ये दिखाया जा रहा है कि पुलिस का पूर्व अधिकारी किसी अपराधी को खुद से सजा दे रहा है। फिल्मों से लोग उस वक्त कुछ ज्यादा ही प्रभावित हो जाते थे और यह सीन देखकर बाहर का माहौल खराब हो सकता था इस वजह से फिल्म के आखिरी सीन को दोबारा शूट करना पड़ा था।

फिल्म रही सुपरहिट

हालांकि फिल्म का क्लाइमेक्स बदल देने का फिल्म को फायदा ही मिला और फिल्म जबरदस्त हिट साबित हुई। फिल्म में सबसे दर्दनाक मौत जय की थी जिसे देखकर दर्शकों के आंख में आंसू आ गए थे। इस फिल्म के सभी सीन और किरदारों ने दर्शकों का मनोरंजन किया। किसे पता था की शुरुआत में फ्लॉप होने वाली ये फिल्म आगे चलकर आईकोनिक फिल्म में से एक हो जाएगी।

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