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ISRO के सैटेलाइट से ऐसा दिखता है कुंभ मेले का नज़ारा, यहां देखिये दिल चुरा लेनी वाली तस्वीर

आस्था की नगरी प्रयागराज में इन दिनों जमकर जनसैलाब देखने को मिल रहा है। जी हां, प्रयागराज के कुंभ मेले में शामिल होने के लिए देश विदेश से भक्ति में लीन लोग आ रहे हैं। कुंभ मेले के समय प्रयागराज बिल्कुल दुल्हन की तरह सज जाता है। कुंभ का नजारा बहुत ही ज्यादा खूबसूरत होता है। इस समय हर कोई भक्ति में लीन होता है और गंगा में नहाता है। कुंभ में गंगा स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। इसी बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान ने कुंभ की कुछ फोटो शेयर की है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

आस्था की नगरी में भारी जनसैलाब देखने को मिल रहा है। देश विदेश से लोग शामिल होने के लिए आ रहे हैं। लाखों की संख्या में साधु संत कुंभ पहुंचे हैं। हर कोई इन दिनों कुंभ का आनंद ले रहा है। ऐसे में कुंभ की चर्चा तो पूरे विश्व में है, लेकिन इसरो की तस्वीर ने इस चर्चे में एक नया मोड़ ला दिया है। जी हां, यदि आप कुंभ गये भी हो और वहां का नज़ारा देख भी लिए हो, लेकिन फिर भी इसरो की यह तस्वीर आपको एक नया आनंद देगी।

इसरो से ऐसा दिखता है कुंभ

बताते चलें कि इसरो ने भारतीय रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट कार्टोसैट-2 के द्वारा अर्ध-कुंभ तस्वीरे ली गई हैं, जिसे ट्विटर पर ट्विट किया गया है। यह तस्वीर काफी करीब से ली गई है और बिल्कुल सटीक है। इसरो ने ट्वीट करते हुए लिखा कि इसरो से कुंभ का नजारा ऐसा दिखता है। यह तस्वीर दर्शको के बीच खूब पसंद की जा रही है और लोग इस पर तरह तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। दरअसल, इसरो ने इतने बड़े मेले को सैटेलाइट से क्लिक किया है, इसलिए लोगों के बीच यह तस्वीर ट्रेंड कर रही है।

लाखों लोग रोज लगा रहे हैं डुबकी

कुंभ मेले में हर रोज़ लाखों लोग गंगा में डुबकी लगा रहे हैं और अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। एक बार फिर से आपको बता दें कि कुंभ का मेला सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में विख्यात है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो मकर संक्रांति के दिन कुंभ मेले में करोड़ो लोग शामिल हुए थे और सभी ने गंगा में डुबकी लगाई थी। कुंभ मेला आस्था का प्रतीक है और यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव के रूप में भी जाना जाता है।

तीन नदियों का मेल है कुंभ मेला

बता दें कि कुंभ मेले में से सबसे ज्यादा प्रयागराज के महाकुंभ का महत्व है। दरअसल, प्रयागराज के महाकुंभ तीन नदियों के मेल होने के बाद बनता है। इसमें गंगा, यमुना और लुप्त हो गई नदी सरस्वती शामिल है। इनका मेल होने के बाद ही महाकुंभ लगता है और यह हर 12 साल में एक बार होता है। बता दें कि 15 जनवरी से शुरू हुआ कुंभ मेला 5 मार्च तक चलेगा।

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