स्मिता पाटिल को हो गया था अपनी मौत का अंदाजा, कुछ घंटे पहले की कहानी सुन कर यकीन न कर पाएंगे
स्मिता पाटिल अपने ज़माने की मशहूर अदाकारा हुआ करती थीं. उन्होंने बेहद ही कम उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया था. बच्चे को जन्म देते समय कुछ कॉम्प्लिकेशन हो गए थे जिस वजह से उनकी जान चली गयी. लेकिन स्मिता की मौत से कुछ घंटे पहले की कहानी पर नजर डालें तो ऐसा लगता है जैसे उन्हें पहले से ही अपनी मौत का अंदाजा हो गया था. उन्हें कुछ टाइम पहले ही पता चल गया था कि कोई अनहोनी घटने वाली है.
मौत से कुछ घंटे पहले की कहानी ऐसी थी
12 दिसंबर 1986 को बेटे प्रतीक के रोने की आवाज़ सुनकर वह अपने बेड से उठीं. वहीं, पास में उनके पति राज बब्बर सो रहे थे. वह नहीं चाहती थी कि बेटे की आवाज़ सुनकर उनकी नींद खुल जाए इसलिए जल्दी से उन्होंने बेटे को चुप कराया. स्मिता अपने बेटे को नर्सरी में लेकर चली गयी और उसके सुनहरे भविष्य की कल्पना करने लगीं. कभी वह सोचती थी कि बेटा उनकी तरह कलाकार बनेगा तो कभी अपने नाना (शिवाजी पाटिल) की तरह पॉलिटिशियन. इसी दौरान उन्होंने अपने बेटे का नाम प्रतीक रखा.
प्रतीक बार-बार अपनी मां के शरीर से खुद को दूर करने की कोशिश कर रहा था. तब स्मिता को अहसास हुआ कि उनके बॉडी टेम्परेचर से उनके बेटे को दिक्कत हो रही है. बेटे को वायरस से दूर रखने के लिए उन्होंने दो दिनों तक बेटे को छुआ भी नहीं. बता दें, प्रतीक का जन्म स्मिता की मौत से 15 दिन पहले यानी 28 नवंबर 1986 को हुआ था. स्मिता को लगा था कि शायद राज बब्बर को बुखार है इस वजह से उन्हें भी बुखार हो गया है. हालांकि उनका बॉडी टेम्परेचर नार्मल था.
अगले दिन जब राज काम पर निकल गए तो स्मिता अपने डेली रूटीन में लग गयीं. इसी दौरान उन्होंने अपनी डायरी में फिल्म ‘भीगी पलकें’ के बारे में लिखा. इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान उनकी मुलाकात राज से हुई थी. उन्होंने डायरी में अपनी बहनों के साथ बिताये पलों के बारे में लिखा. ये सब देखकर उनकी मां ने पूछा कि वह ऐसा क्यों कर रही हैं. इस पर स्मिता ने जवाब दिया, “बस ऐसे ही, मैं उन सब यादों को एक बार फिर जीना चाहती हूं”.
बॉडी में मामूली दर्द और बुखार होने की वजह से डॉक्टर उन्हें देखने आया और कहा कि घबराने वाली कोई बात नहीं है सब ठीक हो जाएगा. पास में वहीं स्मिता की हेयर ड्रेसर खड़ी थी. स्मिता ने अपनी हेयर ड्रेसर से कहा कि, “मुझे कुछ अच्छी फीलिंग नहीं आ रही, प्लीज़ दुआ करना कि मैं जल्दी ठीक हो जाऊं”.
अभी तक स्मिता अस्पताल में ही थीं और उन्हें बोतल चढ़ रही थी. इस दौरान उन्होंने रूम बदलने की इच्छा जाहिर की. इस दौरान उन्होंने अपनी मां से आज तक किये गए अपने बुरे बर्ताव के लिए माफ़ी भी मांगी. इसके बाद उन्हें बेचैनी होने लगी और वह किसी का फ़ोन नंबर ढूंढने लगीं. उस टाइम में अभिनेत्री पूनम ढिल्लन स्मिता की बहुत अच्छी दोस्त हुआ करती थीं. स्मिता ने पूनम को फोन लगाया और होने वाली बेचैनी के बारे में बताया. पूनम ने उन्हें हिम्मत दी और बोला वह बिलकुल ठीक हैं.
पूरे दिन शूटिंग के बाद राज बब्बर घर लौटे तब तक स्मिता की ट्यूब्स निकाल दी गयी थी. उन्हें उस दिन किसी पार्टी में जाना था. स्मिता ने कहा कि वह अच्छा महसूस कर रही हैं और वह भी उनके साथ पार्टी में जाना चाहती हैं. लेकिन राज इस बात के लिए राजी नहीं हुए. उन्होंने स्मिता को बेड पर कम्बल ओढ़ाकर लिटाया और आराम करने की सलाह दी. 10 मिनट बाद जब वह नहाकर बाहर आये तो उन्होंने देखा कि स्मिता का चेहरा पीला पड़ गया है और वह खून की उल्टियां कर रही हैं. उन्होंने डॉक्टर को फ़ोन किया. लेकिन स्मिता अपने बेटे को छोड़कर डॉक्टर के पास नहीं जाना चाहती थीं. वह रोते-रोते अपनी मां और राज बब्बर से बहस करने लगीं.
अस्पताल पहुंचते-पहुंचते स्मिता पाटिल कोमा में चली गयी थीं. ये खबर फिल्म इंडस्ट्री में आग की तरह फ़ैल गयी थी और लोग उन्हें देखने आने लगे. भर्ती होने के दौरान कभी खबरें आई कि वह ठीक हैं तो कभी हालत नाजुक है. वह दिन जैसे-तैसे गुजर गया. अगले दिन खबरें आई कि स्मिता नहीं रहीं. स्मिता के दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था. आपको जानकर हैरानी होगी कि 20 डॉक्टर की टीम उनका इलाज कर रही थी. नम आंखों के साथ पूरी दुनिया ने स्मिता पाटिल को आखिरी विदाई दी.
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