कानपुर के चाय वाले की बेटी को मिला नेशनल ताइक्वांडो खेलने का मौका, दिल को छू जाएगी इसकी कहानी
जिंदगी में हर किसी को वो मुकाम नहीं मिल पाता जिसकी उसे चाहत होती है लेकिन अगर आप किसी चीज को दिल से चाहो तो वो आपको जरूर मिल सकती है. कुछ ऐसी ही कहानी कानपुर में रहने वाले रमेश कुमार चायवाले की है जिसकी 11 साल की बेटी को नेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप में यूपी की तरफ से खेलने का मौका मिला है. 27 से 30 जनवरी तक तेलंगाना में होने वाली नेशनल सब जूनियर ताइक्वांडो चैंपियनशिप में पूजा ने हिस्सा लेने वाली हैं और कानपुर को प्रतिनिधित्व करेंगी. पूजा 22 किलो भार वर्ग की प्रतिस्पर्धा में अपना प्रदर्शन दिखाने जा रही हैं. कानपुर के चाय वाले की बेटी को मिला नेशनल ताइक्वांडो खेलने का मौका, पूजा के पिता चाय वाले हैं और अपनी मेहनत से उन्होंने अपनी बेटी को इस लायक बनाया है.
कानपुर के चाय वाले की बेटी को मिला नेशनल ताइक्वांडो खेलने का मौका
कानपुर के सिविल लाइंस के रहने वाले रमेश कुमार अपनी पत्नी फूलमती देवी, बड़ी बेटी पुष्पलता, छोटी बेटी पूजा कुमारी और बेटे आकाश के साथ परमट मंदिर के बाहर झोपड़ी बनाकर रहते हैं. उसी झोपड़ी में रमेश की चाय की दुकान है और उसे पूरा परिवार चलाता है. पूजा इस समय सिविल लाइंस में नर्सरी पब्लिक स्कूल के कक्षा 4 में पढ़ती हैं और पूजा ने अपनी मेहनत व लगन के बल पर बहुत कम उम्र में ही मंडल स्तर से राष्ट्र स्तर तकसफर तय किया. सरकार की उपेक्षाओं का शिकार होने के बाद भी पूजा ने गरीबी से लड़कर अपने शहर के लिए कई मैडल भी जीते. मीडिया से बात करते हुए पूजा ने बताया कि ग्रीनपार्क से कुछ लड़के सफेद ड्रेस पहनकर निकलते थे तब वो उन्हें देखा करती थीं. उस ड्रेस से पूजा प्रभावित होती थीं और उन्होंने ताइक्वांडो सीखना शुरु कर दिया था और आज वो राष्ट्र स्तर की खिलाड़ी बन चुकी हैं.
पूजा की इस लगन पर उनके पिता रमेश कुमार कहते हैं, ”परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है कि हम बेटी को भरपूर डाइट दे सकें. इसके बाद भी बेटी की लगन कम नहीं हुई और उसने हार नहीं मानी. पूजा के कोच सुशांत बेटी को फ्री में अभ्यास कराते थे और समय पड़ने पर बिटिया की संभव मदद भी करते थे. इसी वजह से मेरी बेटी को शहर के बाहर होने वाली प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने का हौसला मिल पाता था. ”
कच्चे मकान में परिवार के साथ रहती हैं पूजा
पूजा के कोच सुशांत ने कहा कि पूजा का मकान कच्चा है लेकिन उसके इरादे पक्के हैं. शुरु से ही उसके खेल के प्रति अपना रुझान देखते हुए उन्होंने उसे गाइड करना शुरु किया. अगर ऐसे बच्चों को कोई प्रोयजक मिल जाए तो ये एक दिन देश का नाम भी रोशन कर सकती है. साल 2015 में ग्रीनपार्क में हुए मंडल स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लिया. दिसंबर, 2016 में कानपुर में हुए मंडल स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदल हासिल किया. मई, 2017 में जयपुर में हुए भगवान महावीर ओपेन नेशनल प्रतियोगिता में रजक पदक जीता. जुलाई, 2017 में बरेली में हुए राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया, दिसंबर 2017 में हुए महावीर ओपेन ताइक्वांडो प्रतियोगिता में रजक पदक जीता. इसके बाद जून 2018 में हुए महावीर ताइक्वांडो प्रतियोगिता में रजक पदक जीता और फिर दिसंबर 2015 में हुए जूनियर राज्य स्तरीय प्रतियोहिता में स्वर्ण पदक हासिल किया.