केंद्र की मोदी सरकार कुछ ही दिनों में अंतरिम बजट पेश करने वाली है। जी हां, एक फरवरी को मोदी कार्यकाल का अंतरिम बजट पेश किया जाएगा, जिसमें कई लुभावने वादों की बौछार की उम्मीद जताई जा रही है। देश का बजट हर बार की तरह इस बार भी एक फरवरी को पेश किया जाएगा। इस बजट में मोदी सरकार देश की जनता को कुछ बड़े तौहफे भी दे सकती है, जिसका असर आगामी चुनाव पर पड़ सकता है। हालांकि, इस बार बजट से मिडिल क्लास को ज्यादा उम्मीदें हैं। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से वित्त मंत्री अरूण जेटली 1 फरवरी को अपनी पोटली जनता के सामने खोलेंगे और इसके बाद 2019 का सियासी संग्राम शुरू होगा। इस बार के बजट में जहां एक तरफ महिलाएं, किसान और युवाओं पर फोकस किया जा सकता है, तो वहीं दूसरी तरफ मिडिल क्लास जोकि सरकार से बेहद नाराज़ है, उसके लिए भी बजट में कुछ न कुछ खास ज़रूर हो सकता है। राजनीतिक जानकारो की माने तो इस बार बजट मिडिल क्लास को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। और इसका ताजा उदाहरण सवर्ण आरक्षण है।
बजट 2019 में मिल सकता है मिडिल क्लास को बड़ा तौहफा
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इस बार के बजट में मिडिल क्लास को टैक्स में भारी भरकम छूट मिल सकती है और यह मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक हो सकता है। माना जा रहा है कि नौकरी पेशा लोगों को आयकर में मिलने वाली रियायती सीमा को बढ़ाई जा सकती है या फिर धारा सी के तहत इसमें बदलाव किया जा सकता है। हालांकि, अंतरिम बजट में सरकार की तरफ से यह पूरी कोशिश होगी कि इसका असर सीधे सीधे चुनावों पर पड़े, ऐसे में हर वर्ग को ध्यान में रखकर ही मिडिल क्लास को लेकर फैसला किया जाएगा।
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टैक्स कटौती में मिल सकती है इतनी छूट
भारतीय उद्योग संगठन ने भारत सरकार से यह अपील की है कि इनकम टैक्स छूट लिमिट को बढ़ाकर पांच लाख रूपये तक कर देना चाहिए, जोकि अभी 2.50 लाख ही है। ऐसे में अगर भारतीय उद्योग संगठन की यह मांग मानी जाती है तो इससे मिडिल क्लास वालो को काफी ज्यादा राहत मिलेगी। बता दें कि फिलहाल टैक्स 2.50 से ऊपर वाले लोगों को देना पड़ता है, लेकिन अगर यह सिफारिश मांगी गई तो यह सीमा पांच लाख रूपये तक बढ़ सकती है, जोकि अपने आप में ही एक बड़ी रकम है।
ये हैं मौजूदा टैक्स दरें
बताते चलें कि आयकर की वर्तमान दरों के हिसाब से सलाना 2.50 लाख तक कमाने वाले लोगों को टैक्स नहीं देना पड़ता है, लेकिन इसके ऊपर अलग अलग इनकम के हिसाब से अलग दरे लागू हैं। बता दें कि 2.50 से लेकर 5.00 लाख तक सलाना कमाने वाले लोगों को 5% टैक्स देना होता है। और 5 से 10 लाख रूपये सलाना कमाने वाले लोगों को 20 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है और उसके ऊपर 30 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है।