न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: बॉलीवुड फिल्म का गाना गोरे रंग पे तो इतना गुमां ना कर गोरा रंग दो दिन में ढल जाएगा। हालांकि कि ये एक गाना हैं लेकिन है बिल्कुल सहीं, क्योंकि अच्छी सूरत, गोरी रंगत हमेशा आपके साथ नहीं रहती है। बढ़ती उम्र के साथ ये सारी खूबसूरती एक किनारे रखी रह जाती है और बाकी बचती है तो सिर्फ सीरत। इसीलिए कहा जाता है कि इंसान की सूरत नहीं बल्कि उसकी सूरत देखकर प्यार करना चाहिए। क्योंकि इंसान का व्यवहार कभी नहीं बदलता लेकिन उसकी खूबसूरती एक उम्र के बाद ढलने लगती है। और सच्चा प्यार वही होता है जो शक्ल देखकर नहीं बल्कि इंसान का व्यवहार देखकर किया जाए। तो आज हम आपको एक ऐसी ही लव स्टोरी के बारे में बताएंगे जिसे सुनकर आप भी कहेंगे कि प्यार हो तो ऐसा।
ये लव स्टोरी है बैंगलोर के एक रहीस और एक किसान की बेटी की। शिवम बैंगलोर की एक रहीस परिवार का लड़का था एक दिन उसने एक लड़की को देखा और उसे देखते ही वो उसपर अपना दिल दे बैठा। शिवम ने जब उस लड़की का पता लगाया तो पता लगा कि उसके पिता एक किसान हैं। लड़की दिखने में बेहद खूबसूरत और समझदार थी। हालांकि शिवम भले ही पैसे वाले घर का हो लेकिन उस लड़की को मनाना शिवम के लिए आसान काम नहीं था।
जब पहली बार शिवम उस लड़की के पास गया और उसको प्रपोज किया तो लड़की ने साफ इंकार कर दिया। लड़की ने सोचा कि वो एक गरीब किसान की बेटी है और लड़का इतना पैसे वाला, ऐसे में इन दोनों का मिलना कभी मुमकिन नहीं हो सकता था। लेकिन शिवम ने भी हार नहीं मानी और वो शादी का रिश्ता लेकर सीधे लड़की वालों के घर जा पहुंचा। लड़की के घर वाले शादी के लिए राजी हो गए और दोनों की शादी हो गई।
दोनों अपनी शादीशुदा जिंदगी में बहुत खुश थे और सबकुछ बहुत अच्छे से चल रहा था कि तभी अचानक से लड़की को स्किन डिसीज हो गई। हालांकि लड़की ने काफी इलाज कराया लेकिन उसका कोई भी फायदा नहीं हुआ, उसकी वो बीमारी ठीक नहीं हो पाई और लड़की की खूबसूरती दिन बा दिन कम होने लगी। और वो बीमार पड़ने लगी। अपनी इस हालत के चलते लड़की को लगा कि कही उसकी खूबसूरती कम होने के कारण उसका पति उसको छोड़ ना दें। लड़की इसी चिंता में और कमजोर हुई जा रही थी।
फिर एक दिन पता लगा कि लड़के का एक्सीडेंट हो गया है और इस वजह से उसकी दोनों आंखो की रोशनी चली गई है। लड़के का एक्सीडेंट होने के बाद से वो लड़की उसकी और देखभाल करने लगी और उसकी आंखों की रोशनी जाने की वजह से लड़की के मन से ये डर भी चला गया कि अब उसके कम सुंदर दिखने पर भी लड़का उसको छोड़ेगा नहीं।
इसके बाद दोनों एक बार फिर से अच्छे से अपनी जिंदगी बिताने लगे, लेकिन लड़की की तबीयत दिन बा दिन खराब होती जा रही थी और कुछ समय बाद लड़की का निधन हो गया। जिसके बाद वो लड़का बिल्कुल अकेला हो गया और उसने शहर छोड़कर जाने का मन बना लिया।
जब शिवम शहर छोड़कर जा रहा था तो उसके पड़ोसी ने उससे पूछा कि अब तुम इस हालत में कैसे अपना जीवन यापन करोगे, तुम्हें तो कुछ दिखाई भी नहीं देता है।इस पर लड़के ने जो जवाब दिया वो सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे और आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। लड़के ने अपने पड़ोसी की चिंता जताने के लिए शुक्रियादा करते हुए कहा कि – मैं कभी अँधा हुआ ही नहीं था, बस अंधा होने का नाटक कर रहा था। मैं नहीं चाहता था कि मेरी पत्नी को उसकी बीमारी और बदसूरती के कारण ये लगे कि अब मैं उस से प्यार नहीं करता हूँ. इसलिए मैं कुछ सालो से अँधा होने का नाटक कर रहा था जिससे वो खुश रह सके। इतना कह कर शिवम वहां से चला गया लेकिन उसका ये सालों का त्याग और पत्नी के लिए प्यार देखकर उसके पड़ोसी के आंखो से आंसू निकल आए।
इस कहानी से यही सीख मिलती है कि अगर आप किसी से दिल से प्यार करते हो तो उसकी शक्ल सूरत इतना मायने नहीं रखती है, मायने रखता है तो उस व्यक्ति का आचरण जो हमेशा उसके साथ रहता है।