क्यों हो जाते हैं लोग प्यार में पागल, कहीं आपका पार्टनर भी तो नहीं है साइकोलवर!
हर लड़की का सपना होता है की कोई उसे दीवानों पागलों की तरह चाहे, लेकिन जब असल में कोई ऐसा इनसान उनके करीब आता है तो वह डर जाती हैं। ऐसा सिर्फ लड़कियों के साथ ही नहीं लड़कों के साथ भी होता है। कई बार उन्हें भी ऐसी कोई लड़की मिल जाती है जिसका प्यार हद से ज्यादा होता है औऱ वह घुटन बन जाता है। ऐसे साइको लवर वाली आपने बहुत सी फिल्में देखी होंगी जैसै डर या वादा। इन फिल्मों में दिखाया गया कि प्यार करने वाला किस हद तक पागल रहता है और जिससे वह प्यार करता है उसे किसी और के करीब आने भी नहीं देता है। आपको बताते हैं कि यह एक किस्म की बीमारी होती है और क्या है इससे जुड़ी बात।
प्यार में हद पार करने वाले लोगों के कारनामे
अक्सर अखबारों और टीवी चैनल्स में ऐसी खबरें देखने और सुनने को मिल जाती हैं जहां प्यार में लोगों के हद पार करने की खबरें आती हैं। ऐसे में एक खबर यह थी की एक व्यक्ति ने अपने गर्लफ्रेंड से मिलने के लिए पूरे प्लेन को ही हाईजैक कर लिया था। वहीं एक खबर ऐसी भी थी की एक लड़की अपने ब्वॉयफ्रेंड को लेकर इतनी पॉजेसिव थी की थोड़ा सा भी दूर होने पर उसने 65 हजार मैसेज अपने बवॉयफ्रेंड को भेज दिए थे। उसने अपने ब्वॉयफ्रेंड को इतना डरा दिया था कि उसे पुलिस बुलानी पड़ी थी। वहीं एक खबर यह भी थी जहां एक लड़के ने अपनी गर्लफ्रेंड के लाइफस्टाइल पर कंट्रोल करना शुरु कर दिया था औऱ उसके लिए बहुत सारे नियम बनाए थे।
अक्सर प्यार की शुरुआत में लोगों का जुनून बहुत ज्यादा रहता है। वह हर समय एक दूसरे से बात करना चाहते है, लेकिन वक्त के साथ यह जुनून भी कम होने लगता है। हालांकि जब ऐसे में कोई वक्त बितने के साथ और ज्यादा पॉजेसिव होने लगता है तो फिर यह सामने वाले के लिए खतरनाक होने लगता है। इसमें लगातार मैसेज करना, हमेशा बातें करना, कॉल करते रहना दो मिनट के लिए भी दूर ना होना औऱ हर वक्त नजरें गड़ाए रखना शामिल है। इसे स्टाकिंग भी कह सकते हैं, लेकिन कई मामलों में इसे ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर का नाम दिया जाता है।
क्या है ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर
अमेरिका की एक वेबसाइट ने इसे परिभाषित किया है। उनके अनुसार ऑबसेसिव लव डिसऑर्डर एक तरह की साइकोलॉजिकल कंडीशन होती है जिसमें लोग जिससे प्यार करते है उस पर कुछ ज्यादा ही मोहित हो जाते है। वह लोग कब प्यार को पागलपन में बदल बैठते हैं उन्हें पता नहीं चलता। ऐसे लोगों को लगता है कि वह जिसके साथ हैं उस व्यक्ति पर सिर्फ उनका हक है। ऐसे में दूसरा व्यक्ति अगर किसी औऱ के साथ हंसता बोलता या करीब आता दिखता है तो लोग पागल हो जाते हैं।
- ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर के लक्षण
- किसी के प्रति हद से ज्यादा आकर्षित होना और हर समय ऐसा ही महसूस करना
- व्यक्ति के प्रति दिन रात सोचना, आने वाले ख्यालों पर किसी तरह का नियंत्रण ना रख पाना
- दूसरे शख्स को उस शख्स से हमेशा दूर करने की इच्छा
- रिजेक्शन बर्दाश्त ना करना, ना सुनने पर पागल हो जाना
- उसके पीछे अपने होश खो बैठना और सारे रिश्ते भूल जाना
- बार बार मैसेज या कॉल करना, उसका पीछा करना, हर कार्य पर नजर रखना
- ब्लैकमेल करना, यह ख्वाहिश रखना की वह भी आपको उतना ही प्यार करें
क्यों होती है ये बीमारी
अटैचमैंट डिसऑर्डर
ऐसा इस वजह से होता है जब कोई व्यक्ति बचपन या किशोरावस्था में किसी से बहुत लगाव रखता था और वह उससे दूर हो गया हो। ऐसे में यह डर एक बीमारी की तरह मन में बैठ जाता है। अगर कोई व्यक्ति उनकी जिंदगी में आता है और उससे प्यार मिलता है तो खो जाने के डर से लोग सामने वाले की भावनां पर काबू करने लगते हैं।
बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर
इसे इमोशनली अनस्टेबल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर भी कह सकते हैं। ऐसे लोग अपनी भावनां को खुदी ही नहीं समझ पाते। उनके मन में रिश्तों को लेकर डर की भावना बसी रहती है। इस डिसऑर्डरसे जूझ रहे व्यक्ति को ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर होने की संभावना बढ़ जाती है।
इरोटोमेनिया
इसे एक तरह का भ्रम मान सकते हैं। ऐसे में व्यकित एकभ्रम में जीने लगता ह कि वह सामने वाले से प्यार करता है और सामने वाला भी उससे प्यार करता है, जबकि असल में ऐसा होता नहीं है। इससे भी व्यक्ति के पॉजेसिव होने के आसार बढ़ जाते हैं।
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