जानें दुनियाँ के सबसे अनोखे इस मंदिर के बारे में, यहाँ चोरी करने से पूरी होती है हर मनोकामना!
चोरी करना पाप है, यह बात हमें बचपन से ही बताई जा रही है। इस बात का सबसे ज्यादा जोर दिया जाता है कि भूलकर भी किसी देवस्थल से कोई सामान नहीं चोरी करनी चाहिए, वरना भगवन नाराज हो जायेंगे और आपको श्राप दे देंगे। ये सभी बातें हम सभी को अपने बचपन में बताई जाती हैं। लेकिन आज मैं आपको जो बताने जा रहा हूँ उसे सुनकर आपको अपने कानों पर यकीन नहीं होगा। आप सोचेंगे कि मैं मजाक कर रहा हूँ।
मंदिर में चोरी करने से पूरी होती है हर इच्छा:
दरअसल मैं जो बताने जा रहा हूँ, वह यह है कि भारत में एक ऐसा मंदिर है, जहाँ पर चोरी करने से आपकी सारी इच्छाएँ पूरी हो जाती है। आपको सुनकर जरुर हैरानी हुई होगी, लेकिन यह बिलकुल सच बात है। मैं जिस मंदिर की बात कर रहा हूँ, वह मंदिर देवभूमि उत्तराखंड में है। इस मंदिर में जो भी व्यक्ति चोरी करता है, उसकी सभी मनोकामनायें पूर्ण हो जाती है।
संतान प्राप्ति की चाहत लिए आते हैं यहाँ दंपत्ति:
आपको बता दें उत्तराखंड में स्थित इस मंदिर को चूड़ामणि देवी के मंदिर के नाम से जाना जाता है। देवी का यह मंदिर एक सिद्धपीठ है। यह मंदिर उत्तराखंड में रुड़की के चूड़ियाल गाँव में बना हुआ है। यहाँ ज्यादातर निःसंतान दंपत्ति जोड़े आते हैं और देवी माँ से बच्चे की कामना करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो भी यहाँ संतान प्राप्ति की इच्छा लेकर आता है, उसकी इच्छा पूरी हो जाती है।
माँ के चरणों से बिना बताये महिलाएँ ले जाती हैं गुड्डे:
जो भी यहाँ आता है, बिना किसी को बताये माँ के चरणों में रखे हुए लकड़ी के गुड्डे को ले जाता है। ऐसा करने से उनकी बच्चे की इच्छा पूरी हो जाती है। जब उनको संतान की प्राप्ति हो जाती है, तब वह लोग मंदिर में आकर पूजा-पाठ करते हैं और दान भी करते हैं। इस मंदिर में दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और माँ के आशीर्वाद से संतान प्राप्ति का सुख पाते हैं।
जंगल में शिकार के दौरान दिखी माँ की पिंडी:
इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण एक रियासत के राजा ने 1805 ईसवी में करवाया था। एक बार राजा जंगल में शिकार करने गया हुआ था, वहाँ उसे माँ की पिंडी के दर्शन हुए। राजा की एक भी संतान नहीं थी, इसलिए राजा माँ की पिंडी को घर ले आया और संतान प्राप्ति की माँग करते हुए उनकी पूजा करने लगा। राजा की मनोकामना जल्द ही पूरी हुई और वह बच्चे का पिता बन गया।